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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 जून, 2022

  • 02 Jun 2022
  • 7 min read

उपराष्ट्रपति का सेनेगल दौरा   

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू तीन देशों (गैबॉन, सेनेगल और कतर) के दौरे के दूसरे चरण में 1 जून, 2022 को अफ्रीकी देश सेनेगल पहुँचे। वह सेनेगल के राष्ट्रपति मेकी सॉल के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। उपराष्ट्रपति की यह यात्रा भारत-सेनेगल राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हो रही है। यह यात्रा अफ्रीका के साथ निकटता से जुड़ने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सेनेगल आधिकारिक तौर पश्चिम अफ्रीका का एक देश है जिसकी राज़धानी डकार है। रणनीतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से अफ्रीका हमारे लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है। पिछले 3-4 दशकों से भारत ने इस महाद्वीप के साथ सक्रिय रूप से कार्य किया है। हालाँकि पिछले दशक से इसमें और तेज़ी आई है एवं साथ ही कुछ वर्षों में इस संबंध में कई गुना वृद्धि देखी गई है। अफ्रीकी देशों के साथ भारत की भागीदारी हमेशा द्विपक्षीय रही है। उदाहरण के तौर पर भारत-दक्षिण अफ्रीका के मध्य द्विपक्षीय संबंध को देखा जा सकता है। साथ ही जिन विभिन्न व्यापारिक गुटों के साथ साझेदारी के लिये प्रयास किये जाने की आवश्यकता है उनमें COMESA, ECOWAS, ECCAS, अफ्रीका के प्रमुख मुक्त व्यापार क्षेत्र शामिल हैं। 

‘डेक्‍कन क्‍वीन’  

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) को महाराष्‍ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे (Pune) से जोड़ने वाली प्रीमियम ट्रेन (Premium Train) डेक्‍कन क्‍वीन (Deccan Queen) ने 1 जून, 2022 को अपने संचालन के 92 वर्ष पूरे कर लिये हैं। देश की पहली इलेक्ट्रिक लोको ट्रेन ‘डेक्‍कन क्‍वीन’ का परिचालन 1 जून, 1930 को शुरू किया गया था, इसे सेंट्रल रेलवे के अग्रदूत ‘ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे’ (Great Indian Peninsula Railway- GIPR) द्वारा शुरू किया गया था। इस ट्रेन के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं जिनमें भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन, पहली लंबी दूरी की इलेक्ट्रिक ढुलाई ट्रेन, ‘पहली महिला-स्पेशल ट्रेन’ और ‘डाइनिंग की सुविधा प्रदान करने वाली पहली ट्रेन’ शामिल है। इसका नाम (डेक्कन क्वीन-Deccan Queen) पुणे के नाम पर रखा गया है जिसे ‘क्वीन ऑफ डेक्कन’ के रूप में भी जाना जाता है।  

फूलों की घाटी 

हाल ही में विश्‍व प्रसिद्ध धरोहर स्‍थल एवं राष्ट्रीय उद्यान उत्‍तराखंड की फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिये खोल दिया गया है। इस संबंध में नंदा देवी राष्‍ट्रीय उद्यान की ओर से सभी तैयारियांँ पूरी कर ली गई हैं। घाटी के प्रवेश द्वार घांघरिया में भी गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। समुद्र सतह से 3962 मीटर की ऊंँचाई पर स्थित फूलों की घाटी 87 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान उच्च-तुगंता वाले पश्चिम हिमालयी क्षेत्र में अवस्थित है। 6 नवंबर, 1982 को यूनेस्‍को ने इस घाटी को विश्‍व धरोहर स्‍थल घोषित किया था। फूलों की घाटी में पांँच सौ से अधिक रंग-बिरंगे फूलों की प्रजातियांँ पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में अल्पाइन फूलों तथा सुंदर घास के मैदान पाए जाते हैं। यहाँ वनस्पतियों एवं जीवों की उच्च विविधता और घनत्व पाया जाता है, जिनमें हिम तेंदुए, हिमालयी कस्तूरी मृग तथा पौधों की विभिन्न प्रजातियों सहित अनेक संकटापन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं। घाटी को हिंदू पौराणिक कथाओं में `नंदन कानन` अर्थात् “इंद्र का स्वर्ग” के रूप में वर्णित किया गया है।  

भारतीय व्यापार पोर्टल 

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री ने 27 मई, 2022 को नई दिल्ली में ‘भारतीय व्यापार पोर्टल’ का शुभारंभ किया। यह पोर्टल भारतीय निर्यातकों और विदेशी क्रेताओं के लिये अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के केंद्र के रूप में काम करेगा। यह पोर्टल व्यापार से व्यापार (B-2-B) मॉडल का डिजिटल व्यापार स्थल है जो लघु, मध्यम निर्यात उद्यमियों, दस्तकारों और किसानों को अपने उत्पादों के लिये नए बाज़ार का पता लगाने और वैश्विक स्तर पर बिक्री बढ़ाने में मददगार होगा। भारत ने अपने विदेशी व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य से दुनिया के विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक समझौते किये हैं। भारत की विदेश व्यापार नीति ने हमेशा वैश्विक वस्‍तुओं के व्यापार में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। तद्नुसार, भारत सरकार ऐसी नीतियों और प्रक्रियाओं को अपनाकर शेष विश्व के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है, जो दुनिया के अन्य देशों के साथ निर्यात व आयात बढ़ाने और इसे सुविधाजनक बनाने में मदद करेंगी। भारत सरकार के वाणिज्य विभाग ने वैश्विक स्तर पर विदेशी व्यापार गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने और व्यापार के विस्तार के लिये यह वेब पोर्टल विकसित किया है। 

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