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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

ट्रैफिक इंडेक्स 2018

  • 13 Jun 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एम्स्टर्डम स्थित लोकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी टॉमटॉम (TomTom) द्वारा ट्रैफिक इंडेक्स 2018 जारी किया गया है। गौरतलब है कि टॉमटॉम ट्रैफिक की जानकारी एकत्र करने के लिये लोकेशन टेक्नोलॉजी (Location Technology) का उपयोग करके ट्रैफिक समाधान प्रदान करती है।

  • इस इंडेक्स के अनुसार, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सड़कों पर अधिक जाम लगने के कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में 65 फीसदी अधिक वक्त लगता है, जबकि देश की राजधानी दिल्ली में 58 फीसदी अधिक समय लगता है।
  • नवीनतम इंडेक्स में विश्व के 56 देशों के 403 शहरों को शामिल किया गया है, जिसमें 13 नए शहर भी शामिल हैं। इसमें कोलंबिया के बोगोटा शहर को दूसरे जबकि पेरू के लीमा शहर को तीसरे स्थान तथा मास्को को पाँचवें स्थान पर रखा गया है।
  • भारत की राजधानी दिल्ली विश्व का चौथा सबसे अधिक ट्रैफिक वाला शहर है।

Traffic

ट्रैफिक कंजेशन के दुष्प्रभाव

(Effects of Traffic Congestion)

  • इससे ध्वनि एवं वायु प्रदूषण (Air and Noise Pollution) में वृद्धि होती है।
  • वर्ष 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 20 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में भारत के 14 शहर शामिल थे।
  • भारत में किसी भी अन्य देश की तुलना में यातायात दुर्घटनाओं के कारण सर्वाधिक 120,000 लोगों की (प्रतिवर्ष) मृत्यु होती है।
  • भारत में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएँ दिल्ली में होती हैं जबकि वैश्विक स्तर पर इसका तीसरा स्थान है।
  • आर्थिक नुकसान का सीधा संबंध ट्रैफिक में फँसे होने में लगे समय के मौद्रिक मूल्य से है।
  • ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म (Global Consultancy Firm) द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में ट्रैफिक के कारण वार्षिक लागत अर्थव्यवस्था का 1.47 लाख करोड़ रूपए है।
  • ट्रैफिक जाम की स्थिति में आपातकालीन वाहनों जैसे- एबुलेंस, सैन्य वाहन का भी मार्ग बाधित होता है।
  • यातायात नियमों का उल्लंघन, रेड लाइट (Red Lights) का उल्लंघन करना, सही लेन में वाहन न चलाना आदि ट्रैफिक जाम के सबसे प्रमुख कारण हैं।
  • अगर इसका हम सकारात्मक पक्ष देखें तो यह मज़बूत अर्थव्यवस्था का द्योतक है।

आगे की राह

  • इस समस्या का समाधान करने के लिये सरकार को सड़कों को और अधिक चौड़ा करने, नई सड़कों तथा अंडरपासों का निर्माण जैसी परियोजनाओं को बढ़ावा देना चाहिये।
  • सडकों के उचित प्रबंधन एवं यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध सज़ा और जुर्माने जैसे कड़े प्रावधान किये जाने चाहिये।
  • यात्रा के लिये सार्वजनिक परिवहन, कारपूलिंग, राइडशेयरिंग के लिये कम्यूटर सब्सिडी (Commuter Subsidies) का प्रावधान करना।
  • अगर दिल्ली के लोग राइडशेयरिंग के माध्यम से यात्रा करने लगें तो दिल्ली में, 22,369 एकड़ का क्षेत्र ट्रैफिक मुक्त किया जा सकता है।
  • सरकार को कार-केंद्रित पॉलिसी (Car-Centric Policy) में बदलाव करते हुए कार एवं चौपहिया वाहनों की खरीद पर प्रतिबंध लगा देना चाहिये।
  • कार पूल (Carpool) करने वाले कर्मचारियों को उचित पार्किंग उपलब्ध कराना।
  • सभी कर्मचारियों को गाइडबुक प्रदान करना जो यातायात के वैकल्पिक साधनों के बारे में जानकारी प्रदान करें और उनके प्रयोग को प्रोत्साहित करें।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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