रैपिड फायर
टिड्डी दल
- 02 May 2025
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स्रोत: द हिंदू
एक नए अध्ययन से पता चला है कि टिड्डी दल यादृच्छिक व्यवहार से नहीं, बल्कि संज्ञानात्मक निर्णय लेने वाले मॉडल द्वारा निर्देशित होते हैं। टिड्डे अपनी गति के लिये अनेक दृश्य संकेतों का उपयोग करते हैं, जिससे विकेंद्रित निर्णय-प्रक्रिया के माध्यम से समन्वित दल बनते हैं। यह मॉडल दल के व्यवहार का पूर्वानुमान लगाने और प्रारंभिक हस्तक्षेप रणनीतियों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
टिड्डियाँ
- टिड्डियाँ एक प्रकार के तृण-भोजी परिग (Grasshopper) हैं जो एक्रिडिडे (Acrididae) कुल से संबंधित हैं। रेगिस्तानी टिड्डियों (Schistocerca Gregaria) को सबसे विनाशकारी प्रवासी कीट माना जाता है।
- टिड्डियाँ तब तक एकांतवासी कीट होती हैं, जब तक कि उनमें समूहीकरण नामक परिवर्तन नहीं आ जाता, जिसके बाद वे अधिक सामाजिक हो जाते हैं और बड़े दलों में एकत्र होते हैं।
- एक छोटे दल (1 वर्ग किमी) में 80 मिलियन टिड्डियाँ हो सकती हैं, जो एक दिन में 35,000 लोगों के बराबर भोजन खा जाती हैं, जबकि एक बड़ा दल 1.8 मिलियन मीट्रिक टन वनस्पति खा सकता है।
- टिड्डियाँ प्रवासी कीट हैं जो दल में सैकड़ों किलोमीटर तक उड़ने में सक्षम हैं। वे एक सीमा पार के कीट हैं जो अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के बीच यात्रा करते हैं।
- भारत का अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र, जिसमें राजस्थान, गुजरात और हरियाणा राज्य शामिल हैं, 2 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, विशेष रूप से टिड्डियों के आक्रमण के प्रति संवेदनशील है, जो प्रायः अफ्रीका और खाड़ी जैसे क्षेत्रों से आते हैं।
- भारत में रेगिस्तानी टिड्डी (Schistocerca Gregaria), प्रवासी टिड्डी (Locusta Migratoria), बॉम्बे टिड्डी (Nomadacris Succincta), और ट्री टिड्डी (Anacridium Sp.) रिपोर्ट की गई है।
- भारत का टिड्डी चेतावनी संगठन, राजस्थान और गुजरात में 10 टिड्डी सर्किल कार्यालयों के साथ मिलकर अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र में राज्य सरकारों के समन्वय से रेगिस्तानी टिड्डियों की निगरानी, सर्वेक्षण और नियंत्रण करता है।
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