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हट्टी समुदाय

  • 23 Jul 2022
  • 9 min read

हाल ही में केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के तान-गिरी क्षेत्र के हट्टी समुदाय को आदिवासी का दर्जा देने पर विचार कर रही है।

हट्टी समुदाय:

  • हट्टी एक घनिष्ठ समुदाय है, जिसे कस्बों में 'हाट' नामक छोटे बाज़ारों में घरेलू सब्जियाँ, फसल, मांस और ऊन आदि बेचने की परंपरा से यह नाम मिला है।
  • हट्टी समुदाय में पुरुष आमतौर पर समारोहों के दौरान एक विशिष्ट सफेद टोपी पहनते हैं।
  • यह समुदाय सिरमौर से गिरि और टोंस नामक दो नदियों द्वारा विभाजित हो जाता है।
    • टोंस इसे उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र से विभाजित करती है 
    • वर्ष 1815 में जौनसार बावर क्षेत्र के अलग होने तक उत्तराखंड के ट्रांस-गिरी क्षेत्र और जौनसार बावर में रहने वाले हट्टी कभी सिरमौर की शाही रियासत का हिस्सा थे।
  • ट्रांस-गिरी और जौनसार बावर में समान परंपराएँ हैं तथा अंतर्जातीय-विवाह आम बात है।
  • हट्टी समुदायों के बीच एक कठोर जाति व्यवस्था है- भट और खश उच्च जातियाँ हैं, जबकि बधोई उनसे नीची जाति है। अंतर्जातीय विवाह अब परंपरागत रूप से सख्त नहीं रहे हैं।
    • हट्टी समुदाय ‘खुंबली’ नामक एक पारंपरिक परिषद द्वारा शासित है, जो हरियाणा के खाप पंचायत की तरह सामुदायिक मामलों को देखती है।
    • पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना के बावजूद खुंबली की शक्ति को कोई चुनौती नहीं मिली है
  • सिरमौर और शिमला क्षेत्रों की लगभग नौ विधानसभा सीटों पर उनकी अच्छी उपस्थिति है।
    • भारत की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की कुल आदिवासी आबादी 3,92,126 है, जो राज्य की कुल आबादी का 5.7% है।

उनकी मांगें:

  • जनजातीय दर्जा:
    • वे वर्ष 1967 से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, जब उत्तराखंड के जौनसार बावर में रहने वाले लोगों को आदिवासी का दर्जा दिया गया था, जिसकी सीमा सिरमौर ज़िले से लगती है।
  • चुनौतियाँ:
    • स्थलाकृतिक नुकसान के कारण हिमाचल प्रदेश के कामरौ, संगरा और शिलियाई क्षेत्रों में रहने वाले हट्टी शिक्षा तथा रोज़गार दोनों में पिछड़ गए हैं।

भारत में अनुसूचित जनजातियों की स्थिति:

  • परिचय:
    • 1931 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों को "बहिष्कृत" और "आंशिक रूप से बहिष्कृत" क्षेत्रों में रहने वाली "पिछड़ी जनजाति" कहा जाता है। वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम ने पहली बार प्रांतीय विधानसभाओं में "पिछड़ी जनजातियों" के प्रतिनिधियों को बुलाया।
    • संविधान अनुसूचित जनजातियों की मान्यता के मानदंडों को परिभाषित नहीं करता है, इसलिये वर्ष 1931 की जनगणना में निहित परिभाषा का उपयोग स्वतंत्रता के बाद के प्रारंभिक वर्षों में किया गया था।
    • हालाँकि संविधान का अनुच्छेद 366 (25) केवल अनुसूचित जनजातियों को परिभाषित करने के लिये प्रक्रिया प्रदान करता है: "अनुसूचित जनजातियों का अर्थ ऐसी जनजातियों या जनजातीय समुदायों या जनजातियों या जनजातीय समुदायों के कुछ हिस्सों या समूहों से है जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति माना जाता है।
      • 342(1): राष्ट्रपति किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में, जबकि राज्य के संदर्भ में राज्यपाल के परामर्श के बाद सार्वजनिक अधिसूचना द्वारा उस राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में जनजातियों या जनजातीय समुदायों के हिस्से या जनजातियों या जनजातीय समुदायों के भीतर के समूहों को अनुसूचित जनजाति के रूप में निर्दिष्ट कर सकता है।
    • 705 से अधिक जनजातियाँ हैं जिन्हें अधिसूचित किया गया है। सबसे अधिक संख्या में आदिवासी समुदाय ओडिशा में पाए जाते हैं।
    • संविधान की पाँचवीं अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के अलावा अन्य राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों एवं अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन तथा नियंत्रण के लिये प्रावधान करती है।
    • छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है।
  • कानूनी प्रावधान:
  • संबंधित पहल:
  • संबंधित समितियाँ:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न स्टैंडअप इंडिया योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)

  1. इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
  2. यह सिडबी के माध्यम से पुनर्वित्त प्रदान करता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

व्याख्या:

  • इस योजना को अप्रैल 2016 में आर्थिक सशक्तिकरण और रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए ज़मीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था। अत: कथन 1 सही है।
  • महिलाओं तथा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोगों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना, ताकि व्यापार, विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने को तैयार एवं प्रशिक्षु दोनों प्रकार के उधार लेने वालों की मदद की जा सके।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • नई (ग्रीनफ़ील्ड) परियोजना की स्थापना के लिये 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए के बीच बैंक ऋण प्रदान करना।
    • कार्यशील पूंजी के आहरण के लिये डेबिट कार्ड (रुपे)।
    • उधारकर्त्ता का सा पृष्ठिभूमि तैयार करना।
    • भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपए की प्रारंभिक राशि के साथ पुनर्वित्त विभाजन। अत: कथन 2 सही है।
    • नेशनल क्रेडिट गारंटी न्यासी कंपनी (एनसीजीटीसी) के माध्यम से क्रेडिट गारंटी के लिये 5,000 करोड़ रुपए के कोष का निर्माण।
    • पूर्व-ऋण प्रशिक्षण आवश्यकताओं, ऋण की सुविधा,मध्यस्थ , मार्केटिंग आदि के लिये व्यापक समर्थन के साथ उधारकर्त्ताओं हेतु समर्थन जुटाना।
    • ऑनलाइन पंजीकरण और सहायता सेवाओं के लिये वेब पोर्टल। अतः विकल्प (C) सही उत्तर है

स्रोत: इंडियन एक्स्प्रेस

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