इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 मार्च , 2023

  • 04 Mar 2023
  • 7 min read

विश्व श्रवण दिवस 

विश्व श्रवण दिवस प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को विश्व भर में बहरेपन और श्रवण क्षति को रोकने साथ ही कान की देखभाल एवं श्रवण क्षमता वृद्धि के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) इसकी थीम तय करता है। इस वर्ष की थीम "सभी के कान की देखभाल एवं श्रवण क्षमता वृद्धि (Ear and hearing care for all)" है।

Communication

सुनने की सामान्य सीमा 0 dBHL (डेसिबल हियरिंग लेवल) से 20 dBHL तक होती है। बहरापन (Hearing Loss) सुनने में अक्षमता के साथ-साथ सामान्य श्रवण वाले व्यक्ति को 20 डीबी या दोनों कानों से बेहतर न सुनने की सीमा के रूप में परिभाषित किया गया है। हियरिंग ऑफ हियरिंग उन लोगों को संदर्भित करता है जिनमें बहरापन के हल्के से लेकर गंभीर लक्षण देखे जाते हैं। बधिर लोग सामान्यतः सुन नहीं सकते हैं ।

और पढ़ें… श्रवण क्षमता पर पहली विश्व रिपोर्ट: WHO

क्वाड बैठक 

नई दिल्ली में हाल ही में क्वाड की बैठक के दौरान क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन में दीर्घकालिक शांति का आह्वान किया और रूसी आक्रमण के संदर्भ में क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता के सम्मान पर ज़ोर दिया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार और संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादियों को नामित किये जाने से रोकने के प्रयासों को भी संबोधित किया। आतंकवाद से निपटने हेतु क्वाड वर्किंग ग्रुप बनाने और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के साथ अधिक निकटता से जुड़ने का निर्णय लिया गया, जो 23 सदस्यों का एक समूह है जिसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड चार लोकतांत्रिक देशों का एक समूह है: ये देश हैं भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान। सभी चार राष्ट्र लोकतांत्रिक राष्ट्र होने के साथ-साथ अबाधित समुद्री व्यापार और सुरक्षा हित साझा करते हैं। इसका लक्ष्य "मुक्त, खुला और समृद्ध" हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना तथा उसको बढ़ावा देना है। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने पहली बार वर्ष 2007 में क्वाड का प्रस्ताव रखा था। यह "चतुर्भुज" गठबंधन वर्ष 2017 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान द्वारा बनाया गया था। अगले क्वाड लीडर्स समिट की मेज़बानी वर्ष 2023 में ऑस्ट्रेलिया द्वारा की जाएगी।

Quad

और पढ़े…क्वाड से संबंधित मुद्दे और अवसर, रूस-यूक्रेन संघर्ष

हुमायूँ और अन्य महान मुगल 

बाबर के बेटे और दूसरे मुगल बादशाह हुमायूँ (1530-1540, 1555-1566) को दिल्ली में उन्हें समर्पित मकबरे (हुमायूँ का मकबरा) हेतु सबसे ज़्यादा जाना जाता है। वह छह महान मुगलों (बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब) में से एक है। हुमायूँ को मुख्य रूप से राजनीतिक और सैन्य विफलता के रूप में याद किया जाता है क्योंकि उसने दिल्ली में अपने प्रतिद्वंद्वी, अफगान शेर शाह (जिसे बाबर ने भारत में पराजित किया था) को हराया था और उसे ईरान में शरण लेनी पड़ी बाद में अपने सिंहासन को पुनः प्राप्त करने हेतु उसे अफगानिस्तान से लड़ना पड़ा था। बाबर ने राजवंश की स्थापना की, अकबर समावेशी राजा था और जहाँगीर अपने पिता एवं पुत्र दोनों की देख-रेख करता था, उसे एक ऐसे सम्राट के रूप में याद किया जाता है जिसका शासनकाल शांति, समृद्धि और कलाओं के उत्कर्ष के संदर्भ में लोकप्रिय था। शाहजहाँ प्रमुख निर्माणकर्त्ता था जिसने भारत के सबसे प्रसिद्ध स्थल ताजमहल का निर्माण किया। औरंगज़ेब के अधीन साम्राज्य का विस्तार सबसे दूर की सीमाओं तक हुआ।

और पढ़ें… इंडो-इस्लामी वास्तुकला 

धारा पहल

संस्कृति मंत्रालय द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के तत्त्वावधान में शुरू की गई अनूठी और प्रमुख पहल "धारा: भारतीय ज्ञान प्रणाली का स्रोत (Ode to Indian Knowledge Systems) को फरवरी 2023 में एक वर्ष पूरा हो गया है। मंत्रालय का भारतीय ज्ञान प्रणाली (The Indian Knowledge Systems-IKS) प्रभाग AICTE, नई दिल्ली स्थित शिक्षा धारा आयोजनों के लिये प्रमुख निष्पादन भागीदार है। अपनी साल भर की गतिविधियों के दौरान इसने  जन जागरूकता और हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करने में सफलता प्राप्त की है तथा IKS के कई कार्यक्षेत्रों के प्रचार और पुनरुद्धार के लिये रूपरेखा तैयार करने में सहायक सिद्ध हुआ है। 

आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष और भारतवासियों, उनकी संस्कृति एवं उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का अभिनंदन और इसका उत्सव मानाने के लिये भारत सरकार की एक पहल है। भारत ने देश भर में व्यक्तियों एवं समुदायों द्वारा चलाए गए कई आंदोलनों के साथ 100 से अधिक वर्षों तक चले एक लंबे संघर्ष के बाद वर्ष 1947 में भारतीय उपमहाद्वीप से विदेशी शासकों को सफलतापूर्वक निष्कासित कर दिया। 

और पढ़ें… 75वें स्वतंत्रता दिवस पर पहल

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2