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वीडियो गेम एवं मनी गेम

  • 18 Jan 2023
  • 5 min read

इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics, Information and Technology- MeitY) को हाल ही में लिखे एक पत्र में वीडियो गेमिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वीडियो गेम को मनी गेम (जिसमें पैसे दाँव पर लगाए जाते हैं) से अलग गेम घोषित किया जाना चाहिये।

Games-Market

वीडियो गेम संबंधी चिंताएँ:

  • समान विनियामक कार्य क्षेत्र:
    • IT नियम, 2021 के संशोधन के हिस्से के रूप में एक स्व-नियामक निकाय का प्रस्ताव है जो भारत में अनुमत ऑनलाइन गेम को प्रमाणित करेगा।
    • वर्तमान मसौदा अधिसूचना में 'वीडियो गेम' और 'दाँव के लिये खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम' को एक ही नियामक दायरे में रखा गया है। 
      • विश्व में ऐसा कोई देश नहीं है जो खेलों की इन दो श्रेणियों को समान रूप से मान्यता देता है और विनियमित करता है।  
    • लेकिन गेमिंग कंपनियाँ 'वीडियो गेम' एवं 'रियल मनी गेम्स' (RMG) के बीच अंतर की कमी को लेकर चिंतित हैं, जो अक्सर जुए के समान राज्य के नियमों तथा कानूनों के कारण ग्रे ज़ोन में होते हैं।  
  • विशुद्ध रूप से मनोरंजन:
    • वीडियो गेम कंपनियों का कहना है कि उनके ‘गेम में पैसा लगाना शामिल नहीं है तथा विशुद्ध रूप से मनोरंजन के लिये खेला जाता है’।  
    • इनका कहना है कि रियल मनी गेम्स और फैंटेसी स्पोर्ट्स को सामूहिक रूप से अन्य देशों में ‘आईगेमिंग (iGaming) इंडस्ट्री’ के रूप में जाना जाता है।

उनकी मांगें क्या हैं?

  • वैश्विक दर्शकों के लिये भारत में विश्व स्तरीय वीडियो गेम बनाने हेतु एक उपयुक्त ढाँचा होना आवश्यक है जो उद्योगों की बारीकियों का सम्मान करता हो और विश्व की सर्वोत्तम कार्यप्रणाली से युक्त हो।
    • इसे पूंजी आकर्षित करने, बाज़ार पहुँच बढ़ाने, विदेशी प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने, प्रतिभा पूल बनाने और भारत को वैश्विक विजेता के रूप में विकसित करने हेतु एक लंबा मार्ग तय करना होगा। 
  • वीडियो गेम को यूरोपीय संघ के PEGI (Pan-European Game Information) और उत्तरी अमेरिका के ESRB (Entertainment Software Rating Board) जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप वीडियो गेम उद्योग-विशिष्ट स्व-नियामक निकाय (Industry-Specific Self-Regulatory Body-SRB) की स्थापना करके भारत-विशिष्ट आयु एवं सामग्री रेटिंग तंत्र के माध्यम से विनियमित किया जाना चाहिये। 
  • बच्चों में वीडियो गेम की लत, इन-गेम खरीदारी, आयु-अनुचित सामग्री और ऑनलाइन नुकसान जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिये मज़बूत ढाँचा बनाया जाए, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में बच्चों के ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण नियम (Children's Online Privacy Protection Rule- COPPA) और यूरोपीय संघ में सामान्य डेटा संरक्षण विनियमन (General Data Protection Regulation- GDPR) जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप वीडियो गेम उद्योग-विशिष्ट स्व-नियामक निकाय द्वारा विनियमित किया जाए।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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