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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 जुलाई, 2022

  • 01 Jul 2022
  • 7 min read

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 

भारत में प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day) मनाया जाता है, इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रति चिकित्सकों के योगदान और उनकी प्रतिबद्धता के लिये उनका आभार व्यक्त करना है। ध्यातव्य है कि भारतीय समाज में चिकित्सकों को भगवान के समान दर्जा दिया जाता है। भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के आयोजन की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 1991 में हुई थी, तभी से प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री और चिकित्सक डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में किया जाता है। डॉ. बिधानचंद्र रॉय का जन्म 01 जुलाई, 1882 को हुआ था और संयोगवश उनकी मृत्यु भी 1962 में 01 जुलाई को हुई थी। डॉ. बिधानचंद्र रॉय एक प्रख्यात भारतीय चिकित्सक, शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 1948 से वर्ष 1962 में अपनी मृत्यु तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। 

जीएसटी दिवस 

01 जुलाई को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष वस्तु और सेवा कर के ऐतिहासिक कर सुधार के कार्यान्वयन की वर्षगाँंठ है। पहला जीएसटी दिवस 01 जुलाई, 2018 को नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (GST) की पहली वर्षगाँठ को चिह्नित करने के रूप में मनाया गया था। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में 30 जून और 1 जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि में जीएसटी को लागू किया गया था। गौरतलब है कि GST एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे भारत को एकीकृत साझा बाज़ार बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। यह निर्माता से लेकर उपभोक्ताओं तक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर लगने वाला एकल कर है। GST के अंतर्गत जहाँ एक ओर केंद्रीय स्तर पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, काउंटरवेलिंग ड्यूटी जैसे अप्रत्यक्ष कर शामिल हैं,  वहीं दूसरी ओर राज्यों में लगाए जाने वाले मूल्यवर्द्धन कर, मनोरंजन कर, चुंगी तथा प्रवेश कर, विलासिता कर आदि भी सम्मिलित हैं।   

भगवान जगन्‍नाथ की विश्‍व प्रसिद्ध रथयात्रा  

विश्‍व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा 01 जुलाई, 2022 से ओडिशा के जगन्‍नाथ पुरी में शुरू हो रही है। जगन्नाथ मंदिर में जगन्नाथ भगवान श्रीकृष्ण रूप में विराजमान हैं। हर साल आषाढ़ माह में अमावस्या के बाद उनकी रथ यात्रा निकाली जाती है। भगवान जगन्‍नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के विग्रहों की नौ दिन की रथयात्रा में भाग लेने के लिये हज़ारों श्रद्धालु पुरी पहुंँच रहे हैं। यह यात्रा कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष बाद आयोजित हो रही है। भगवान जगन्‍नाथ, बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के रथ अपने पारंपरिक यात्रा मार्ग से गुंडिचा मंदिर तक जाएंगेे। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग राजवंश (Eastern Ganga Dynasty) के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव द्वारा किया गया था। जगन्नाथ पुरी मंदिर को ‘यमनिका तीर्थ’ भी कहा जाता है, इसके अलावा इस मंदिर को "सफेद पैगोडा" भी कहा जाता था और यह चारधाम तीर्थयात्रा (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) का एक हिस्सा है। मंदिर के चार (पूर्व में ‘सिंह द्वार’, दक्षिण में 'अश्व द्वार’, पश्चिम में 'व्याघ्र द्वार' और उत्तर में 'हस्ति द्वार’) मुख्य द्वार हैं। प्रत्येक द्वार पर नक्काशी की गई है। इसके प्रवेश द्वार के सामने अरुण स्तंभ या सूर्य स्तंभ स्थित है, जो मूल रूप से कोणार्क के सूर्य मंदिर में स्थापित था। 

अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस 

अंतर्राष्ट्रीय संसदीय दिवस (International Day of Parliamentarism) प्रत्येक वर्ष 30 जून को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिवस संसद की उन प्रक्रियाओं को चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है जिनके द्वारा सरकार की संसदीय प्रणालियाँ दुनिया भर के लोगों के रोज़मर्रा के जीवन को बेहतर बनाती हैं। साथ ही यह संसद/सांसदों के लिये चुनौतियों का सामना करने और उनसे प्रभावी तरीके से निपटने के लिये आपस में विचार-विमर्श   का एक अवसर भी है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा की गई थी। इसके अलावा यह दिन अंतर-संसदीय संघ के गठन की तिथि को भी चिह्नित करता है, जो संसदों का वैश्विक संगठन है,  जिसे वर्ष 1889 में स्थापित किया गया था। अंतर-संसदीय संघ सभी देशों की संसद तथा सांसदों के बीच समन्वय और अनुभवों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। यह मानवाधिकारों की रक्षा एवं सवर्द्धन में योगदान देने के साथ ही प्रतिनिधि संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण तथा विकास में भी योगदान देता है। 

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