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भू-चुंबकीय तूफान

  • 28 Mar 2023
  • 7 min read

राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (National Oceanic and Atmospheric Administration-NOAA) के अनुसार, हाल ही में पृथ्वी एक शक्तिशाली भू-चुंबकीय तूफान से प्रभावित हुई, जिसकी गंभीरता G4 श्रेणी की थी।

  • G4 श्रेणी की गंभीरता संभावित रूप से द्वितीय उच्चतम श्रेणी है, यह पावर ग्रिड के लिये व्यापक वोल्टेज नियंत्रण संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। सुरक्षा प्रणालियों को गलती से ग्रिड की प्रमुख विद्युत संपत्तियों को ट्रिप करने का कारण भी बन सकता है।

नोट: NOAA, G1 श्रेणी से प्रारंभ होने वाले पैमाने पर भू-चुंबकीय तूफानों को श्रेणीकृत करता है, जो ध्रुवों के आस-पास ऑरोरा गतिविधि में वृद्धि एवं विद्युत की आपूर्ति में मामूली उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है। यह श्रेणी G5 तक हो सकती है, जिसमें कैरिंगटन इवेंट जैसे चरम मामले शामिल हैं- जिसमें एक विशाल सौर तूफान जो सितंबर 1859 में आया था, जिसने पूरे विश्व में टेलीग्राफ सेवाओं को बाधित किया था और औरोरा इतना चमकीला एवं शक्तिशाली था कि वह बहामास के दक्षिण में दिखाई दे रहा था।

भू-चुंबकीय तूफान:

  • भू-चुंबकीय तूफान सौर उत्सर्जन के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में व्यवधान को संदर्भित करता है।
  • कोरोनल मास इजेक्शन (CME) या उच्च गति वाली सौर पवन पृथ्वी ग्रह पर आते ही मैग्नेटोस्फीयर से टकरा जाती है।
    • पृथ्वी का मैग्नेटोस्फीयर इसके चुंबकीय क्षेत्र द्वारा निर्मित है और यह सामान्यतः सूर्य द्वारा उत्सर्जित कणों से हमारी रक्षा करता है।
  • एक CME या उच्च गति वाली सौर धारा जब पृथ्वी पर आती है तो पृथ्वी ग्रह के मैग्नेटोस्फीयर में प्रवेश करती है। नतीजतन अत्यधिक ऊर्जावान सौर पवन के कण नीचे प्रवाहित हो सकते हैं एवं ध्रुवों के ऊपर हमारे वातावरण से टकरा सकते हैं।
  • इस तरह के सौर मौसमी घटनाएँ ऑरोरा को भी सुपरचार्ज कर सकती हैं, जिससे वे कभी-कभार उन स्थानों पर दिखाई दे सकते हैं जहाँ वे पहले नहीं बनते थे।

ऐसे तूफान का प्रभाव:

  • अंतरिक्ष मौसम:
    • सभी सौर प्रज्वाल पृथ्वी तक नहीं पहुँचते हैं लेकिन सौर प्रज्वाल/तूफान, सौर ऊर्जावान कण (Solar Energetic Particles- SEP), उच्च गति वाली सौर पवन और CME जो पृथ्वी तक आते हैं, पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष एवं ऊपरी वायुमंडल के मौसम को प्रभावित कर सकते हैं।
  • अंतरिक्ष यान संचालन में समस्याएँ:
    • सौर तूफान ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS), रेडियो और उपग्रह संचार जैसी अंतरिक्ष-निर्भर सेवाओं के संचालन को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही विमान उड़ान एवं अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम इस संदर्भ में ज़्यादा संवेदनशील हैं।
  • मैग्नेटोस्फीयर में गड़बड़ी:
    • यह संभावित रूप से पृथ्वी के चारों ओर फैले सुरक्षा कवच, मैग्नेटोस्फीयर में गड़बड़ी पैदा कर सकता है।
    • इससे स्पेसवॉक के समय अंतरिक्ष यात्रियों को वातावरण के परिरक्षण तंत्र के बाहर सौर विकिरण के संपर्क में आने का ज़ोखिम बना रहता है।

सौर तूफान की भविष्यवाणी:

  • सौर भौतिक विज्ञानी और अन्य वैज्ञानिक सामान्य रूप से सौर तूफानों तथा सौर गतिविधियों की भविष्यवाणी करने के लिये कंप्यूटर मॉडल का उपयोग करते हैं।
    • वर्तमान मॉडल तूफान के आगमन का समय और उसकी गति की भविष्यवाणी करने में सक्षम हैं।
    • हालाँकि तूफान की संरचना अथवा अभिविन्यास का अब भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
  • मैग्नेटोस्फीयर से अधिक तीव्र प्रतिक्रियाएँ और अधिक तीव्र चुंबकीय तूफान विशिष्ट चुंबकीय क्षेत्र दिशाओं के परिणामस्वरूप हो सकते हैं।
  • लगभग हर गतिविधि के लिये उपग्रहों पर बढ़ती वैश्विक निर्भरता को देखते हुए बेहतर अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान और उपग्रहों की सुरक्षा के अधिक प्रभावी तरीकों की आवश्यकता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न: यदि कोई मुख्य सौर तूफान (सौर प्रज्वाल) पृथ्वी पर पहुँचता है, तो पृथ्वी पर निम्नलिखित में से कौन-से संभव प्रभाव होंगे? (2022)

  1. GPS और दिक्संचाल (नैविगेशन) प्रणालियाँ विफल हो सकती हैं।
  2. विषुवतीय क्षेत्रों में सुनामियाँ आ सकती हैं।
  3. बिजली ग्रिड क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
  4. पृथ्वी के अधिकांश हिस्से पर तीव्र ध्रुवीय ज्योतियाँ घटित हो सकती हैं।
  5. ग्रह के अधिकांश हिस्से पर दावाग्नियाँ घटित हो सकती हैं ।
  6. उपग्रहों की कक्षाएँ विक्षुब्ध हो सकती हैं।
  7. ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर से उड़ते हुए वायुयान का लघुतरंग रेडियो संचार बाधित हो सकता है।

नीचे दिये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 4 और 5
(b) केवल 2, 3, 5, 6 और 7
(c) केवल 1, 3, 4, 6 और 7
(d) 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7

उत्तर: (c)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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