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प्रारंभिक परीक्षा

TeLEOS-2 उपग्रह

  • 19 Apr 2023
  • 6 min read

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के TeLEOS-2 उपग्रह को लॉन्च करने के लिये तैयार है।

  • यह प्रक्षेपण इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle- PSLV) द्वारा किया जाएगा।
  • यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के माध्यम से एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन है जिसमें प्राथमिक उपग्रह के रूप में TeLEOS-2 और सह-यात्री उपग्रह के रूप में Lumelite-4 है।

TeLEOS-2 उपग्रह: 

  • परिचय: 
    • TeLEOS-2 ST इंजीनियरिंग द्वारा विकसित एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है जिसका वज़न 741 किलोग्राम है और इसमें सिंथेटिक एपर्चर रडार है जो 1 मीटर रिज़ॉल्यूशन में डेटा प्रदान करने में सक्षम है।
    • यह एक उच्च रिज़ॉल्यूशन कैमरे से युक्त है जो एक मीटर तक के ग्राउंड रिज़ॉल्यूशन के साथ छवि रिकॉर्ड कर सकता है।
  • उद्देश्य:  
    • TeLEOS-2 का प्राथमिक उद्देश्य शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन, समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण निगरानी सहित विभिन्न अनुप्रयोगों हेतु पृथ्वी की सतह की उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजरी प्रदान करना है।
    • इस उपग्रह द्वारा सिंगापुर की स्मार्ट राष्ट्र पहल का सहयोग किये जाने की भी उम्मीद है, जिसका उद्देश्य नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हेतु प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।

TeLEOS-2

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV):

  • PSLV इसरो द्वारा विकसित अत्यधिक सक्षम तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है। वर्षों से लगातार बेहतर प्रदर्शन के कारण इसे प्रायः "इसरो का वर्कहॉर्स" कहा जाता है।
    • PSLV में चार चरण हैं: 
      • पहले चरण के ठोस रॉकेट मोटर में छह ठोस स्ट्रैप-ऑन बूस्टर जोड़े गए हैं। 
      • दूसरा चरण एक पृथ्वी भंडारण योग्य तरल रॉकेट इंजन द्वारा संचालित है जिसे विकास इंजन कहा जाता है, जिसे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर द्वारा विकसित किया गया है।
      • तीसरा चरण एक ठोस रॉकेट मोटर है जो प्रक्षेपण यान द्वारा पृथ्वी के वायुमंडल को पार करने के बाद ऊपरी चरणों के लिये उच्च थ्रस्ट प्रदान करता है।  
      • अंत में PSLV का सबसे ऊपरी चरण दो पृथ्वी-भंडारण योग्य तरल इंजनों से सुसज्जित है।
    • यह लिक्विड स्टेज से लैस पहला भारतीय लॉन्च व्हीकल है।
    • इस लॉन्च व्हीकल की सहायता से दो अंतरिक्षयान- वर्ष 2008 में चंद्रयान-1 और वर्ष 2013 में मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्षयान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया जिसने बाद में क्रमशः चंद्रमा और मंगल तक की यात्रा की। 

इसरो और सिंगापुर के बीच पिछला अंतरिक्ष सहयोग: 

  • TeLEOS-1 सिंगापुर का एक वाणिज्यिक मिशन है। इसका उद्देश्य समय-संवेदी घटनाओं (Time-sensitive Events) की त्वरित प्रतिक्रिया में सहायता के लिये उच्च अस्थायी इमेज़री की सुविधाजनक पहुँच प्रदान करना है।
    • वर्ष 2015 में TeLEOS-1 के सफल प्रक्षेपण के बाद TeLEOS-2 इसरो द्वारा सिंगापुर के लिये लॉन्च किया गया दूसरा उपग्रह होगा।
      • यह सिंगापुर का पहला वाणिज्यिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।
  • सिंगापुर में एक उपग्रह ग्राउंड स्टेशन के डिज़ाइन और विकास कार्य के रूप में इसरो और ST इंजीनियरिंग के बीच सहयोग से अंतरिक्ष से संबंधित अन्य परियोजनाओं का विकास भी हुआ है।

      UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत  वर्ष के प्रश्न  

    प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

    1. PSLV से वे उपग्रह प्रमोचित किये जाते हैं जो पृथ्वी के संसाधनों के नियंत्रण में उपयोगी हैं, जबकि GSLV को मुख्यत: संचार उपग्रहों को प्रमोचित करने के लिये अभिकल्पित किया गया है।
    2.  PSLV द्वारा प्रमोचित उपग्रह आकाश में एक ही स्थिति में स्थायी रूप में स्थिर रहते प्रतीत होते हैं जैसा कि पृथ्वी के एक विशिष्ट स्थान से देखा जाता है।
    3.  GSLV Mk III, एक चार-स्टेज वाला प्रमोचन वाहन है, जिसमें प्रथम और तृतीय चरणों में ठोस रॉकेट मोटरों का तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरणों में द्रव रॉकेट इंजनों का प्रयोग होता है।

    उपर्युत्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

    (a) केवल 1
    (b) केवल 2 और 3
    (c) केवल 1 और 2
    (d) केवल 3

    उत्तर: (a) 

    स्रोत: द हिंदू

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