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ऑटिज़्म के लिये माइक्रोबायोम लिंक

  • 21 Feb 2023
  • 9 min read

यह पाया गया है कि मानव में आँत (Gut) माइक्रोबायोम की संरचना कई बीमारियों को उत्पन्न करती है, जिसमें ऑटिज़्म, क्रोहन रोग आदि शामिल हैं।

  • गट माइक्रोबायोम या गट माइक्रोबायोटा, सूक्ष्मजीव हैं, जिनमें बैक्टीरिया, आर्किया, कवक और विषाणु शामिल हैं जो मनुष्यों के पाचन तंत्र में रहते हैं, वे भोजन के पाचन, प्रतिरक्षा प्रणाली, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करके जन्म से और जीवन भर शरीर को प्रभावित करते हैं।

ऑटिज़्म:  

  • परिचय: 
    • ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) तंत्रिका-विकासात्मक विकारों के समूह के लिये एक शब्द है।  
    • शोधकर्त्ताओं को अभी तक ASD के एटिओलॉजी (Aetiology)  को पूरी तरह से समझना बाकी है। हालाँकि वे यह पता लगाने में लगे हैं कि क्या आँत-मस्तिष्क अक्ष एक विकार का प्रमुख हिस्सा हो सकता है। 
      • एटिओलॉजी उन कारकों का अध्ययन है जो किसी स्थिति या बीमारी का कारण बनते हैं।
    • यह एक जटिल मस्तिष्क विकास विकलांगता है जो किसी व्यक्ति के जीवन के पहले 3 वर्षों के दौरान दिखाई देती है। 
    • यह मानसिक मंदता नहीं है क्योंकि ऑटिज़्म से पीड़ित लोग कला, संगीत, लेखन आदि जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट कौशल दिखा सकते हैं। ASD वाले व्यक्तियों में बौद्धिक कामकाज़ का स्तर अत्यंत परिवर्तनशील होता है, जो गहन क्षीण से बेहतर स्तर तक विस्तृत होता है।

Autism

  • कारण: 
    • पर्यावरण और अनुवांशिक कारकों सहित बच्चे को ASD होने की संभावनाओं को बढ़ाने वाले कई कारक होने की संभावना है।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के अनुसार, ASD 100 बच्चों में से एक को प्रभावित करता है।
  • संकेत और लक्षण: 
    • ASD  से प्रभावित बच्चों में खराब सामाजिक संपर्क, खराब मौखिक और अशाब्दिक संचार कौशल देखा जाता है, जो प्रतिबंधित और दोहराव वाले व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
  • उपचार: 
    • हालांँकि ASD का कोई इलाज नहीं है फिर भी इसके लक्षणों को देखते हुए उचित चिकित्सा परामर्श प्रदान किया जा सकता है। इनमें लक्षणों के आधार पर मनोवैज्ञानिक सलाह, माता-पिता और अन्य देखभालकर्त्ताओं हेतु स्वास्थ्य संवर्द्धन, देखभाल, पुनर्वास सेवाओं आदि के लिये व्यवहार उपचार एवं कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।

गट माइक्रोबायोम और ऑटिज़्म के बीच संबंध: 

  • मानव माइक्रोबायोम, जिसे कभी-कभी "फॉरगॉटन ऑर्गन" कहा जाता है, वृद्धि, विकास, शरीर विज्ञान, प्रतिरक्षा, पोषण और बीमारी सहित मेज़बान प्रक्रियाओं की शृंखला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • माना जाता है कि गट माइक्रोबायोम का मानव शरीर में प्रतिरक्षा मॉड्यूलेशन और चयापचय गतिविधियों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
    • इम्यून मॉड्यूलेशन प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रयासों को संदर्भित करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसकी प्रतिक्रिया खतरे के अनुपात में है।
  • कुछ वैज्ञानिकों ने गट माइक्रोबायोम के महत्त्व पर प्रश्न उठाया है कि माइक्रोबायोम ASD का कारण नहीं बन सकता है, इसलिये ASD के पैथोफिजियोलॉजी में इसकी भूमिका सीमित है।
  • लेकिन इस विषय पर किये गए शोध से पता चला है कि भले ही गट माइक्रोबायोम एक प्रेरक भूमिका नहीं निभाता है, पर इसमें व्याप्त असामान्यताएँ विषाक्त मेटाबोलाइट्स वाले व्यक्ति के लिये चुनौती पैदा कर सकती हैं और व्यक्ति को अनुभूति, व्यवहार, निद्रा एवं मनोदशा में शामिल न्यूरोट्रांसमीटर बनाने के लिये आवश्यक मेटाबोलाइट्स को संश्लेषित करने से रोक सकती हैं
  • नतीजतन, ASD में पेट का 'इलाज' करने से विषाक्त दबाव को कम किया जा सकता है, जिसमें इसका ब्लड-ब्रेन बैरियर के माध्यम से प्रवाहित होकर आवश्यक न्यूरोट्रांसमीटर संश्लेषण मार्गों को पूरा करने में मदद करता है।

ASD से संबंधित पहलें: 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. प्रोबायोटिक्स के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1.  प्रोबायोटिक्स बैक्टीरिया और यीस्ट दोनों से बने होते हैं।
  2.  प्रोबायोटिक्स में जीव उन खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं जिन्हें हम खाते हैं लेकिन वे स्वाभाविक रूप से हमारी आँत में नहीं होते हैं।
  3.  प्रोबायोटिक्स दूध शर्करा के पाचन में मदद करते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2 और 3

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • प्रोबायोटिक्स जीवित लाभकारी बैक्टीरिया और/या खमीर होते हैं जो शरीर में स्वाभाविक रूप से विद्यमान होते हैं। बैक्टीरिया को आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में देखा जाता है जो शरीर को बीमार बनाते है। अतः कथन 1 सही है।
  • एसिडोफिलस एक प्रोबायोटिक बैक्टीरिया है जो स्वाभाविक रूप से मानव आँत और शरीर के अन्य भागों में होते है। यह बैक्टीरिया पाचन तंत्र में लैक्टोज शर्करा को लैक्टिक एसिड में तोड़ने में मदद करता है। हर व्यक्ति की आँत में अरबों बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म जीव रहते हैं। ऐसे कई माध्यम हैं जिनसे आप प्रोबायोटिक सप्लीमेंट ले सकते हैं। वे विभिन्न रूपों में आते हैं, जिनमें खाद्य पदार्थ, पेय पदार्थ, कैप्सूल या गोलियाँ, पाउडर आदि सम्मिलित हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है परंतु कथन 3 सही है।

स्रोत: द हिंदू

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