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डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान

  • 19 Aug 2025
  • 20 min read

स्रोत: द हिंदू

असम स्थित डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान (Dibru-Saikhowa National Park- DSNP) में देशी और आक्रामक पौधों की प्रजातियों के कारण महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक परिवर्तन हो रहे हैं।

प्रमुख खतरे:

  • आक्रामक पौधे: क्रोमोलेना ओडोराटा, एगेरेटम कोनीज़ोइड्स, पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस और मिकानिया माइक्रांथा जैसी प्रजातियाँ देशी वनस्पतियों को प्रतिस्थापित कर देती हैं, घास के मैदानों को क्षति पहुँचाती हैं, और उन पर निर्भर जीव-जंतुओं के लिये खतरा पैदा करती हैं।
  • देशी घासभूमि के अतिक्रमणकर्त्ता: बॉम्बैक्स सीबा (सिमालू) और लैगरस्ट्रोमिया स्पेशिओसा (अजार) प्राकृतिक वनस्पति को परिवर्तित कर देते हैं, जिससे झाड़ीदार भूमि और क्षतिग्रस्त वन क्षेत्र में वृद्धि होती है।
  • बाढ़ और मानवीय दबाव: ब्रह्मपुत्र नदी में बार-बार आने वाली बाढ़, वन ग्राम की मौजूदगी, चराई और संसाधनों का दोहन मृदा अपरदन (Soil Erosion), आवासों का विखंडन (Fragmentation) और जैव विविधता की हानि को तेज़ी से बढ़ा रहे हैं।
  • भूमि उपयोग और आवरण में परिवर्तन (2000–2024): घासभूमियों और अर्द्ध-सदाबहार वनों का झाड़ीदार भूमि और क्षतिग्रस्त वनों में रूपांतरण हुआ है, जिससे स्थानीय और घासभूमि पर निर्भर प्रजातियों — जैसे बंगाल फ्लोरिकन, हॉग डियर, और स्वैम्प ग्रास बैबलर — के आवास घटते जा रहे हैं। इसके अलावा लगभग 200 बचे हुए स्थानीय जंगली घोड़ों (Feral Horses) के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है।

डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान (DSNP)

  • स्थिति: DSNP असम में स्थित है, यह ब्रह्मपुत्र और लोहित नदियों (उत्तर) और डिब्रू नदी (दक्षिण) से घिरा हुआ है।
  • बायोस्फीयर रिज़र्व: वर्ष 1997 में यूनेस्को ने इस क्षेत्र को बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया।
  • वनस्पति एवं जलवायु: अर्द्ध-सदाबहार, पर्णपाती, तटीय, दलदली और आर्द्र सदाबहार वन, जिनमें पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा सैलिक्स दलदली वन भी शामिल है।
    • यहाँ उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु पाई जाती है, जिसमें उष्ण और आर्द्र ग्रीष्मकाल तथा शीत और शुष्क शीत काल होती हैं।
  • वनस्पति एवं जीव-जंतु: 
    • वनस्पति: डिलेनिया इंडिका, बिशोफिया जावानिका, बॉम्बैक्स सीबा, लेगरस्ट्रोमिया परविफ्लोरा।
    • जीव-जंतु: बाघ, हाथी, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, भालू, छोटा भारतीय सिवेट, गिलहरी, गंगा डॉल्फिन, स्लो लोरिस, असमिया मकाक।
    • यह एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) है, जिसमें 382 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ हैं, जिनमें बड़े और छोटे एडजुटेंट स्टॉर्क, बड़े क्रेस्टेड ग्रीब शामिल हैं।

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