इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

  • 09 Jun 2021
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा आयोजित विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (7 जून) समारोह में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

प्रमुख बिंदु:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (FAO) संयुक्त रूप से सदस्य राज्यों और अन्य संबंधित संगठनों के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के पालन की सुविधा प्रदान करते हैं।
  • यह पहली बार वर्ष 2019 में "द फ्यूचर ऑफ फूड सेफ्टी" के तहत अदीस अबाबा सम्मेलन और जिनेवा फोरम द्वारा 2019 में की गई खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को मज़बूत करने के लिये मनाया गया था।

लक्ष्य:

  • खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाज़ार पहुँच, पर्यटन और सतत् विकास में योगदान करने, खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, पता लगाने तथा प्रबंधित करने में मदद हेतु ध्यान आकर्षित करने और कार्रवाई को प्रेरित करने हेतु।

2021 की थीम:

  • स्वस्थ कल के लिये सुरक्षित भोजन।

खाद्य सुरक्षा का महत्त्व:

  • पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित भोजन तक पहुँच जीवन को बनाए रखने और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की कुंजी है।
    • खाद्य जनित बीमारियाँ आमतौर पर प्रकृति में संक्रामक या विषाक्त होती हैं और अक्सर साधारणतः आँखों से अदृश्य होती हैं, जो दूषित भोजन या पानी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों के कारण होती हैं।
    • दुनिया भर में अनुमानित 4,20,000 लोग हर साल दूषित भोजन खाने से मर जाते हैं और 5 साल से कम उम्र के बच्चे खाद्य जनित बीमारी के बोझ का 40% वहन करते हैं, जिससे हर वर्ष 1,25, 000 मौतें होती हैं।
  • खाद्य सुरक्षा की यह सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका है कि खाद्य शृंखला के हर चरण में उत्पादन से लेकर कटाई, प्रसंस्करण, भंडारण, वितरण, तैयारी और उपभोग तक सभी तरह से भोजन सुरक्षित रहता है।
    • ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करने वाले वैश्विक ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन के 30% तक के लिये खाद्य उत्पादन ज़िम्मेदार है।
    • वैश्विक खाद्य अपशिष्ट वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 6.7% है, जो सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन का कारण बनता है।

संबंधित वैश्विक पहल:

  • कोडेक्स एलिमेंटेरियस, या "फूड कोड" कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन द्वारा अपनाए गए मानकों, दिशा-निर्देशों और अभ्यास के कोड का एक संग्रह है।
  • कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन खाद्य और कृषि संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक संयुक्त अंतर-सरकारी निकाय है।
    • वर्तमान में इसके 189 सदस्य हैं और भारत इसका सदस्य है।

खाद्य सुरक्षा के लिये भारतीय पहल:

  • राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक:
    • FSSAI ने खाद्य सुरक्षा के पाँच मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिये राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (SFSI) विकसित किया है।
    • मापदंडों में मानव संसाधन और संस्थागत व्यवस्था, अनुपालन, खाद्य परीक्षण- बुनियादी ढाँचे और निगरानी, ​​​​प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण एवं उपभोक्ता अधिकारिता शामिल हैं।
  • ‘ईट राइट इंडिया’ मूवमेंट:
    • यह सभी भारतीयों के लिये सुरक्षित, स्वस्थ और टिकाऊ भोजन सुनिश्चित करने हेतु देश की खाद्य प्रणाली को बदलने के लिये भारत सरकार और FSSAI की एक पहल है।
    • ईट राइट इंडिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 से जुड़ा हुआ है, जिसमें आयुष्मान भारत, पोषण अभियान, एनीमिया मुक्त भारत और स्वच्छ भारत मिशन जैसे प्रमुख कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • ईट राइट अवार्ड्स:
    • FSSAI ने नागरिकों को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने के लिये खाद्य कंपनियों तथा व्यक्तियों के योगदान को मान्यता देने हेतु 'ईट राइट अवार्ड्स' की स्थापना की है, जो उनके स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
  • ईट राइट मेला:
    • FSSAI द्वारा आयोजित यह नागरिकों को सही खाने हेतु प्रेरित करने के लिये एक आउटरीच गतिविधि है। यह विभिन्न प्रकार के भोजन के स्वास्थ्य और पोषण लाभों के बारे में नागरिकों को जागरूक करने के लिये आयोजित किया जाता है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण:

परिचय

  • FSSAI खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (FSS अधिनियम) के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।
  • इसका मुख्यालय दिल्ली में है तथा इसका प्रशासनिक मंत्रालय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय है।

कार्य:

  • खाद्य सुरक्षा के मानकों और दिशा-निर्देशों को निर्धारित करने हेतु नियम-कानून बनाना।
  • खाद्य व्यवसायों के लिये FSSAI खाद्य सुरक्षा लाइसेंस और प्रमाणन प्रदान करना।
  • खाद्य व्यवसायों में प्रयोगशालाओं के लिये प्रक्रिया और दिशा-निर्देश निर्धारित करना।
  • नीतियाँ बनाने में सरकार को सुझाव देना।
  • खाद्य उत्पादों में संदूषकों के संबंध में डेटा एकत्र करना, उभरते जोखिमों की पहचान करना और एक त्वरित चेतावनी प्रणाली की शुरूआत करना।
  • खाद्य सुरक्षा के बारे में देश भर में एक सूचना नेटवर्क बनाना।

स्रोत-पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow