रैपिड फायर
बैंकों हेतु जोखिम-आधारित जमा बीमा ढाँचा
- 22 Dec 2025
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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जोखिम-आधारित जमाकर्त्ता बीमा प्रीमियम ढाँचा को मंज़ूरी दे दी है, जो लंबे समय से लागू समान दर वाले सिस्टम से हटकर संपन्नता-आधारित मॉडल पर आधारित होगा। यह नया ढाँचा अगले वित्तीय वर्ष (FY 2026-27) से प्रभावी होगा।
- नीति में बदलाव: दशकों पुराने समान दर वाले प्रीमियम सिस्टम को जोखिम-आधारित प्रीमियम (RBP) मॉडल से बदल दिया गया है, जिसमें प्रीमियम की राशि बैंक की वित्तीय स्थिरता और जोखिम प्रोफाइल से जुड़ी होगी।
- मौजूदा व्यवस्था: सन् 1962 से जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम समान दर वाले प्रीमियम आधारित जमाकर्त्ता बीमा योजना चला रहा है। वर्तमान में बैंकों से प्रत्येक 100 रुपये के कर निर्धारणीय जमा राशियाँ पर 12 पैसे प्रीमियम लिया जाता है।
- कारण: मौजूदा फ्लैट-रेट वाले प्रीमियम सिस्टम में सभी बैंकों से एक ही दर पर बीमा प्रीमियम लिया जाता है, चाहे उनकी वित्तीय स्थिति कैसी भी हो, जिससे सुरक्षित बैंक जोखिमभरे बैंकों को सब्सिडी देने जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
- जोखिम-आधारित प्रीमियम मॉडल बीमा लागत को बैंक की जोखिम प्रोफाइल के अनुरूप बनाता है, जिससे बेहतर प्रशासन, पूंजी पर्याप्तता और सतर्क जोखिम प्रबंधन को प्रोत्साहन मिलता है।
- अपेक्षित प्रभाव: यह अत्यधिक जोखिम लेने को रोककर और बाज़ार अनुशासन को बढ़ाकर वित्तीय स्थिरता को मज़बूत करता है, साथ ही जमाकर्त्ताओं की सुरक्षा में कोई कमी नहीं करता।