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ई-किसान उपज निधि

  • 06 Mar 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने किसानों के भंडारण रसद को आसान बनाने तथा उनकी उपज हेतु उचित मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिये भांडागारण विकास और नियामक प्राधिकरण की 'ई-किसान उपज निधि' (डिजिटल गेटवे) लॉन्च किया।

  • 'ई-किसान उपज निधि' प्लेटफॉर्म डिजिटल प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे किसानों को अपनी उपज को किसी भी पंजीकृत WDRA गोदाम में छह महीने तक 7% प्रति वर्ष ब्याज पर संग्रहीत करने की अनुमति मिलती है।
    • बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे, अतिरिक्त सुरक्षा जमा नीति की विशेषता वाली इस पहल का उद्देश्य किसानों द्वारा संकट के समय में उनकी उपज जिन्हें फसल के बाद भंडारण की अच्छी रखरखाव सुविधाओं के न होने के कारण प्रायः अपनी पूरी फसल को सस्ती दरों पर बेचना पड़ता था, की बिक्री को रोकना और फसल के बाद बेहतर भंडारण के अवसरों को सक्षम करना है।  
  • मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ई-किसान उपज निधि और ई-एनएएम का एकीकरण किसानों को परस्पर संबद्ध बाज़ारों का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है, जिससे सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक लाभ मिलता है।
  • WDRA की स्थापना अक्तूबर 2010 में भांडागारण (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2007 के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य गोदामों को विकसित और विनियमित करना, गोदाम रसीदों की परक्राम्यता को बढ़ावा देना एवं भारत में भंडारण व्यवसाय के व्यवस्थित विकास को सुविधाजनक बनाना था।
    • WDRA खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

और पढ़ें: न्यूनतम समर्थन मूल्य

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