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"ट्रेड वॉच क्वार्टरली" का तीसरा संस्करण

  • 15 Jul 2025
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर से दिसंबर 2024) के लिये अपनी "ट्रेड वॉच क्वार्टरली" रिपोर्ट का तीसरा संस्करण जारी किया। यह भारत के व्यापार रुझानों का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिये "ट्रेड वॉच क्वार्टरली" रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  •  भारत का व्यापारिक एवं सेवा व्यापार प्रदर्शन: 
    • व्यापारिक निर्यात: भारत का व्यापारिक निर्यात वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 3% बढ़कर 108.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
    • व्यापारिक आयात: आयात 6.5% बढ़कर 187.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
    • सेवा अधिशेष: भारत का सेवा अधिशेष 52.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो सेवा निर्यात में 17% की वृद्धि के कारण संभव हुआ, जो वैश्विक स्तर पर भारत के सेवा क्षेत्र की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
    • निर्यात संरचना: विमान, अंतरिक्ष यान और पुर्जों जैसे उच्च तकनीक उत्पादों में वर्ष-दर-वर्ष 200% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिससे भारत की निर्यात संरचना में और विविधता आई। 
  • विद्युत मशीनरी और हथियार/गोला-बारूद जैसे निर्यात तेज़ी से बढ़ रहे हैं। 2014 से अब तक इनमें 10.6% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से वृद्धि हुई है। 
    • डिजिटल सेवाएँ: भारत वर्ष 2024 में डिजिटल रूप से वितरित सेवाओं (DDS) के निर्यात में 269 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ विश्व स्तर पर 5वें स्थान पर है।
  • अमेरिकी व्यापार नीति का भारत पर प्रभाव: इस तिमाही के संस्करण का विषयगत केंद्रबिंदु उभरती अमेरिकी व्यापार और टैरिफ संरचनाएँ तथा भारत की निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता पर उनके प्रभाव हैं। प्रमुख प्रतिस्पर्द्धियों की तुलना में भारत का सापेक्ष टैरिफ लाभ अमेरिकी बाज़ार में विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र और विद्युत मशीनरी जैसे क्षेत्रों में बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाने का एक कार्यनीतिक अवसर प्रदान करता है। उभरते वैश्विक व्यापार परिवेश में नए व्यापार संयोजनों का लाभ उठाने के लिये बेहतर नीति-निर्माण की आवश्यकता है।

और पढ़ें: भारत की व्यापार गतिशीलता

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