प्रारंभिक परीक्षा
गूगल का प्रोजेक्ट सनकैचर
- 18 Dec 2025
- 43 min read
चर्चा में क्यों?
गूगल ने प्रोजेक्ट सनकैचर की घोषणा की है, जो अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा से चलने वाले डेटा केंद्रों का परीक्षण करने के लिये एक दीर्घकालिक अनुसंधान पहल है, जिसका प्रथम प्रायोगिक प्रक्षेपण वर्ष 2027 में किया जाना प्रस्तावित हैं।
सारांश
- गूगल के प्रोजेक्ट सनकैचर का उद्देश्य अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा से चलने वाले डेटा सेंटर को विकसित करना है, जिसके लिये AI चिप्स और लेजर-आधारित संचार से लैस उपग्रहों के समूह का उपयोग करके कक्षा में ही डेटा को संसाधित किया जाएगा।
- इस पहल का उद्देश्य पृथ्वी पर स्थित डेटा केंद्रों के बढ़ते ऊर्जा बोझ को कम करना, जलवायु-अनुकूल कंप्यूटिंग का समर्थन करना और बाह्य अंतरिक्ष संधि, 1967 के तहत डिजिटल और अंतरिक्ष शासन को नया रूप देना है।
गूगल का प्रोजेक्ट सनकैचर क्या है?
- परिचय: इस परियोजना का उद्देश्य उपग्रहों पर छोटे कंप्यूटिंग रैक तैनात करके अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा से चलने वाले डेटा केंद्रों का परीक्षण करना है। गूगल, पृथ्वी की इमेजिंग करने वाली कंपनी प्लैनेट लैब्स के साथ साझेदारी में एक शिक्षण मिशन के हिस्से के रूप में, वर्ष 2027 की शुरुआत तक दो प्रोटोटाइप उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बना रहा है ।
- यह टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स (TUP) पर निर्भर करेगा, जो गूगल की पेटेंटेड कस्टम चिप्स हैं जिन्हें उच्च मात्रा, कम परिशुद्धता वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रोसेसिंग के लिये डिज़ाइन किया गया है, और डेटा सेंटर-स्तरीय गणना में सक्षम उपग्रहों के एक समूह में उपग्रहों को आपस में जोड़ने के लिये लेज़र-आधारित ऑप्टिकल लिंक का उपयोग करेगा।
- अंतरिक्ष में डेटा सेंटर का संचालन:
- सौर ऊर्जा उत्पादन: उपग्रह सतत सौर विकिरण का उपयोग करके कंप्यूटिंग सिस्टम को संचालित करेंगे, जिससे पृथ्वी-आधारित विद्युत पर निर्भरता कम होगी।
- ऑनबोर्ड AI कंप्यूटिंग: प्रत्येक उपग्रह में AI चिप्स (जैसे TPU/ GPU) होंगे, जो डेटा को सीधे अंतरिक्ष में प्रोसेस करेंगे, बजाय इसके कि सभी डेटा पृथ्वी पर भेजे जाऍं।
- उपग्रह समूह (Satellite Constellations): कई उपग्रह मिलकर वितरित डेटा सेंटर के रूप में कार्य करेंगे और कार्यभार को विभिन्न नोड्स में साझा करेंगे।
- उपग्रहों के बीच लेज़र संचार समूह के भीतर उच्च गति और कम विलंबता वाले डेटा स्थानांतरण को संभव बनाएगा।
- अंतरिक्ष में एज प्रोसेसिंग: उपग्रहों से प्राप्त डेटा को (जैसे पृथ्वी अवलोकन) कक्षा में ही प्रोसेस किया जाएगा, जिससे बैंडविड्थ आवश्यकताएँ और प्रतिक्रिया समय कम होगा।
- रेडिएशन-हॉर्डेंड सिस्टम: हार्डवेयर को रेडिएशन, निर्वात और तापमान की चरम परिस्थितियों को सहने के लिये डिज़ाइन किया जाएगा।
