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गॉड पार्टिकल या हिग्स बोसॉन

  • 13 Apr 2024
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी पीटर हिग्स के हालिया निधन ने 1960 के दशक में उनके द्वारा प्रतिपादित रहस्यमय कण की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जिसे 'गॉड पार्टिकल' या हिग्स बोसॉन के नाम से जाना जाता है।

  • हिग्स बोसॉन, इलेक्ट्रॉनों या क्वार्क के समान एक प्राथमिक कण, अन्य मूलभूत कणों को द्रव्यमान प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • पीटर हिग्स ने सबसे पहले 1960 के दशक में हिग्स क्षेत्र और उससे जुड़े हिग्स बोसॉन के अस्तित्व का प्रस्ताव रखा था।
    • हिग्स बोसॉन हिग्स क्षेत्र का क्वांटम उद्दीपन (quantum excitation) है, ऐसा माना जाता है कि यह पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त है और अन्य कणों के साथ संपर्क करके उन्हें द्रव्यमान प्रदान करता है।
    • हिग्स बोसॉन की खोज ने कण भौतिकी के मानक मॉडल के रूप में जाना जाने वाला कार्य पूर्ण किया जो सभी मूलभूत कणों का वर्णन करता है (इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और बल, जैसे विद्युत चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण या परमाणु बल जो पृथ्वी के भौतिक भाग का निर्माण करते हैं)।
      • कण भौतिकी के मानक मॉडल के अनुसार, कण पूरे ब्रह्मांड में मौजूद हिग्स क्षेत्र के साथ संपर्क करके अपना द्रव्यमान प्राप्त करते हैं।
      • एक कण हिग्स क्षेत्र के साथ जितना अधिक मज़बूत संपर्क करता है, उतना ही अधिक वह संबंधित क्षेत्र को "स्पर्श (Feel)" करता है, जहाँ वह मौज़ूद होता है और वह उतना ही अधिक विशाल हो जाता है।
  • हिग्स बोसॉन को प्रायोगिक तौर पर 2012 में यूरोपियन ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च के CERN (कॉन्सिल यूरोपियन पौर ला रेचेर्चे न्यूक्लियर (Conseil Européen pour la Recherche Nucléaire)) में लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (Large Hadron Collider - LHC) में खोजा गया था।

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