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भारतीय अर्थव्यवस्था

कौशल विकास योजनाओं से अनभिज्ञ युवा (youth unaware of skill development programmes)

  • 12 Nov 2018
  • 4 min read

संदर्भ

हाल ही में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (ORF-WEF) ने यंग ‘इंडिया एंड वर्क’ नामक एक अध्ययन किया। इसके मुताबिक, भारत के 70 फीसदी युवा सरकार द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास योजनाओं से अनभिज्ञ हैं। हालाँकि 70 फीसदी से अधिक युवा कौशल प्रशिक्षण लेने में गहन रुचि रखते हैं।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस अध्ययन में युवाओं का रोज़गार और रोज़गार के प्रति उनकी आकांक्षा का पता लगाने के लिये 15 से 30 वर्ष की उम्र के लगभग 6,000 युवाओं का सर्वेक्षण किया गया था।
  • लगभग तीन-चौथाई युवाओं ने कौशल विकास कार्यक्रम में कभी नामांकन नहीं कराया है।
  • प्रत्येक समूह के हर तीसरे युवा ने प्रशिक्षण में कम भागीदारी के पीछे आर्थिक तथा समय की कमी जैसी बाधाओं का होना बताया।
  • इस अध्ययन के अनुसार, 26 से 30 वर्ष की महिलाओं का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा सरकार द्वारा चलाए जा रहे कौशल योजनाओं से अनभिज्ञ है।
  • यह अध्ययन युवाओं तथा सरकार के मध्य जुड़ाव की कमी के साथ-साथ युवाओं तथा उद्योगों के मध्य जुड़ाव की कमी पर भी प्रकाश डालता है।
  • 60 प्रतिशत युवाओं का कहना है कि उद्योगों और युवाओं के मध्य जुड़ाव को सरकारी कार्रवाइयों तथा नीति निर्माण के द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
  • अध्ययन के निष्कर्षों से ज्ञात होता है कि उन औद्योगिक क्षेत्रों की संवृद्धि बहुत कम हुई है जिनकी तरफ युवाओं का झुकाव सबसे ज़्यादा होता है।
  • आईटी, संचार और दूरसंचार क्षेत्र युवाओं के सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में उभरे हैं।
  • लगभग 30 प्रतिशत युवाओं ने बताया कि वे अपने कार्य से संतुष्ट नहीं हैं और कुछ युवा ऐसे भी हैं जो अपने कार्य को लेकर थोड़े संतुष्ट हैं।
  • आधे से अधिक युवा सरकारी क्षेत्र की नौकरियों को वरीयता देते हैं, जबकि 23 फीसदी युवा निजी क्षेत्र की नौकरियों को वरीयता देते हैं।

विश्व आर्थिक मंच

  • विश्व आर्थिक मंच सार्वजनिक-निजी सहयोग हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व के प्रमुख व्यावसायिक, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों के अग्रणी लोगों के लिये एक मंच के रूप में काम करना है।
  • यह स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है और इसका मुख्यालय जिनेवा में है।
  • इस फोरम की स्थापना 1971 मेंयूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम. श्वाब ने की थी।
  • इस संस्था की सदस्यता अनेक स्तरों पर होती है और ये स्तर संस्था के काम में उनकी सहभागिता पर निर्भर करते हैं। इसके माध्यम से विश्व के समक्ष मौजूद महत्त्वपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।
  • इस मंच का सबसे चर्चित और महत्त्वपूर्ण आयोजन यही शीतकालीन बैठक होती है, जिसे अन्य नेताओं के अलावा भारत के प्रधानमंत्री ने भी संबोधित किया था।
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