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न्यू POEM प्लेटफाॅर्म

  • 02 Jul 2022
  • 8 min read

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने PSLV कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल या 'POEM' को सफलतापूर्वक लॉन्च कर उपलब्धि हासिल की है। 

इस उपलब्धि के अलावा ISRO द्वारा PSLV-C53 की मदद से सिंगापुर से तीन उपग्रह भी लॉन्च किये गए हैं। 

  • यह वर्ष का दूसरा ध्रुवीय सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) मिशन था। फरवरी 2022 में ISRO ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-04 और दो छोटे उपग्रहों के साथ PSLV-C52 को लॉन्च किया था। 
  • यह इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन था। 

सिंगापुर के उपग्रह/सैटेलाइट: 

  • DS-EO सैटेलाइट: यह भूमि वर्गीकरण के लिये पूर्ण-रंगीन चित्र प्रदान करने और मानवीय सहायता, आपदा राहत ज़रूरतों को पूरा करने हेतु एक इलेक्ट्रो-ऑप्टिक, मल्टीस्पेक्ट्रल पेलोड वहन करता है। 
  • NeuSAR सैटेलाइट: यह SAR (सिंथेटिक अपर्चर रडार) पेलोड ले जाने वाला सिंगापुर का पहला छोटा वाणिज्यिक उपग्रह है, जो दिन और रात सभी मौसमी स्थितियों में चित्र प्रदान करने में सक्षम है। 
  • SCOOB-I सैटेलाइट: यह छात्र उपग्रह शृंखला (S3-I) का पहला सैटेलाइट है, जो सिंगापुर के NTU स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में सैटेलाइट रिसर्च सेंटर (SaRC) से एक व्यावहारिक छात्र प्रशिक्षण कार्यक्रम है। 

 POEM की मुख्य विशेषताएंँ: 

  • POEM (PSLV कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल) ISRO का एक प्रायोगिक मिशन है जिसका कक्षीय/ऑर्बिट प्रयोग ध्रुवीय सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV)  के चौथे चरण के दौरान प्लेटफाॅर्म के रूप में किया जाता  है। 
    • PSLV एक चार चरणों वाला रॉकेट है जहाँ पहले तीन चरण प्रयोग होने के बाद समुद्र में गिर जाते हैं  और अंतिम चरण (PS4) उपग्रह को कक्षा में प्रक्षेपित करने के बाद अंतरिक्ष में कचरे/कबाड़ के रूप में चला जाता है। 
    • हालांँकि PSLV-C53 मिशन में उपयोग किये गए अंतिम चरण को  "स्थिर मंच"(Stabilised Platform) के रूप में उपयोग किया जाएगा। 
  • यह पहली बार है कि चौथा चरण (पीएस-4) एक स्थिर प्लेटफॅार्म के रूप में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। 
  • POEM में स्थायित्व के लिये एक नेविगेशन मार्गदर्शन और नियंत्रण (NGC) प्रणाली है, जो अनुमत सीमाओं के भीतर किसी भी एयरोस्पेस वाहन के उड़ान को नियंत्रित करता है। NGC निर्दिष्ट सटीकता के साथ इसे स्थिर करने के लिये प्लेटफार्म के मस्तिष्क के रूप में कार्य करेगा। 

पेलोड: 

POEM में छह पेलोड हैं जिनमें से दो भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप- दिगंतारा और ध्रुव स्पेस शामिल हैं, जो IN-SPACe और NSIL के माध्यम से सक्षम हैं। 

POEM PS4 टैंक के चारों ओर लगे सोलर पैनल और लीथियम आयन बैटरी से शक्ति प्राप्त करेगा। यह चार सौर सेंसर, एक मैग्नेटोमीटर, जायरोस एवं NAVIC का उपयोग करके नेविगेट करेगा। 

इसमें हीलियम गैस  का उपयोग करने वाला समर्पित नियंत्रण प्रणोदक भी हैं। यह  दूरसंचार सुविधा युक्त है। 

विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. PSLVs पृथ्वी संसाधनों की निगरानी के लिये उपयोगी उपग्रहों को लॉन्च करते हैं, जबकि GSLVs को मुख्य रूप से संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।  
  2. PSLVs द्वारा प्रक्षेपित उपग्रह पृथ्वी पर किसी विशेष स्थान से देखने पर आकाश में उसी स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर प्रतीत होते हैं।  
  3. GSLV Mk-III एक चार चरणों वाला प्रक्षेपण यान है जिसमें पहले और तीसरे चरण में ठोस रॉकेट मोटर्स का उपयोग तथा दूसरे व चौथे चरण में तरल रॉकेट इंजन का उपयोग किया जाता है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

A. केवल 1 
B. केवल 2 और 3 
C. केवल 1 और 2 
D. केवल 3 

उत्तर: (A) 

व्याख्या:  

  • PSLV भारत की तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है। PSLV पहला लॉन्च वाहन है जो तरल चरण (Liquid Stages) से सुसज्जित है। इसका उपयोग मुख्य रूप से निम्न पृथ्वी की कक्षाओं में विभिन्न उपग्रहों विशेष रूप से भारतीय उपग्रहों की रिमोट सेंसिंग शृंखला को स्थापित करने के लिये किया जाता है। यह 600 किमी. की ऊँचाई पर सूर्य-तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षाओं में 1,750 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है। 
  • GSLV को मुख्य रूप से भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली (इनसैट) को स्थापित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, यह दूरसंचार, प्रसारण, मौसम विज्ञान और खोज एवं बचाव कार्यों जैसी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये इसरो द्वारा प्रक्षेपित बहुउद्देशीय भू-स्थिर उपग्रहों की एक शृंखला है। यह उपग्रहों को अत्यधिक दीर्घवृत्तीय भू-तुल्यकालिक कक्षा (जीटीओ) में स्थापित करता है। अत: कथन 1 सही है। 
  • भू-तुल्यकालिक कक्षाओं में उपग्रह आकाश में एक ही स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर प्रतीत होते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है। 
  • GSLV Mk-III चौथी पीढ़ी तथा तीन चरण का प्रक्षेपण यान है जिसमें चार तरल स्ट्रैप-ऑन हैं। स्वदेशी रूप से विकसित सीयूएस जो कि उड़ने में सक्षम है, GSLV Mk-III के तीसरे चरण का निर्माण करता है। रॉकेट में दो ठोस मोटर स्ट्रैप-ऑन (S200) के साथ एक तरल प्रणोदक कोर चरण (L110) और एक क्रायोजेनिक चरण (C-25) के साथ तीन चरण शामिल हैं। अत: कथन 3 सही नहीं हैअतः विकल्प (A) सही उत्तर है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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