दृष्टि के NCERT कोर्स के साथ करें UPSC की तैयारी और जानें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स



रैपिड फायर

DGLL की तीसरी IALA परिषद बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन

  • 17 Dec 2025
  • 17 min read

स्रोत: PIB

दीपस्तंभ और दीपपोत महानिदेशालय (DGLL) ने मुंबई में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री नौवहन सहायक संगठन (IALA) की तीसरी परिषद बैठक की सफलतापूर्वक मेज़बानी की, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मानकों और नौवहन सुरक्षा को आकार देने में इसकी बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

    • तीसरी IALA परिषद की बैठक के परिणाम: भारत ने देशभर के 75 लाइटहाउस पर्यटन स्थलों पर डिजिटल पहुँच, पारदर्शिता और आगंतुकों की सुविधा को बढ़ाने के लिये लाइटहाउस पर्यटन हेतु एक डिजिटल टिकटिंग पोर्टल का शुभारंभ किया।
    • IALA: इसकी स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी तथा वर्ष 2024 में यह एक गैर-सरकारी संगठन से एक अंतर-सरकारी संगठन में परिवर्तित हो गया।
      • ‘सफल यात्राएँ, सतत ग्रह’ के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर, यह समुद्री नौवहन में सहायक उपकरणों में सामंजस्य स्थापित करने, समुद्री परिवहन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने तथा समुद्री पर्यावरण की रक्षा करने के लिये कार्य करता है।
    • IALA की शासन प्रणाली एवं संरचना: IALA परिषद इसका प्रमुख निर्णय लेने वाला निकाय है। IALA के लगभग 200 सदस्य हैं और इसका मुख्यालय सेंट-जर्मेन-एन-लाये, फ्राँस में स्थित है।
      • IALA में भारत की भूमिका: भारत वर्ष 1957 से IALA का सदस्य है। DGLL भारत का प्रतिनिधित्व करता है, वर्ष 1982 से परिषद का सदस्य है तथा वर्ष 2027 में IALA सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
    • DGLL: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के अधीन DGLL, समुद्री नौवहन सहायता अधिनियम, 2021 के तहत भारत की 11,098 किलोमीटर लंबी तटरेखा के साथ समुद्री नौवहन सहायता के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिये ज़िम्मेदार है।
      • नोएडा स्थित मुख्यालय और नौ क्षेत्रीय निदेशालयों के माध्यम से कार्यरत DGLL, नौवहन सहायता तथा पोत यातायात सेवाओं (VTS) के क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु नामित प्राधिकरण के रूप में भी अपनी भूमिका निभाता है।
      • समुद्र में जीवन की सुरक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (SOLAS), 1974 के हस्ताक्षरकर्त्ता के रूप में भारत DGLL के माध्यम से अपने नौवहन सुरक्षा दायित्वों को पूरा करता है ।
      • DGLL प्रकाशस्तंभों, रेकॉन, नेवटेक्स, बुआ और VTS के एक विशाल नेटवर्क का प्रबंधन करता है, साथ ही प्रकाशस्तंभ पर्यटन को बढ़ावा देता है और गुजरात के लोथल में विश्व के सबसे ऊँचे प्रकाशस्तंभ संग्रहालय का विकास कर रहा है।

और पढ़ें: नौचालन के लिये सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021

close
Share Page
images-2
images-2