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भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में WASH की स्थिति

  • 23 Feb 2021
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

अमेरिका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी ( Center for Disease Dynamics, Economics and Policy- CDDEP) द्वारा हाल ही में किये गए एक शोध में संपूर्ण भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में एक वर्ष तक के लिये पानी, साफ-सफाई और स्वछता (WAter, Sanitation and Hygiene- WASH) सुनिश्चित करने तथा संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण से संबंधित कदम उठाने की लागत का अनुमान लगाया गया है।

  • CDDEP का उद्देश्य स्वास्थ्य नीति में बेहतर निर्णय लेने हेतु अनुसंधान का उपयोग करना है।

वाॅश (WASH):

  • WASH ‘Water, Sanitation and Hygiene का संक्षिप्त रूप है। ये क्षेत्र परस्पर संबंधित हैं। 
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की वॉश रणनीति को सदस्य राज्य संकल्प (WHA 64.4) तथा सतत् विकास लक्ष्य-3 (अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण) सतत् विकास लक्ष्य-6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता) की अनुक्रिया के रूप में विकसित किया गया है।
  • यह WHO के 13वें जनरल प्रोग्राम ऑफ वर्क 2019-2023 का एक घटक है जिसका उद्देश्य बेहतर आपातकालीन तैयारियों और प्रतिक्रिया जैसे बहुक्षेत्रीय कार्रवाइयों के माध्यम से तीन बिलियन लोगों तथा यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज़ (UHC) के माध्यम से एक बिलियन लोगों की स्वास्थ्य सुविधा में योगदान करना है। 
  • यह जुलाई 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता जैसे मानवाधिकारों की प्रगतिशीलता पर भी ज़ोर देता है।

प्रमुख बिंदु:

अध्ययन की आवश्यकता:

  • अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता सुविधाएंँ: WHO और UNICEF की वर्ष 2019 की संयुक्त वैश्विक आधारभूत रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर चार स्वास्थ्य सुविधाओं में से एक में मूलभूत रूप से जल आपूर्ति का अभाव देखा गया, जबकि पाँच में से एक में स्वच्छता सुविधा नहीं थी तथा 42% स्वास्थ्य सुविधाएँ ऐसी थीं जिनमें देखभाल के स्तर पर स्वच्छता सुविधा का अभाव था।
  • स्वच्छता का आर्थिक महत्त्व: WHO द्वारा वर्ष 2012 में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में यह आकलन किया गया था कि यदि स्वच्छता के क्षेत्र में एक डॉलर का निवेश किया जाता है तो स्वास्थ्य सुविधा लागत में 5.50 डॉलर की कमी आएगी, उत्पादकता में वृद्धि होगी तथा असामयिक मौतों की संख्या में कमी आएगी। 
  • वाॅश रणनीति के अनुचित कार्यान्वयन का परिणाम:
    • स्वास्थ्य सुविधाओं के संदर्भ में WHO के WASH दस्तावेज़ में बताया गया है कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अपर्याप्त जल, स्वच्छता एवं साफ सफाई के अभाव के कारण प्रतिवर्ष 8,27,000 लोगों की मृत्यु होती है।
    • इसके अलावा बेहतर WASH सुविधाएँ उपलब्ध कराकर प्रत्येक वर्ष पांँच साल से कम उम्र के 2,97,000 बच्चों की मौत को रोका जा सकता है।

अध्ययन का उद्देश्य:

  • भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में माँ और नवजात शिशुओं के मध्य संक्रमण को कम करने के उद्देश्य से WASH लागत-प्रभावशीलता का निर्धारण करना।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:

  • लागत अनुमान : भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की WASH स्थिति में सुधार करने तथा इसे एक वर्ष तक बनाए रखने में पूंजीगत लागत के रूप में लगभग 2567 करोड़ रुपए तथा आवर्तक खर्चों हेतु 2095 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
    • महंँगा हस्तक्षेप: साफ पानी, लिनेन रिप्रोसेसिंग तथा स्वच्छता।
    • कम खर्चीले हस्तक्षेप: हाथों की स्वच्छता, चिकित्सा उपकरणों का पुन: प्रसंस्करण और वातावरणीय सतह की सफाई।
  • स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित संक्रमण:
    • WASH की अपर्याप्त उपलब्धता तथा संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधी संक्रमण हो सकता है।
    • प्रेरक कारक: एसिनेटोबैक्टर बाउमानी (Acinetobacter baumannii), एंटरोकोकस फेसेलिस (Enterococcus faecalis), एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia coli), साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) , स्ट्रैप्टोकोकस निमोनिया (Streptococcus pneumoniae) जैसे रोगजनकों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध विकसित होने के कारण इन्हें स्वास्थ्य संबंधी संक्रमणों के लिये उत्तरदायी पाया गया है।
    • स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित सामान्य संक्रमण: इनमें सेंट्रल-लाइन से जुड़े रक्त प्रवाह संक्रमण (CLABSI), मूत्रमार्ग संक्रमण, सर्जरी वाले स्थान पर संक्रमण और निमोनिया के उपचार में प्रयोग होने वाले वेंटीलेटर से संबंधित संक्रमण शामिल हैं।

अध्ययन का महत्त्व:

  • उपयुक्त रणनीति अपनाने में सहायक: निष्कर्षों से पता चलता है कि भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में WASH के अंतराल को संबोधित करना न केवल अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियानों की तुलना में संभावना के क्षेत्र के दायरे में है बल्कि इसे रोगाणुरोधी प्रतिरोध जैसी स्वास्थ्य संबंधी प्राथमिकताओं को संबोधित करने हेतु अन्य राष्ट्रीय प्रयासों के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
    • यह स्थानीय निकायों, राज्य और केंद्र सरकारों से WASH प्रावधान में गुणवत्ता और असमानता के मुद्दों को लगातार हल करने के उद्देश्य से ठोस प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है।
  • स्वास्थ्य देखभाल नीति में सुधार: WASH, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण तथा रोगाणुरोधी प्रतिरोध के मध्य अंतर इस मायने में अनूठा है कि यह नीति निर्माताओं को स्वास्थ्य सुविधाओं में WASH पर हस्तक्षेप के माध्यम से कई अतिव्यापी समस्याओं का समाधान करने का अवसर प्रदान करता है।

स्रोत: द हिंदू 

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