रैपिड फायर
वर्ष 2027 में 8वीं आर्थिक जनगणना (EC)
- 04 Dec 2025
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भारत अपनी 8वीं आर्थिक जनगणना (Economic Census- EC) वर्ष 2027 में करेगा, जो दो चरणों वाली जनसंख्या जनगणना (2026–27) के बाद आयोजित की जाएगी।
- आर्थिक जनगणना (EC): यह देश की भौगोलिक सीमाओं के भीतर स्थित सभी प्रतिष्ठानों (अर्थात वे इकाइयाँ जो केवल व्यक्तिगत उपभोग के उद्देश्य से नहीं बल्कि वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन और/या वितरण में लगी हैं) की पूरी गिनती है।
- पहली आर्थिक जनगणना वर्ष 1977 में आयोजित की गई थी। इसे पूरे देश में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI), राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालयों (DES) के सहयोग से आयोजित किया जाता है।
- 8वीं आर्थिक जनगणना (EC) का डेटा सभी राज्यों में स्थित उद्यमों का मानचित्र तैयार करने वाले सांख्यिकीय व्यवसाय रजिस्टर (SBR) बनाने में उपयोग किया जाएगा।
- SBR यह पता लगाने में मदद करेगा कि कौन से उद्यम सक्रिय हैं और कौन से बंद हो चुके हैं, जिससे राष्ट्रीय आर्थिक ऑंकड़ों की सटीकता में सुधार होगा।
- जनसंख्या जनगणना: जनगणना गाँव, नगर और वार्ड स्तर पर प्राथमिक डेटा का सबसे बड़ा स्रोत है, जो आवास, सुविधाएँ, जनसांख्यिकी, धर्म, अनुसूचित जाति/जनजाति, भाषा, साक्षरता, शिक्षा, आर्थिक गतिविधि, प्रवासन तथा जन्मदर सहित विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।
- यह जनगणना, 1948 के जनगणना अधिनियम और 1990 के जनगणना नियमों के कानूनी ढाँचे के अंतर्गत आयोजित की जाती है।
- जनगणना संगठन का नेतृत्व भारत के रजिस्ट्रार जनरल और भारत के जनगणना आयुक्त करते हैं।
- वर्ष 2027 की जनगणना भारत की 16वीं दशकीय जनगणना होगी, जो वर्ष 1872 में पहली राष्ट्रीय जनगणना के बाद आयोजित की जा रही है।
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