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हंगरी द्वारा स्वीडन की नाटो सदस्यता का अनुसमर्थन

  • 29 Feb 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू 

हंगरी की संसद ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन में शामिल होने के लिये स्वीडन की दावेदारी को मंज़ूरी देने के लिये मतदान किया, जिससे वह गठबंधन में शामिल होने वाला 32वाँ देश बन गया।

  • नाटो, एक महत्त्वपूर्ण ट्रान्साटलांटिक सैन्य और राजनीतिक गठबंधन है जो गठबंधन में शामिल सदस्य देशों के लिये सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसका गठन प्रमुख रूप से यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 12 देशों द्वारा किया गया था। यह अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • NATO का मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में बुलेवार्ड लियोपोल्ड-III में स्थित है।
  • नाटो के गठबंधन:
    • यूरो-अटलांटिक पार्टनरशिप काउंसिल
    • भूमध्यसागरीय वार्ता: यह एक साझेदारी मंच है, जिसका उद्देश्य नाटो के भूमध्य और उत्तरी अफ्रीकी पड़ोस में सुरक्षा तथा स्थिरता में योगदान करना है एवं भाग लेने वाले देशों व नाटो सहयोगियों के बीच अच्छे संबंधों और समझ को बढ़ावा देना है। 
    • इस्तांबुल सहयोग पहल (ICI): इसका उद्देश्य व्यापक मध्य पूर्व क्षेत्र में गैर-नाटो देशों को नाटो के साथ सहयोग करने का अवसर प्रदान कर दीर्घकालिक वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान करना है। 
  • "नाटो प्लस" का आशय नाटो और अमेरिका के पाँच संधि सहयोगियों द्वारा स्थापित सुरक्षा व्यवस्था से है जिनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, जापान, इज़रायल और दक्षिण कोरिया शामिल हैं जिसका उद्देश्य सदस्यों के रूप में वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ाना तथा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से रणनीतिक प्रतिस्पर्द्धा करना है। 
    • नाटो प्लस नाटो के अंतर्गत आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त अथवा स्थापित अवधारणा नहीं है।

और पढ़ें…उत्तर अटलांटिक संधि संगठन

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