इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 17 मई, 2021

  • 17 May 2021
  • 7 min read

बसव जयंती

(Basava Jayanti)

भारतीय प्रधानमंत्री ने बसव जयंती के अवसर पर जगद्गुरु बसवेश्वर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • नवंबर 2015 में भारत के प्रधानमंत्री ने लंदन की थेम्स नदी (लैम्बेथ) के किनारे बसवेश्वर की प्रतिमा का उद्घाटन किया।

Basava-Jayanti

प्रमुख बिंदु 

जन्म

  • उनका जन्म कर्नाटक में 1131 ई. में हुआ था।

परिचय

  • वह 12वीं सदी के एक महान भारतीय दार्शनिक, राजनेता और समाज सुधारक थे।
  • वह शिव-केंद्रित भक्ति आंदोलन में ‘लिंगायत संत’ और कल्याणी चालुक्य/कलचुरी वंश के शासनकाल के दौरान हिंदू शैव समाज सुधारक थे।
    • लिंगायत भारत में एक हिंदू संप्रदाय है, जो शिव को एकमात्र देवता के रूप में पूजता है। दक्षिण भारत में लिंगायत समुदाय का विशेष प्रभाव दिखाई पड़ता है।
  • उन्हें ‘भक्ति भंडारी’ (शाब्दिक रूप से ‘भक्ति के कोषाध्यक्ष’) या बसवेश्वर (भगवान बसव) के रूप में भी जाना जाता है।

योगदान

  • बसवन्ना ने ‘वचन’ नामक अपनी कविताओं के माध्यम से सामाजिक जागरूकता फैलाई।
  • विभिन्न महत्त्वपूर्ण लिंगायत कार्यों का श्रेय बसवन्ना को दिया जाता है, जिनमें शत-स्थल-वचन, कला-ज्ञान-वचन, मंत्र-गोप्य, घटना चक्र-वचन और राज-योग-वचन आदि शामिल हैं।
  • गौतम बुद्ध की तरह बसवन्ना ने भी आम जनमानस को एक तर्कसंगत सामाजिक व्यवस्था में आनंदपूर्वक जीने का तरीका सिखाया, जिसे बाद में ‘शरण आंदोलन’ के रूप में जाना जाने लगा।
  • शरण आंदोलन ने सभी जातियों के लोगों को आकर्षित किया और भक्ति आंदोलन के अधिकांश प्रकारों की तरह इसके तहत भी काफी महत्त्वपूर्ण साहित्य और वचनों की रचना की गई, जिसने ‘वीरशैव संतों’ के लिये आध्यात्मिक मार्ग प्रशस्त किया।
  • बसवा द्वारा स्थापित ‘अनुभव मंडप’ ने सामाजिक लोकतंत्र की नींव रखी।
  • बसव का मानना ​​था कि मनुष्य अपने जन्म से नहीं बल्कि समाज में अपने आचरण से महान बनता है।
  • उन्होंने ‘कार्य’ को पूजा और उपासना के रूप में रेखांकित करते हुए शारीरिक श्रम की गरिमा बनाए रखने पर ज़ोर दिया।

मृत्यु

  • उनकी मृत्यु 1167 ई. में हुई।

भक्ति आंदोलन

  • भक्ति आंदोलन तमिल क्षेत्र में शुरू हुआ और इसने अलवार (विष्णु के भक्त) तथा नयनार (शिव के भक्त), वैष्णव और शैव कवियों की कविताओं के माध्यम से काफी लोकप्रियता हासिल की।
  • ये संत धर्म को एक औपचारिक पूजा के रूप में नहीं देखते थे बल्कि वे पूजा करने वाले व्यक्ति और भगवान के बीच प्रेम पर आधारित एक प्रेम बंधन के रूप में देखते थे।
  • भक्ति आंदोलन मूल रूप से 9वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में शंकराचार्य के साथ शुरू हुआ और  भारत के विभिन्न हिस्सों में फैला तथा 16वीं शताब्दी तक कबीर, नानक और श्री चैतन्य के साथ एक महान आध्यात्मिक शक्ति के रूप में उभरा।

पीएम किसान

(PM-KISAN)

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ की 8वीं किस्त जारी की है।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना के तहत, केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष तीन समान किस्तों में 6,000 रुपए की राशि सीधे सभी भूमिधारक किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है, भले ही उनकी जोत का आकार कुछ भी हो।
    • इसे फरवरी 2019 में लॉन्च किया गया था।
  • वित्तपोषण और क्रियान्वयन
    • यह योजना, भारत सरकार से 100 प्रतिशत वित्तपोषित एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।
    • इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
  • लाभार्थियों की पहचान
    • लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान करने का समग्र दायित्त्व राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को दिया गया है।
  • उद्देश्य
    • प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य और उचित पैदावार सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न आदानों की खरीद में छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना।
    • किसानों को कृषि संबंधी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु साहूकारों के चंगुल में पड़ने से बचाना और खेती की गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
  • पीएम किसान मोबाइल एप
    • बीते दिनों इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से ‘राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र’ (NIC) द्वारा विकसित और डिज़ाइन किया गया ‘पीएम-किसान मोबाइल एप’ लॉन्च किया गया है।
    • इस एप के माध्यम से किसान अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं, अपडेट कर सकते हैं तथा अपने आधार कार्ड में सुधार कर सकते हैं, साथ ही इसके माध्यम से बैंक खातों में क्रेडिट की भी जाँच की जा सकती है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow