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इरेटमोप्टेरा मर्फी

  • 15 May 2023
  • 3 min read

ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (BAS) के एक अध्ययन के अनुसार, इरेटमोप्टेरा मर्फी (Eretmoptera murphyi) नामक छोटा फ्लाइटलेस मिज (छोटा बग या कीट) अंटार्कटिक के सिग्नी द्वीप की मृदा की संरचना को बदल रहा है।

  • यह अंटार्कटिक के सिग्नी द्वीप पर एक आक्रामक प्रजाति है।

इरेटमोप्टेरा मर्फी:

  • परिचय: 
    • यह दक्षिण जॉर्जिया, उप-अंटार्कटिक द्वीप का स्थानिक है और 1960 के दशक में वनस्पति प्रयोग के दौरान अनायास ही सिग्नी द्वीप में लाया गया था। 1980 के दशक में इसके प्रचलन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
    • इरेटमोप्टेरा मर्फी मृत कार्बनिक पदार्थों को खाता है, जिससे पौधों का तेज़ी से अपघटन एवं द्वीप के उन क्षेत्रों की तुलना में तीन से पाँच गुना अधिक मृदा नाइट्रेट का स्तर बढ़ जाता है जहाँ मिज (छोटे काटने वाले कीड़े) अनुपस्थित हैं तथा केवल स्थानीय अकशेरूकीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
      • नाइट्रेट का उच्च स्तर अन्य पौधों की प्रजातियों हेतु विषैला हो सकता है और यह भू-जल को भी दूषित कर सकता है। जल में नाइट्रेट के उच्च स्तर से शैवाल की अत्यधिक वृद्धि हो सकती है, जो ऑक्सीजन के स्तर को कम कर सकता है एवं जलीय जीवन को नुकसान पहुँचा सकता है।
  • इसके फैलने का कारण: 
    • विशेषज्ञों के अनुसार, अंटार्कटिक में मर्फी मिज के प्रसार में वृद्धि का कारण इंसानों के जूतों के साथ यहाँ आए कीड़ों को माना जा रहा है।
  • चुनौतियाँ: 
    • मिज जल में भी जीवित रह सकता है, जो चिंता का विषय है, यह अन्य द्वीपों में भी फैल सकता है। 
    • यह छोटा बग बहुत बड़े क्षेत्र में फैल गया है और इसकी संख्या बढ़ रही है, इसलिये यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है।
    • अंटार्कटिका में अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र है जो आक्रामक प्रजातियों हेतु संवेदनशील है, अर्थात् मिज कीट का आक्रमण इस बात पर प्रकाश डालता है कि कठोर परिस्थितियाँ भी अब इस क्षेत्र की रक्षा नहीं कर सकती हैं।
    • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों में तेज़ी लाने के अलावा मिज कीट की गतिविधियाँ अन्य आक्रामक प्रजातियों की स्थापना या उत्पत्ति को भी बढ़ावा दे सकती हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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