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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 मई, 2023

  • 29 May 2023
  • 8 min read

खीर भवानी मेला 

कश्मीरी पंडित जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में माता खीर भवानी मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा पर जाते हैं। हालाँकि हाल के वर्षों में कश्मीरी पंडितों को लक्ष्य कर किये जा रहे आतंकवादी हमलों में वृद्धि के कारण तीर्थयात्रा में लोगों की भागीदारी में गिरावट आई है। वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद से कई कश्मीरी पंडित क्षेत्र में इस तरह के हमलों का शिकार हुए हैं। खीर भवानी मेले का इतिहास सदियों पुराना है, जो दिव्य माँ रागनी देवी के प्रति लोगों की श्रद्धा एवं भक्ति का प्रतीक है। यह ज्येष्ठ माह (जून-जुलाई) में शुक्ल पक्ष या चंद्रमा के बढ़ते चरण के दौरान अष्टमी के दिन मनाया जाता है। यह जीवंत उत्सव इस क्षेत्र में प्रचलित सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्त्व एवं सांप्रदायिक सद्भाव को प्रदर्शित करता है, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है, साथ ही कश्मीर की समृद्ध साझा विरासत की सराहना करता है। यह आतंकवादी हमलों की चुनौती के बावजूद कश्मीरी पंडित समुदाय का मेले के प्रति अटूट विश्वास और परंपराओं को बनाए रखने के दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करता है। यह सहिष्णुता व लचीलेपन के शक्तिशाली प्रतीक के रूप में है, क्योंकि यह त्योहार एकजुटता बनाए रखता है एवं विपरीत परिस्थितियों में आशा की ओर प्रेरित करता है।

और पढ़ें…इन डेप्थ: जम्मू और कश्मीर 

75 रुपए मूल्यवर्ग के स्मारक सिक्के का अनावरण 

नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर एक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 रुपए मूल्यवर्ग के एक स्मारक सिक्के का अनावरण किया। भारत द्वारा वर्ष 1960 के दशक से विभिन्न उद्देश्यों के लिये स्मारक सिक्के जारी किये गए हैं, जैसे- उल्लेखनीय व्यक्तित्वों का सम्मान, सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना या महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं का स्मरण करना। इस नए 75 रुपए के सिक्के की आकृति 44 मिमी. व्यास के साथ गोलाकार है। यह चार मिश्र धातुओं से बना है, जिसमें 50% चाँदी, 40% ताँबा, 5% निकल और 5% जस्ता शामिल है। जारी किये गए इस नए सिक्के के शीर्ष पर अशोक स्तंभ को दर्शाया गया है, जिसके नीचे सत्यमेव जयते अंकित किया गया है। देवनागरी लिपि में 'भारत' शब्द बाईं परिधि पर अंकित है, जबकि अंग्रेज़ी में "इंडिया" दाईं परिधि पर अंकित है। इस सिक्के के दूसरी तरफ नए संसद भवन की छवि चित्रित की गई है, जिसमें ऊपरी परिधि पर देवनागरी लिपि में "संसद संकुल" और निचली परिधि पर अंग्रेज़ी में "संसद परिसर" अंकित किया गया है। यह स्मारक सिक्का सिक्योरिटीज़ ऑफ प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) की वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है। ये सिक्के संग्रहणीय मूल्य रखते हैं, जिससे इनका वास्तविक मूल्य इनके अंकित मूल्य के अनुरूप नहीं हो सकता है, क्योंकि इनमें सामान्यतः चाँदी या सोने जैसी कीमती धातुएँ होती हैं। वर्ष 2011 के सिक्का अधिनियम के अनुसार, केंद्र सरकार के पास सिक्कों को डिज़ाइन और ढालने का अधिकार है, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) इनके वितरण में सीमित भूमिका निभा रहा है। सभी सिक्के मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित सरकारी टकसालों में ढाले जाते हैं। भारत में प्रथम स्मारक सिक्का वर्ष 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में जारी किया गया था।

UPI हस्तांतरण, 2027 तक भारतीय डिजिटल भुगतान परिदृश्य पर हावी
 

PwC इंडिया की "द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक- 2022-27" शीर्षक वाली एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) हस्तांतरण का मूल्य वित्तीय वर्ष 2026-27 तक प्रतिदिन 1 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। इसके तहत देश में खुदरा डिजिटल भुगतानों के मामले में 90% की  वृद्धि हुई है, जो भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली में UPI की स्थिति को और मज़बूत करेगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान खुदरा क्षेत्र में कुल हस्तांतरण का लगभग 75% UPI में किया गया। वित्त वर्ष 2022-23 के 103 बिलियन हस्तांतरण से वित्त वर्ष 2026-27 में 411 बिलियन हस्तांतरण की अनुमानित वृद्धि के साथ भारतीय डिजिटल भुगतान बाज़ार में हस्तांतरण की मात्रा के मामले में 50% की उल्लेखनीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) की उम्मीद है। इसके अलावा रिपोर्ट क्रेडिट कार्ड व्यवसाय की लाभप्रदता को दर्शाती है, जो वर्ष 2022-2023 में कुल कार्ड के राजस्व का लगभग 76% है। इसमें कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड जारी करने से राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में 42% की पर्याप्त वृद्धि देखी गई और इसके अगले पाँच वर्षों में 33% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है।

और पढ़ें… यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)  

बाल विवाह मुक्त अभियान, उदयपुर 

उदयपुर, राजस्थान में ज़िला प्रशासन ने गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से ज़िले में बाल विवाह को रोकने के लिये एक सक्रिय अभियान प्रारंभ किया है। सूचना देने में सुविधा हेतु कॉल करने वालों की पहचान की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिये एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है तथा बाल विवाह के मामलों की सूचना देने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहन के रूप में 2,100 रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। बाल विवाह में शामिल परिवारों के विरुद्ध निषेधाज्ञा जारी करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ज़िला प्रशासन ने अभियान के लिये समर्पित टीमों का गठन किया है। ये आदेश विवाह को प्रारंभ से ही शून्य घोषित कर देते हैं, जिससे दूल्हा और दुल्हन पर कानूनी कार्रवाई करने के लिये वयस्क होने तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

 उल्लेखनीय है कि उदयपुर में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 13(1) के अंतर्गत निषेधाज्ञा जारी किया जाना एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।

और पढ़ें… बाल विवाह

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