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माले महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य

  • 28 Jun 2025
  • 3 min read

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

कर्नाटक के माले महादेवेश्वरा हिल्स (MM हिल्स) वन्यजीव अभयारण्य में एक बाघिन और उसके चार शावकों की मृत्यु हो गई, जिनको ज़हर देने की आशंका जताई जा रही है। यह घटना मानव–वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों के बीच सामने आई है।

माले महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य

  • परिचय: यह अभयारण्य कर्नाटक के दक्षिण–पूर्वी भाग में, चामराजनगर ज़िले में तमिलनाडु सीमा के निकट स्थित है और वर्ष 2013 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
    • इसकी स्थलाकृति मुख्यतः शुष्क पर्णपाती वनों से बनी है, जिसमें विभिन्न ऊँचाइयों पर आर्द्र पर्णपाती, अर्द्ध-सदाबहार, सदाबहार तथा शोला वनों के छोटे-छोटे हिस्से भी पाए जाते हैं।
  • पारिस्थितिक महत्त्व: यह क्षेत्र कर्नाटक में बिलिगिरी रंगनाथस्वामी मंदिर (BRT) टाइगर रिज़र्व और कावेरी वन्यजीव अभयारण्य तथा तमिलनाडु में सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व के निकट है, जिससे यह दोनों राज्यों के बीच एक महत्त्वपूर्ण बाघ गलियारे का निर्माण करता है।
    • यह क्षेत्र बाघों, तेंदुओं, हाथियों सहित शिकार प्रजातियों की समृद्ध आबादी का आवास है।
  • टाइगर रिज़र्व का दर्जा: MM हिल्स को टाइगर रिज़र्व में अपग्रेड करने का प्रस्ताव लगभग 15 वर्षों से लंबित है। यदि इसे स्वीकृति मिलती है, तो चामराजनगर भारत का पहला ज़िला बन जाएगा जहाँ तीन टाइगर रिज़र्व- बांदीपुर, BRT और MM हिल्स स्थित होंगे।
    • मध्य प्रदेश (785 बाघ) के बाद कर्नाटक में भारत की दूसरी सबसे बड़ी बाघ आबादी (563 बाघ) है।
  • मानव बस्तियाँ: यह क्षेत्र दो प्रमुख समुदायों का आवास है- सोलिगा, जो मूल रूप से शिकारी-संग्राहक रहे हैं और लिंगायत, जो मैसूर से आए मंदिर के पुजारी हैं तथा मंदिर प्रबंधन से जुड़े हुए हैं।

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