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गिलोय/गुडुची

  • 18 Feb 2022
  • 3 min read

हाल ही में आयुष मंत्रालय ने एक बार फिर यह दोहराया है कि गिलोय/गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) एक सुरक्षित औषधि है और उपलब्ध आंँकड़ों के अनुसार, इसका शरीर पर कोई विषाक्‍त प्रभाव नहीं पड़ता है। 

  • इससे पहले मीडिया के कुछ वर्गों ने एक बार फिर गिलोय/गुडुची का लीवर (यकृत) की खराबी से संबंध जोड़ा है। 
  • आयुष मंत्रालय के अनुसार, किसी भी दवा की सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि उसका किस प्रकार उपयोग किया जा रहा है। दवा की खुराक एक प्रमुख कारक है,जिससे उस विशेष दवा की सुरक्षा का निर्धारण होता है।

Guduchi

प्रमुख बिंदु 

गिलोय/गुडुची के बारे में:

  • गिलोय  पेड़ों के सहारे बढ़ने वाली एक झाड़ी है, जो कि ‘मेनिस्पर्मेसी’ वानस्पतिक परिवार से संबद्ध है।
  • यह पौधा भारत का स्थानिक है, लेकिन चीन,ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी पाया जाता है।
  • इसका उपयोग बुखार, संक्रमण, दस्त और मधुमेह सहित कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिये किया जाता है।

गिलोय/गुडुची के औषधीय अनुप्रयोग:

  • विभिन्न चयापचय संबंधी विकारों के उपचार में इसके स्वास्थ्य लाभों और एक प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में इसकी क्षमता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
  • यह एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक, एंटी-हाइपरलिपिडेमिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव, कार्डियोवस्कुलर प्रोटेक्टिव, न्यूरोप्रोटेक्टिव, ओस्टियोप्रोटेक्टिव, रेडियोप्रोटेक्टिव, एंटी-डिप्रेशन, एडाप्टोजेनिक, एनाल्जेसिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीपीयरेटिक, एंटी-डायरियल, एंटी-अल्सर और एंटी-माइक्रोबियल के रूप में उपयोग किया जाता है एवं इसे कैंसर रोधी के तौर पर भी देखा जाता है।
  • इसका उपयोग मानव जीवन प्रत्याशा की वृद्धि में सहायता करते हुए चयापचय, अंतःस्रावी और कई अन्य बीमारियों के उपचार के लिये चिकित्सा विज्ञान के एक प्रमुख घटक के रूप में किया जाता है।
  • यह पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में अपने व्यापक चिकित्सीय अनुप्रयोगों के लिये एक लोकप्रिय जड़ी- बूटी है और इसका उपयोग कोविड-19 के प्रबंधन में किया गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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