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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल

  • 19 Jun 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल (iCET), OpenRAN नेटवर्क टेक्नोलॉजी, क्वाड, नाटो, AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर्स

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी में सहयोग के संभावित लाभ, नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र की भूमिका 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी सामरिक साझेदारी को मज़बूत करने एवं प्रौद्योगिकी तथा रक्षा सहयोग को बनाए रखने की दिशा में एक अहम फैसला लिया है। महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल (initiative on Critical and Emerging Technology- iCET) के तहत दोनों देशों ने उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिये एक रोडमैप पेश किया।

  • यह पहल नियामक बाधाओं को दूर करने, निर्यात नियंत्रणों को संरेखित करने और महत्त्वपूर्ण एवं उभरते क्षेत्रों में गहन सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर पहल:

  • परिचय: 
    • iCET की घोषणा भारत और अमेरिका द्वारा मई 2022 में की गई थी और इसे आधिकारिक तौर पर जनवरी 2023 में लॉन्च किया गया था। इसका संचालन दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा किया जा रहा है।
    • iCET के अंतर्गत दोनों देशों ने सहयोग के छह क्षेत्रों की पहचान की है जिसमें सह-विकास और सह-उत्पादन शामिल होगा जिसे धीरे-धीरे QUAD फिर NATO, यूरोप और शेष विश्व में विस्तारित किया जाएगा।
    • iCET के अंतर्गत भारत, अमेरिका के साथ अपनी प्रमुख तकनीकों को साझा करने के लिये तैयार है और वाशिंगटन से भी ऐसा ही करने की अपेक्षा करता है।
    • इसका उद्देश्य AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर्स और वायरलेस टेलीकम्युनिकेशन सहित महत्त्वपूर्ण तथा उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • पहल के प्रमुख क्षेत्र:
    • AI अनुसंधान साझेदारी।
    • रक्षा औद्योगिक सहयोग, रक्षा तकनीकी सहयोग और रक्षा स्टार्टअप।
    • नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र।
    • सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र का विकास।
    • मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में सहयोग।
    • भारत में 5G और 6G तकनीकों में उन्नति एवं OpenRAN नेटवर्क प्रौद्योगिकी को अपनाना।
  • अब तक की प्रगति: 
    • प्रमुख उपलब्धियों में क्वांटम समन्वय तंत्र, दूरसंचार पर सार्वजनिक-निजी संवाद, AI और अंतरिक्ष के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण आदान-प्रदान, अर्द्धचालक आपूर्ति शृंखला स्थापित करने पर समझौता ज्ञापन तथा रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिये रोडमैप का निष्कर्ष शामिल है।
    • दोनों देश विशाल जेट इंजन सौदे को अंतिम रूप देने के करीब हैं और इसके साथ ही भारत-यू.एस. डिफेंस एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (इंडस-एक्स) नामक एक नई पहल लॉन्च करने वाले हैं।
    • विनियामक बाधाओं को दूर करने और निर्यात नियंत्रण मानदंडों की समीक्षा करने के लिये सामरिक व्यापार संवाद स्थापित किया गया है।

अमेरिका के साथ भारत के संबंध:

  • आर्थिक संबंध:   
    • दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों के परिणामस्वरूप वर्ष 2022-23 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है।
    • भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2022-23 में 7.65% बढ़कर 128.55 अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि वर्ष 2021-22 में यह 119.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
    • वर्ष 2022-23 में अमेरिका के साथ निर्यात 2.81% बढ़कर 78.31 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जबकि वर्ष 2021-22 में यह 76.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर था तथा आयात लगभग 16% बढ़कर 50.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। 
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:

Open-RAN (O-RAN) नेटवर्क टेक्नोलॉजी: 

  • परिचय: 
    • यह रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) सिस्टम का एक गैर-स्वामित्व संस्करण है।
      • RAN एक वायरलेस दूरसंचार प्रणाली का प्रमुख घटक है जो व्यक्तिगत उपकरणों को एक रेडियो लिंक के माध्यम से नेटवर्क के अन्य भागों से जोड़ता है।
    • विभिन्न विक्रेताओं के उपकरणों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी की अनुमति देता है। 
  • Open-RAN नेटवर्क प्रौद्योगिकी के लाभ:
    • अधिक पारदर्शी और लचीला RAN आर्किटेक्चर।
    • खुले इंटरफेस और वर्चुअलाइज़ेशन के आधार पर।
    • उद्योग-व्यापी मानकों द्वारा समर्थित।
    • लागत में कमी।
    • बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा।
    • तेज़ नवाचार। 
  • Open-RAN नेटवर्क प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग:
    • 5G और 6G नेटवर्क को सपोर्ट करना।
    • नेटवर्क के प्रदर्शन और सुरक्षा को बढ़ाना।
    • नई सेवाओं और क्षमताओं को सक्षम करना।
    • डिजिटल विभाजन को पाटना।

स्रोत: द हिंदू

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