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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 अक्तूबर, 2021

  • 12 Oct 2021
  • 8 min read

जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख

11 अक्तूबर, 2020 को देश भर में लोकनायक ‘जयप्रकाश नारायण’ और ‘नानाजी देशमुख’ की जयंती मनाई गई। जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्तूबर, 1902 को बलिया (उत्तर प्रदेश) ज़िले में हुआ था। जयप्रकाश नारायण की शिक्षा अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हुई, जहाँ वे मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक बन गए। वर्ष 1929 में भारत लौटने पर वह ‘भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस’ में शामिल हो गए। वर्ष 1932 में उन्हें भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने पर एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। उन्होंने काॅन्ग्रेस पार्टी के भीतर एक वामपंथी समूह ‘काॅन्ग्रेस सोशलिस्ट पार्टी’ के गठन में अग्रणी भूमिका निभाई। वर्ष 1952 में उन्होंने ‘प्रजा सोशलिस्ट पार्टी’ की स्थापना की। स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान और गरीबों एवं दलितों के उत्थान के लिये जयप्रकाश नारायण को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। वहीं समाजिक कार्यकर्त्ता और राजनीतिज्ञ नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्तूबर, 1916 को महाराष्ट्र के ‘परभणी’ ज़िले में हुआ था। नानाजी देशमुख लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्य और जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। बाद में वह जनता पार्टी व भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बन गए। उन्हें वर्ष 1974 में आपातकाल के खिलाफ जय प्रकाश नारायण द्वारा शुरू किये गए आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है। उन्हें वर्ष 1999 में पद्मविभूषण और मरणोपरांत वर्ष 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

12 अक्तूबर, 2021 को ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ (NHRC) का 28वाँ स्थापना दिवस आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्तूबर, 1993 को की गई थी। मानवाधिकार आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह संविधान द्वारा प्रदत्त मानवाधिकारों जैसे- जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार एवं समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है और उनके प्रहरी के रूप में कार्य करता है। NHRC एक बहु-सदस्यीय संस्था है। इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। इन्हें इनके पद से केवल तभी हटाया जा सकता है जब सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की जाँच में इन पर दुराचार या असमर्थता के आरोप सिद्ध हो जाएँ। इसके अतिरिक्त आयोग में पाँच विशिष्ट विभाग (विधि विभाग, जाँच विभाग, नीति अनुसंधान एवं कार्यक्रम विभाग, प्रशिक्षण विभाग और प्रशासन विभाग) भी होते हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री, राज्य के गृह मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष के परामर्श पर की जाती है।

स्मार्टफोन आधारित ई-वोटिंग प्रणाली

हाल ही में तेलंगाना सरकार ने भारत की पहली ‘स्मार्टफोन आधारित ई-वोटिंग प्रणाली’ विकसित की है, जिसका परीक्षण शीघ्र ही तेलंगाना के ‘खम्मम ज़िले’ में किया जाएगा। यह देश की पहली ‘स्मार्टफोन आधारित ई-वोटिंग प्रक्रिया’ होगी। तेलंगाना चुनाव आयोग द्वारा इस संबंध में ‘TSEC eVote’ नामक एंड्राइड एप का उपयोग किया जा रहा है। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से मतदाता के ‘डिवाइस आईडी’ और ‘फोन नंबर’ को एक विशिष्ट नागरिक पंजीकरण प्रक्रिया से एकीकृत किया जाता है, ताकि मतदान हेतु केवल एक ही डिवाइस का उपयोग किया जा सके, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी। इस समग्र प्रकिया की निगरानी वेब पोर्टल के माध्यम से एक ‘व्यवस्थापक’ या एडमिन द्वारा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त संपूर्ण डेटा को राज्य डेटा केंद्रों में एक अतिरिक्त सुरक्षा विचार की दृष्टि से संग्रहीत किया जाएगा। विदित हो कि डिजिटल वोटिंग की यह अवधारणा वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों (PwD), बीमार लोगों, आवश्यक सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों को 'ई-वोटिंग' में सक्षम बनाएगी। इस प्रणाली को राज्य चुनाव आयोग द्वारा राज्य के ‘आईटी विभाग’ के ‘इमर्जिंग टेक्नोलॉजी विंग’ के साथ-साथ ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग’ के सहयोग से विकसित किया गया है। इस प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन (डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर) जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया गया है। 

भारत और यूनाइटेड किंगडम का 'फॉरवर्ड एक्शन प्लान'

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने वर्ष 2030 के रोडमैप के हिस्से के रूप में बिजली, स्वच्छ परिवहन, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित वित्त एवं अनुसंधान जैसे पहलुओं के लिये एक 'फॉरवर्ड एक्शन प्लान' पर सहमति व्यक्त की है। इस 'फॉरवर्ड एक्शन प्लान' के तहत बहुपक्षीय सहयोग के साथ-साथ स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा भंडारण, हरित हाइड्रोजन, बुनियादी चार्जिंग अवसंरचना, बैटरी भंडारण एवं नवीकरणीय ऊर्जा हेतु निवेश जुटाने की आवश्यकता सहित कई विषयों को कवर किया गया है। यह ‘एक्शन प्लान’ ऐसे समय में आया है जब भारत और ब्रिटेन हरित ऊर्जा के लिये एक वैश्विक बैंक स्थापित करने की संभावना तलाश रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम ने इससे पूर्व हरित एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में सार्वजनिक तथा निजी निवेश के 1.2 बिलियन डॉलर के पैकेज की घोषणा की थी और हरित हाइड्रोजन पर भारत के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की थी।

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