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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 07 फरवरी, 2020

  • 07 Feb 2020
  • 10 min read

एंगुइला

Anguilla

एंगुइला (Anguilla), कैरेबियन सागर में एक द्वीप है जिसने दो नवीन प्रौद्योगिकियों (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वैनिटी यूआरएल) के माध्यम से वित्तीय लाभ कमाया है।

Anguilla

मुख्य बिंदु:

  • ‘AI’ एंगुइला का ‘कंट्री कोड’ है और यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का एक संक्षिप्त रूप भी है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एंगुइला को वित्तीय लाभ: जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप या कोई बड़ी कंपनी या कोई निवेशक द्वारा इंटरनेट एड्रेस जो कि ‘.ai’ के साथ समाप्त होता है, पंजीकृत या नवीनीकृत करवाया जाता है तो इस द्वीप को वार्षिक रूप से 50 डाॅलर का शुल्क उन स्टार्टअप्स, कंपनियों या निवेशकों से मिलता है जो ज़्यादातर एंगुइला के सरकारी राजकोष में जमा होता है।
    • वैनिटी यूआरएल (Uniform Resource Locator- URL) एक अनूठा वेब एड्रेस है जिसका उपयोग मार्केटिंग उद्देश्यों को पूरा करने के लिये किया जाता है। वैनिटी यूआरएल एक प्रकार का कस्टम यूआरएल है जो उपयोगकर्त्ताओं को किसी एक वेबसाइट के विशिष्ट पृष्ठ को याद रखने और खोजने में मदद करता है।

एंगुइला के बारे में

  • यह पूर्वी कैरेबियन सागर में स्थित एक ब्रिटिश समुद्रपारीय द्वीप है अर्थात इस पर ब्रिटेन का अधिकार है।
    • कैरेबियन सागर अटलांटिक महासागर का एक भाग है जो मैक्सिको की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में है।
  • इसका निर्माण मूँगा एवं चूना पत्थर से हुआ है और यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है।
  • अन्य द्वीप: इस क्षेत्र में कई छोटे निर्जन अपतटीय द्वीप हैं जिनमें से कुछ बड़े द्वीप डॉग (Dog), स्क्रब (Scrub) और सोम्ब्रेरो (Sombrero) और प्रिकली पीयर काय्स (Prickly Pear Cays) हैं।
  • जनसंख्या: एंगुइला की अधिकांश आबादी अफ्रीकी मूल की है जिनमें अधिकतर लोग ईसाई धर्म को मानते हैं।
  • अर्थव्यवस्था: यहाँ की अर्थव्यवस्था पर्यटन और वित्तीय सेवाओं पर आधारित है, जबकि कृषि का महत्त्व बहुत कम है।

मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व

Mudumalai Tiger Reserve

हाल ही में तमिलनाडु राज्य के मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व (Mudumalai Tiger Reserve) में बंदी हाथियों के लिये कायाकल्प शिविर का शुभारंभ किया गया।

Mudumalai-Tiger-Reserve

मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व के बारे में

  • अवस्थिति: मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व तमिलनाडु राज्य के नीलगिरि ज़िले में तीन राज्यों (कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु) के त्रि-जंक्शन पर स्थित है।
  • इसका क्षेत्रफल 321 वर्ग किमी. है। यह वर्ष 1986 में घोषित भारत के पहले बायोस्फीयर रिज़र्व (नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व) का हिस्सा है।
  • सीमा विस्तार: इसकी सीमा पश्चिम में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल), उत्तर में बांदीपुर टाइगर रिज़र्व (कर्नाटक) और दक्षिण-पूर्व में नीलगिरि उत्तर प्रभाग और दक्षिण-पश्चिम में गुडालुर (Gudalur) वन प्रभाग से मिलकर टाइगर और एशियाई हाथी जैसी प्रमुख प्रजातियों के लिये एक बड़े संरक्षण परिदृश्य का निर्माण करती है।
  • मोयार (Moyar) नदी मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व से होकर बहती है और मुदुमलाई तथा बांदीपुर अभयारण्य के बीच प्राकृतिक विभाजन रेखा का निर्माण करती है।
  • टाइगर रिज़र्व की घोषणा: तमिलनाडु राज्य सरकार ने अप्रैल 2007 में मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व में बाघों की घटती आबादी के कारण इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम- 1972 के तहत टाइगर रिज़र्व घोषित किया था।
  • वनस्पति: मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व में लंबी घास पाई जाती है, जिसे आमतौर पर ‘एलीफेंट ग्रास’ कहा जाता है। यहाँ बाँस, सागौन, रोज़वुड जैसी मूल्यवान वृक्षों की प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं।
  • जीव-जंतु: इस क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं में बाघ, हाथी, इंडियन गौर, पैंथर, बार्किंग डियर, मालाबार विशालकाय गिलहरी और हाइना आदि हैं।

नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्काॅलरशिप स्कीम

National Means-cum-Merit Scholarship Scheme

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने जानकारी दी है कि नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्काॅलरशिप स्कीम (National Means-cum-Merit Scholarship Scheme- NMMSS) से सीनियर एवं सीनियर सेकेंड्री कक्षाओं में ड्रॉप-आउट दर को कम करने में मदद मिली है।

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मुख्य बिंदु:

  • यह स्कीम केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) के अंतर्गत मई 2008 में लागू की गई थी।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य आठवीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ने वाले आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना और उन्हें माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने के लिये प्रोत्साहित करना है।
  • स्काॅलरशिप से संबंधित प्रावधान: इस योजना के तहत राजकीय विद्यालय, सरकारी सहायता प्राप्त एवं स्थानीय निकाय वाले स्कूलों में अध्ययन कर रहे कक्षा नौ के चयनित छात्रों को दसवीं से बारहवीं कक्षा तक पढाई जारी रखने के लिये एक लाख नई छात्रवृत्तियाँ (12000 रुपए प्रति छात्र प्रतिवर्ष) प्रदान की जाती है।
    • इस योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिये छात्रों का चयन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों द्वारा आयोजित एक परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।

योजना का मूल्यांकन:

  • इस योजना के तहत देश भर के लगभग 16.93 लाख छात्रों को अब तक छात्रवृत्तियाँ दी जा चुकी हैं।
  • सभी संस्थानों के प्रमुखों ने बताया है कि NMMS योजना ने सीनियर एवं सीनियर सेकेंड्री कक्षाओं में ड्रॉप-आउट दर को कम कर दिया है।

लखनऊ घोषणा

Lucknow Declaration

06 फरवरी, 2020 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित प्रथम भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्री कॉन्क्लेव 2020 (1st India-Africa Defence Ministers Conclave- IADMC 2020) में लखनऊ घोषणा (Lucknow Declaration) को अपनाया गया।

Lucknow-Declaration

मुख्य बिंदु:

  • यह कॉन्क्लेव लखनऊ में आयोजित डेफएक्सपो-2020 (DefExpo-2020) का ही एक भाग था।
  • इस कॉन्क्लेव में पूर्वी एवं दक्षिणी अफ्रीका के पारंपरिक भागीदारों के अलावा पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों ने भी अपने अधिकारियों के लिये प्रशिक्षण सहित संयुक्त रक्षा अभ्यास और भारत के साथ रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ करने की मांग की।
  • दोनों देशों के नेताओं ने भारत और अफ्रीकी देशों के लिये शांति और सुरक्षा के महत्त्व को पहचाना जिसके तहत ‘साइलेंस द गन्स: अफ्रीकी विकास के लिये अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण’ (Silence the Guns: Creating Conducive Conditions for African Development) नामक थीम को अफ्रीकी संघ के ‘थीम आफ द ईयर’ के रूप में शामिल किया गया।
  • दोनों देशों के नेताओं ने अफ्रीका में शांति एवं सुरक्षा के लिये अफ्रीकी संघ के विज़न का स्वागत किया जो भारत के 'सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास- Security and Growth for all in the Region) के विज़न से मेल खाता है।
  • इस अवसर पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने निवेश, रक्षा उपकरण सॉफ्टवेयर में संयुक्त उद्यम, डिजिटल रक्षा क्षेत्र, पारस्परिक रूप से लाभप्रद शर्तों पर अनुसंधान एवं विकास सहित रक्षा क्षेत्र के उद्योगों में गहन सहयोग का आह्वान किया।
  • भारत-अफ्रीकी विकास साझेदारी: भारत ने अपनी मज़बूत भारत-अफ्रीकी विकास साझेदारी (India-Africa Development Partnership) के माध्यम से अफ्रीकी देशों को रक्षा उपकरण, अनुदान और लाइन आफ क्रेडिट उपलब्ध कराए हैं।
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