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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारतीय अर्थव्यवथा में एमएससीआई क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • 09 Jun 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

एमएससीआई इंक (MSCI Inc), के हाल ही में एक व्यापक रूप से ट्रैक किये गए वैश्विक इंडेक्स कंपाइलर (index compiler) के अनुसार, यह निवेशक पहुँच को सीमित करने के लिये भारत सहित कुछ उभरते बाजारों को प्राथमिकता दे रहा है। इस खंड में MSCI से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है।

एमएससीआई क्या है?

  • यह दुनिया का सबसे बड़ा इंडेक्स कंपाइलर है, इसके पास 10 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति है, जिसमें से उभरते बाज़ार के रूप में अकेले भारत में इसकी $ 2 ट्रिलियन संपत्ति निवेशित है।

एमएससीआई सूचकांक क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • वैश्विक निवेशकों द्वारा किसी देश में निवेश करने से पहले सूचकांक का बारीकी से अध्ययन और ट्रैकिंग की जाती है। एमएससीआई इंक के स्टॉक इंडेक्स में शामिल होने से किसी देश विशेष में विदेशी निवेशकों द्वारा निवेश किये जाने का मार्ग तो खुलता ही है, साथ ही वित्तीय विश्वसनीयता के संबंध में भी इज़ाफा होता है।

एमएससीआई भारत को प्राथमिकता क्यों दे रहा है?

  • एमएससीआई के अनुसार, यह निवेशक पहुँच को सीमित करने के लिये भारत और ब्राज़ील समेत कई उभरते बाज़ारों को प्राथिकता प्रदान कर रहा है। अपने इस वक्तव्य की पुष्टि के लिये एमएससीआई द्वारा इस तथ्य का हवाला दिया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को बाज़ार नियामक यानी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India - SEBI) के साथ लंबी और बोझिल अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है।
  • जैसा कि ज्ञात है, फरवरी में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (National Stock Exchange of India - NSE) ने निफ्टी डेरिवेटिव्स (Nifty derivatives) में व्यापार करने से विदेशी मुद्रा बाज़ारों पर रोक लगा दी थी। जिसके चलते एनएसई और सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड के बीच एक कानूनी झगड़ा शुरू हो गया जो अभी तक जारी है। एमएससीआई द्वारा इस तरह के विवाद के संबंध में चिंता व्यक्त की गई है।

इसके आगे की राह क्या है?

  • एमएससीआई के अनुसार, तुर्की और दक्षिण कोरिया के साथ-साथ भारत और ब्राज़ील कुछ ऐसी अर्थव्यवस्थाएँ हैं जिनमें स्टॉक मार्केट की उभरती संभावनाओं को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। इनकी भविष्यगामी हिस्सेदारी को ध्यान में रखते हुए इन्हें एमएससीआई सूचकांक में शामिल किया जा सकता है।

एमएससीआई में भारत की हिस्सेदारी

  • वर्तमान में एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स (MSCI Emerging Markets Index) में भारत की हिस्सेदारी 8.3% है। मई 2018 में यह 8.48% थी, 31 मई को चीन के ए-प्लस शेयर (China A- shares) के आंशिक समावेशन के बाद इसमें थोड़ी गिरावट देखने को मिली है।

चूँकि भारतीय बाज़ार में इसकी हिस्सेदारी काफी अच्छे अनुपात में है ऐसे में इसके अंतर्गत भारत की हिस्सेदारी में किया गया कोई भी बदलाव देश में विदेशी निवेशकों के प्रवाह को प्रभावित करेगा, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव अर्थव्यवस्था पर परिलक्षित होगा। ऐसे में भारत को अपनी नीतियों और कार्य-प्रणाली के संदर्भ में सतर्क रहते हुए कार्य करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी विवाद से बचा जा सके जिसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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