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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 अगस्त, 2023

  • 28 Aug 2023
  • 7 min read

दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन स्थल में लगेगी नटराज की प्रतिमा

नई दिल्ली में आयोजित होने वाले G20 शिखर सम्मेलन स्थल पर विश्व की सबसे ऊँची मानी जाने वाली 28 फीट की नटराज कांस्य मूर्ति लगाई जाएगी, इस मूर्ति को यहाँ तक लाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह इस कार्यक्रम को एक सांस्कृतिक महत्त्व प्रदान करेगी।

  • 19 टन वज़नी नटराज की मूर्ति आठ धातुओं से बनी है, जिनमें सोना, चाँदी, सीसा, तांबा, टिन, पारा, लोहा और जस्ता (अष्टधातु) शामिल हैं। यह तमिलनाडु के स्वामीमलाई शहर से लाई जा रही है। मूर्ति में नटराज (भगवान शिव) को नृत्य करते हुए दर्शाया गया है।
  • स्वामीमलाई को भगवान मुरुगन के छह पवित्र निवासों में से एक माना जाता है, जिसे भगवान मुरुगन के पदाई वीदुगल (युद्ध शिविर) के रूप में जाना जाता है। यह अपने स्वामीमलाई कांस्य चिह्न (लोगो) के लिये भी प्रसिद्ध है जिसे भौगोलिक संकेत/GI टैग प्रदान किया गया है।
  • इसे चोल परंपरा के "लॉस्ट-वैक्स" कास्टिंग तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें पिघला हुआ कांस्य मृदा के साँचे में डाला जाता है।
  • अपनी असाधारण सुंदरता और शिल्प कौशल के कारण चोल कांस्य को कला जगत में अत्यधिक महत्त्व प्राप्त है।

और पढ़ें…भारत द्वारा वर्ष 2023 में G20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी

एकोलोकेशन

  • एकोलोकेशन पशुओं व उपकरणों द्वारा अपने परिवेश को समझने के लिये उपयोग की जाने वाली एक तकनीक है, यह दूरियों का आकलन करने और गूँज सुनकर वस्तुओं के स्थान का पता लगाने के लिये उत्सर्जित होने वाली उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है।
    • एकोलोकेशन एक तकनीक है जिसका उपयोग चमगादड़, डॉल्फिन और अन्य पशु परावर्तित ध्वनि का उपयोग करके वस्तुओं का स्थान निर्धारित करने के लिये किया जाता है।
    • यह उन्हें नेविगेट करने, शिकार करने, सहयोगियों व विरोधियों की पहचान करने तथा अँधेरे में भी किसी प्रकार के मुश्किल से बचने में मदद करती है।
  • प्राकृतिक एकोलोकेशन से प्रेरित होकर मानव ने सोनार (ध्वनि नेविगेशन और रेंजिंग) तथा रडार (रेडियो डिटेक्शन और रेंजिंग) तकनीक विकसित की।
    • सोनार का उपयोग व्यापक रूप से जल के नीचे नेविगेशन और संचार के लिये किया जाता है, जबकि रडार का उपयोग विमानन, मौसम पूर्वानुमान व सैन्य अभियानों में किया जाता है।
  • हाल ही में इंजीनियरों ने एक स्मार्टफोन एप विकसित करने के लिये एकोलोकेशन का उपयोग किया है जो दृष्टिबाधित लोगों के लिये काफी मददगार हो सकती है।

डूरंड कप 2023

  • डूरंड फुटबॉल टूर्नामेंट की शुरुआत वर्ष 1888 में सर हेनरी मोर्टिमर डूरंड द्वारा शिमला में की गई थी जो तत्कालीन भारत सरकार में विदेश सचिव थे।
  • डूरंड कप  एशिया तथा भारत में सबसे पुराना साथ ही यह विश्व का तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है।
  • वर्तमान में चल रहे 132वें संस्करण (3 अगस्त से 3 सितंबर, 2023) का आयोजन भारत के सशस्त्र बलों द्वारा किया गया है।

  • टूर्नामेंट के प्रारूप में दो चरण शामिल हैं: ग्रुप चरण (Group Stage) और नॉकआउट राउंड।

  • डूरंड कप टूर्नामेंट अद्वितीय है जिसमें विजेता टीम को तीन ट्रॉफियाँ मिलती हैं जिनमें डूरंड कप (एक रोलिंग ट्रॉफी और मूल पुरस्कार), शिमला ट्रॉफी (एक रोलिंग ट्रॉफी, पहली बार 1904 में शिमला के निवासियों द्वारा दी गई) तथा प्रेसिडेंट्स कप (स्थायी रूप से रखने के लिये, पहली बार 1956 में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा प्रस्तुत किया गया था) शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना ब्राइट स्टार अभ्यास-23 में शामिल हुई

भारतीय वायु सेना (IAF) की एक टुकड़ी मिस्र के काहिरा (पश्चिम) एयर बेस में द्विवार्षिक रूप से आयोजित एक बहुपक्षीय, त्रि-सेवा अभ्यास ब्राइट स्टार-23 में भाग ले रही है।

  • यह अभ्यास ब्राइट स्टार-23 में भारतीय वायुसेना की शुरुआत का प्रतीक है, इस बहुराष्ट्रीय कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका, सऊदी अरब, ग्रीस और कतर की भागीदारी है।
  • संयुक्त संचालन योजना और कार्यान्वयन दक्षता के प्राथमिक उद्देश्य के अलावा यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देता है और भाग लेने वाले देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मज़बूत करता है।

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में नीरज चोपड़ा ने जीता स्वर्ण पदक 

भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023  में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्द्धा में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार पुनः इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्होंने 88.17 मीटर का भाला फेंक रिकॉर्ड हासिल किया।

  • बुडापेस्ट में अपनी हालिया जीत से पहले नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक (टोक्यो 2020) में स्वर्ण पदक जीतने, डायमंड लीग खिताब (2022) हासिल करने और जूनियर विश्व चैंपियनशिप (2016) जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट होने का गौरव प्राप्त किया था।
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