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दीघा में जगन्नाथ धाम मंदिर

  • 03 May 2025
  • 2 min read

स्रोत: IE

पश्चिम बंगाल के दीघा में जगन्नाथ धाम मंदिर, जिसका उद्घाटन अप्रैल 2024 में किया गया,यह एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक और स्थापत्य विकास का प्रतीक है। 

  • ओडिशा के 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर (पुरी) से प्रेरित यह मंदिर कलिंग शैली की वास्तुकला में निर्मित है, जिसमें रत्नवेदी पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
  • इस मंदिर में चार प्रमुख संरचनाएँ हैं—विमान (गर्भगृह), जगमोहन (सभा मंडप), नाट्य मंडिर (नृत्य मंडप) तथा भोग मंडप (प्रसाद मंडप)
  • यह मंदिर बंसी पहाड़पुर सैंडस्टोन से निर्मित है और इसमें पत्थर की मूर्तियाँ प्रतिष्ठित हैं, जबकि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में नीम की लकड़ी से निर्मित दारुब्रहम स्वरूप की प्रतिमाएँ हैं।
  • पुरी का जगन्नाथ मंदिर: यह मंदिर पूर्वी गंग वंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव द्वारा 12वीं शताब्दी ईस्वी में निर्मित कराया गया था।
    • मूर्तियाँ लकड़ी (नीम की लकड़ियों) से बनी होती हैं नवकलेवर अनुष्ठान के अंतर्गत प्रत्येक 12–19 वर्षों में प्रतिस्थापित की जाती हैं।
    • यह कलिंग स्थापत्य (ओडिशा मंदिर स्थापत्य की एक उप-शैली) का उत्कृष्ट उदाहरण है।
    • यह चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक है—बद्रीनाथ, द्वारका तथा रामेश्वरम के साथ—और वैष्णव मत का एक प्रमुख केंद्र भी है।
    • मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज सदैव वायु की दिशा के विपरीत लहराता है तथा सुदर्शन चक्र हर कोण से एक समान प्रतीत होता है—जो एक अद्भुत दृष्टि भ्रम (optical illusion) है।

अधिक पढ़ें: जगन्नाथ मंदिर

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