प्रारंभिक परीक्षा
पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता (SASCI) योजना
- 30 May 2025
- 7 min read
स्रोत: फाइनेंशियल एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
केंद्र की 50 वर्षीय ब्याज-मुक्त पूंजीगत व्यय ऋण योजना, पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता (SASCI) के तहत, भारत में प्रमुख भूमि सुधारों को प्रेरित कर रही है, जिससे राज्य संपत्ति प्रणालियों को आधुनिक बनाने, दक्षता बढ़ाने और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।
SASCI क्या है?
- परिचय: इसका शुभारंभ वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी की प्रतिक्रिया में किया गया था।
- बाद में इसका नाम बदलकर SASCI कर दिया गया। इसका उद्देश्य विशेष रूप से पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करके आर्थिक सुधार को प्रोत्साहित करना है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- पूंजीगत निवेश केंद्र: इसके तहत राज्यों को विशेष रूप से पूंजीगत व्यय परियोजनाओं हेतु 50 वर्ष की अवधि के लिये दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना शामिल है।
- पूंजीगत व्यय से उत्पादन क्षमता बढ़ती है, रोज़गार सृजन होता है और सतत् विकास को बढ़ावा मिलता है। इसका उच्च गुणक प्रभाव होता है। यह अनुमान है कि खर्च किये गए प्रत्येक 1 रुपए से सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 3 रुपए की वृद्धि होती है।
- संरचना: विभिन्न क्षेत्रों को लक्ष्य करते हुए कई भागों में विभाजित, जैसे- शहरी सुधार, वाहन स्क्रैपिंग प्रोत्साहन, पुलिस आवास, मेक इन इंडिया पहल, डिजिटल बुनियादी ढाँचा, ऑप्टिकल फाइबर केबल और पर्यटन विकास।
- पूंजीगत निवेश केंद्र: इसके तहत राज्यों को विशेष रूप से पूंजीगत व्यय परियोजनाओं हेतु 50 वर्ष की अवधि के लिये दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करना शामिल है।
- प्रगति:
- बड़े पैमाने पर विस्तार: यह योजना वर्ष 2020-21 में 12,000 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 1,50,000 करोड़ रुपए तक पहुँच गई, जो पूंजी निवेश पर बढ़ते केंद्र को दर्शाती है।
- व्यापक औद्योगिक सुधार: SASCI के अंतर्गत 22 राज्यों ने औद्योगिक और वाणिज्यिक भूखंडों के लिये भवन उपनियमों को अद्यतन किया।
- इसके अतिरिक्त, 18 राज्यों ने सेटबैक और पार्किंग मानदंडों को अनुकूलित करके भूमि के क्षय को कम किया, जिससे उपलब्ध स्थान का अधिक कुशल उपयोग हुआ।
- ऊर्ध्वाधर औद्योगिक विकास को समर्थन देने हेतु 12 राज्यों ने फ्लैटेड कारखानों के लिये अनुमेय निर्मित क्षेत्र को दोगुना कर दिया है।
- इसके अलावा, 8 राज्यों ने वाणिज्यिक क्षेत्रों में फ्लोर एरिया अनुपात (FAR) बढ़ा दिया है, जिससे उच्च घनत्व विकास संभव हो सका है और समग्र शहरी उत्पादकता में वृद्धि हुई है।
- ग्रामीण भूमि डिजिटलीकरण: SASCI के तहत देश भर में 90% कैडस्ट्रल मानचित्र (भूमि स्वामित्व मानचित्र) भू-संदर्भित हैं और 30% भूमि पार्सल को विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) (भू-आधार) प्रदान की गई है।
- इसके अतिरिक्त, 91% अधिकार अभिलेखों (भूमि भूखंड के संदर्भ में सभी आवश्यक जानकारी वाले कानूनी दस्तावेज़) का डिजिटलीकरण किया गया, जिससे पारदर्शिता बढ़ी और विवादों में कमी आई।
- बेहतर भूमि प्रशासन और औद्योगिक सुधारों से विनिर्माण क्षमता में वृद्धि, ऋण पहुँच में सुगमता तथा समग्र आर्थिक विकास में वृद्धि होने की उम्मीद है।
- पर्यटन: SASCI के तहत पहली बार पर्यटन के लिये धनराशि निर्धारित की गई है, जिसके तहत वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों को विकसित करने हेतु 23 राज्यों में 40 परियोजनाओं के लिये 3,295 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।
पूंजीगत व्यय
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न . निम्नलिखित में से किसको/किनको भारत सरकार के पूंजी बजट में शामिल किया जाता है? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) |