- पृथ्वी पर डाउनलिंक: प्रोसेस किया गया डेटा चयनित रूप से ग्राउंड स्टेशनों को भेजा जाएगा, जिससे डेटा लोड और विलंब (Latency) की चुनौतियाँ कम होंगी।
- अंतरिक्ष में डेटा सेंटर का महत्त्व:
- यह पृथ्वी-आधारित डाटा सेंटर पर दबाव को कम करता है, जिससे AI के तेज़ी से बढ़ते दौर में विद्युत और जल की मांग कम होती है।
- गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक डेटा सेंटर से विद्युत की मांग 165% तक बढ़ सकती है।
- यह स्वच्छ, सौर-ऊर्जा संचालित कंप्यूटिंग को सक्षम बनाता है, जिससे जलवायु शमन प्रयासों को समर्थन मिलता है।
- यह डेटा संप्रभुता से जुड़ी सीमाओं के संभावित समाधान प्रदान करता है, क्योंकि बाह्य अंतरिक्ष 'आउटर स्पेस ट्रीटी, 1967' के तहत किसी भी राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
- यह पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाओं, केबल कटने और विद्युत बाधाओं के विरुद्ध डिजिटल अवसंरचना के अनुकूलन को बढ़ाता है।
- यह भावी पीढ़ी की अंतरिक्ष-आधारित डिजिटल अवसंरचना की दिशा में परिवर्तन का संकेत देता है, जिसका वैश्विक AI, क्लाउड कंप्यूटिंग और शासन पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
- यह पृथ्वी-आधारित डाटा सेंटर पर दबाव को कम करता है, जिससे AI के तेज़ी से बढ़ते दौर में विद्युत और जल की मांग कम होती है।
डेटा केंद्र
- परिचय: डेटा केंद्र विशेषीकृत सुविधाएँ हैं, जिनमें सर्वर, स्टोरेज, नेटवर्किंग तथा विद्युत आपूर्ति, शीतलन और सुरक्षा के सहायक प्रणालियों के माध्यम से डिजिटल डेटा की विशाल मात्रा का भंडारण, प्रसंस्करण और प्रबंधन किया जाता है।
- ये क्लाउड कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अन्य डिजिटल सेवाओं के लिये विश्वसनीय तथा स्केलेबल अवसंरचना प्रदान करते हैं।
- अंतरिक्ष में डेटा केंद्रों की ओर वैश्विक प्रगति:
- ओपनAI (सैम ऑल्टमैन): सौर ऊर्जा से संचालित, डायसन स्फियर जैसे नेटवर्क के रूप में AI डेटा केंद्रों का प्रस्ताव।
- Nvidia: H100 GPU से युक्त स्टारक्लाउड उपग्रह का प्रक्षेपण, जिसे एआई कार्यभार के लिये अनुकूलित किया गया है।
- लोनस्टार डेटा होल्डिंग्स: 8 TB SSD स्टोरेज वाले 1 किलोग्राम के मिनी डेटा केंद्र को चंद्रमा पर भेजा गया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. प्रोजेक्ट सनकैचर क्या है?
प्रोजेक्ट सनकैचर, उपग्रह-आधारित AI कंप्यूटिंग प्रणालियों का उपयोग करके अंतरिक्ष में सौर-ऊर्जा संचालित डेटा केंद्रों का परीक्षण करने हेतु गूगल की एक शोध पहल है।
2. अंतरिक्ष में डेटा केंद्र कैसे कार्य करेंगे?
ये निरंतर सौर ऊर्जा, ऑनबोर्ड AI चिप्स, उपग्रह नक्षत्र और वितरित कंप्यूटिंग के लिये लेज़र-आधारित अंतर-उपग्रह लिंक का उपयोग करेंगे।
3. अंतरिक्ष-आधारित डेटा केंद्रों को जलवायु-अनुकूल क्यों माना जाता है?
ये कंप्यूटिंग के लिये स्वच्छ, अविरल सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए, पृथ्वी की विद्युत और जल संसाधनों पर निर्भरता को कम करते हैं।
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