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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 अप्रैल, 2023

  • 10 Apr 2023
  • 5 min read

गर्मी से राहत पाने हेतु छोटी चोंच वाले इकिडना की रणनीति

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के ड्रायंड्रा वुडलैंड के छोटी चोंच वाले इकिडना गर्मियों के दौरान भीषण गर्मी से राहत पाने हेतु एक अनोखे तरीके का इस्तेमाल करते हैं। चूँकि ये कुत्तों की तरह हाँफने या मनुष्यों की तरह पसीना निकालने में सक्षम नहीं होते हैं, इसीलिये यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिये अपनी क्विल (quills) का उपयोग करते हैं। अपनी दो इंच लंबी रीढ़ को पीछे खिसकाकर ये ऊष्मा को रोकते हैं जबकि इसे ऊपर उठाने से ऊष्मा निष्कासित हो जाती है। हालाँकि शोधकर्त्ताओं के अनुसार स्नॉट के बुलबुले उड़ाने से इकिडना को शीत रखने में मदद मिल सकती है। इनके थूथन इलेक्ट्रोरिसेप्टर से ढके होते हैं जो भूमिगत शिकार का पता लगाने में सहायक हैं लेकिन यह आर्द्रता की स्थिति में ही कार्य करते हैं। इकिडना अंडे देने वाले स्तनपायी (मोनोट्रेम) हैं।  

अभ्यास कवच  

अंडमान और निकोबार कमान (ANC) ने हाल ही में 'अभ्यास कवच' नाम से दो महीने तक चलने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास का समापन किया। इस अभ्यास में थलसेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के उपकरण शामिल थे तथा इसका उद्देश्य संयुक्त युद्ध क्षमताओं को दुरुस्त करना एवं बलों के बीच अंतरसंचालनीयता और परिचालन तालमेल को बढ़ाना था। इसमें एंफीबियस लैंडिंग (आक्रमण के लिये समन्वित भूमि, समुद्र और वायु सेना की सैन्य कार्रवाई), एयर-लैंडिंग ऑपरेशन, हेलीबोर्न ऑपरेशन तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के एक दूरस्थ द्वीप पर विशेष बलों की तीव्र तैनाती शामिल थी।

आंध्र प्रदेश में दुर्लभ मृदा धातु 

नेशनल जियोफिज़िकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले में दुर्लभ मृदा धातु (REE) की खोज की है। REE में 15 लैंथेनाइड्स सहित 17 रासायनिक तत्त्वों का एक समूह लैंथेनम  (La), सेरियम (Ce), प्रेजोडियम (Pr), नियोडिमियम (Nd), प्रोमेथियम (Pm), समैरियम (Sm), यूरोपियम (Eu), गैडोलीनियम (Gd), टेरबियम (Tb), डिस्प्रोसियम (Dy), होल्मियम (Ho), एर्बियम (Er), थुलियम (Tm), येटरबियम (Yb), ल्यूटेटियम (Lu) और दो अतिरिक्त तत्त्व स्कैंडियम (Sc) तथा यत्रियम (Y) शामिल हैं। वे स्मार्टफोन, कंप्यूटर और जेट विमान जैसे आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले स्थायी चुंबक बनाने के लिये विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण हैं।

और पढ़े…  दुर्लभ मृदा धातु (REEs) 

सुखोई-30 MKI में राष्ट्रपति मुर्मू की पहली उड़ान 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में असम के तेज़पुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान में 30 मिनट की उड़ान भरी। वह इस तरह की उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति (पहली- पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल) हैं। तेज़पुर वायु सेना स्टेशन चीन के निकट भारतीय वायुसेना का एक महत्त्वपूर्ण हवाई अड्डा है, इसमें लड़ाकू स्क्वाड्रन, एक हेलीकॉप्टर इकाई और रडार तथा  मिसाइल स्क्वाड्रन स्थित हैं। सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान में राष्ट्रपति द्वारा भरी गई उड़ान भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में सशस्त्र बलों के साथ जुड़ाव का एक हिस्सा है। सुखोई-30 MKI रूस के सुखोई द्वारा विकसित और भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा लाइसेंस प्राप्त एक मल्टीरोल (बहु भूमिका वाला) लड़ाकू विमान है। यह भारतीय वायु सेना (IAF) में सबसे उन्नत फाइटर जेट्स में से एक है, इसका उपयोग हवाई श्रेष्ठता, हवा से ज़मीन पर हमले और हवा-से-हवा में ईंधन भरने के लिये किया जाता है।

और पढ़ेंभारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर, सुखोई-30 MKI

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