इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

बैंकिंग तथा वित्तीय धोखाधड़ी पर सलाहकार बोर्ड

  • 28 Aug 2023
  • 5 min read

स्रोत: बिज़नेस लाइन 

केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने बैंक धोखाधड़ी मामलों की जाँच को मज़बूती प्रदान करने के लिये बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी पर सलाहकार बोर्ड (ABBFF) का पुनर्गठन किया है।

बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी पर सलाहकार बोर्ड (ABBFF):

  • परिचय:
    • केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जैसी जाँच एजेंसियों को भेजे जाने से पहले ABBFF बैंक धोखाधड़ी मामलों के लिये प्रथम-स्तरीय परीक्षण निकाय के रूप में कार्य करता है।
      • ABBFF को वित्तीय प्रणाली के भीतर आवधिक धोखाधड़ी विश्लेषण करने का अधिकार है।
    • यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और CVC जैसे नियामक निकायों को धोखाधड़ी की रोकथाम एवं प्रबंधन से संबंधित अंतर्दृष्टि तथा नीतिगत सिफारिशें प्रदान करता है।
  • संरचना एवं कार्यकाल:
    • पुनर्गठित ABBFF बोर्ड में अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दे रहे हैं।
    • ABBFF के अध्यक्ष और सदस्य दो वर्ष के कार्यकाल के लिये अपने पद पर बने रहते हैं।
  • अनिवार्य रेफरल और सलाहकार भूमिका:
    • सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को आपराधिक जाँच शुरू करने से पहले 3 करोड़ रुपए से अधिक के धोखाधड़ी के मामलों को ABBFF को संदर्भित करना आवश्यक है।
    • अधिकारियों की आपराधिकता और दुर्भावना (बेईमान के साथ कार्य करना) के संबंध में ABBFF द्वारा दी गई सलाह पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा विचार किया जाना चाहिये।
    • ABBFF का दायरा CVC या CBI द्वारा संदर्भित मामलों के लिये सलाहकार सहायता प्रदान करने तक विस्तृत है।
  • "सन सेट क्लॉज़" की अनुपस्थिति:
    • विशेष रूप से "सनसेट क्लॉज़" की अवधारणा, जिसमें एक निर्दिष्ट अवधि के बाद क्रेडिट निर्णयों के लिये बैंकरों के खिलाफ सीमित कार्रवाई हो सकती है, को ABBFF के कामकाज़ में शामिल नहीं किया गया है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission- CVC):

  • परिचय:
    • केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना सरकार द्वारा वर्ष 1964 में के. संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारिशों पर की गई थी, ताकि सतर्कता के क्षेत्र में केंद्र सरकार की एजेंसियों को सलाह और उनका मार्गदर्शन किया जा सके।
    • संसद ने केंद्रीय सतर्कता आयोग को वैधानिक दर्जा प्रदान करते हुए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 को अधिनियमित किया।
  • सदस्य:
    • इसमें एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और अधिकतम दो सतर्कता आयुक्त होते हैं, जिनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री, गृह मंत्री तथा लोकसभा में विपक्ष के नेताओं द्वारा गठित समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
      • ये चार वर्ष की अवधि के लिये अथवा 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, पद पर बने रहते हैं।
  • कार्य:
    • यह आयोग भ्रष्टाचार या पद के दुरुपयोग की शिकायतों पर उचित कार्रवाई की सिफारिश करता है।
      • निम्नलिखित संस्थान, निकाय अथवा कोई व्यक्ति CVC से संपर्क कर सकता है:
        • केंद्र सरकार, लोकपाल, व्हिसिल ब्लोअर्स
        • यह कोई जाँच एजेंसी नहीं है, CVC या तो सीबीआई के माध्यम से या फिर सरकारी कार्यालयों में मुख्य सतर्कता अधिकारियों के माध्यम से जाँच करवाती है।
        • इसे विशिष्ट श्रेणियों के लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत किये गए कथित अपराधों की जाँच करने का अधिकार है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2