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जैव विविधता और पर्यावरण

स्टेट ऑफ फाइनेंस फॉर नेचर रिपोर्ट

  • 03 Dec 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

प्रकृति-आधारित समाधान (Nature-based Solutions- NbS), स्टेट ऑफ फाइनेंस फॉर नेचर रिपोर्ट, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, NbS, सतत् विकास लक्ष्य, जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता,

मेन्स के लिये:

प्रकृति-आधारित समाधान (NbS), पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्टेट ऑफ फाइनेंस फॉर नेचर रिपोर्ट का दूसरा संस्करण जारी किया गया।

रिपोर्ट के निष्कर्ष:

  • वर्तमान वित्तीय प्रवाह:
    • NbS के लिये वर्तमान सार्वजनिक और निजी वित्तीय प्रवाह प्रतिवर्ष 154 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।
      • इसमें सार्वजनिक क्षेत्र का योगदान 83% है और निजी क्षेत्र का योगदान 17% है।
  • NbS वित्त प्रवाह में बदलाव:
    • NbS के लिये कुल वित्त प्रवाह 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 154 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष हो गया है।
    • यह सार्वजनिक और निजी वित्तीय प्रवाह के योग में वास्तविक रूप से 2.6% के निवेश में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि का प्रतिनिधित्त्व करता है।
  • समुद्री NbS और संरक्षित क्षेत्रों में निवेश:
    • SFN 2022 ने समुद्री प्रकृति-आधारित समाधानों और संरक्षित क्षेत्र वित्त के विस्तृत मूल्यांकन को शामिल करके दायरे को व्यापक बनाया।
    • समुद्री NbS के लिये वित्त प्रवाह मुख्यतौर पर 14 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो कुल (स्थलीय और समुद्री) वित्त प्रवाह का 9% है।
    • समुद्री NbS में वार्षिक घरेलू सरकारी व्यय प्रति वर्ष 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिसमें समुद्री संरक्षित क्षेत्रों, मत्स्य पालन के सतत् प्रबंधन और मत्स्य पालन के अनुसंधान एवं विकास पर खर्च शामिल है।
  • ्रकृति-नकारात्मक वित्तीय प्रवाह (Nature-negative Financial Flows):
    • प्रकृति-नकारात्मक गतिविधियों के लिये सार्वजनिक वित्तीय सहायता वर्तमान में प्रति वर्ष 500 से 1,100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक है, जो कि NbS में वर्तमान निवेश से तीन से सात गुना अधिक है।

सुझाव:

  • प्रकृति आधारित समाधान में निवेश:
    • वर्ष 2025 तक प्रकृति-आधारित समाधानों में 384 बिलियन अमेरिकी डॉलर/वर्ष के निवेश में वृद्धि के बिना, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण के लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सकेगा।
    • NbS के लिये वित्त पोषण को दोगुना करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (Greenhouse Gas Emissions- GHG) को बढ़ाने वाली गतिविधियों के लिये इसे कम करने की आवश्यकता है।
  • निजी निवेश:
    • निजी क्षेत्र के अभिकर्त्ताओं को 'नेट ज़ीरो' को 'नेचर पॉजिटिव' के साथ जोड़ना होगा।
    • इसके लिये निजी कंपनियों को एक स्थायी आपूर्ति शृंखला बनानी चाहिये, जलवायु और जैव विविधता पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाली गतिविधियों को कम करना चाहिये, समग्र प्रकृति बाजारों के माध्यम से किसी भी अपरिहार्य गतिविधियों को समाप्त करना चाहिये, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिये भुगतान करना चाहिये और प्रकृति-सकारात्मक गतिविधियों में निवेश करना चाहिये।
  • वित्तीय प्रणालियों में समावेशन में वृद्धि:
    • NBS निवेश को बढ़ाने के लिये, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को मानव अधिकारों की रक्षा करने वाले संक्रमण सिद्धांतों को शामिल करना चाहिये।
    • एक न्यायसंगत संक्रमण में जलवायु कार्रवाई के सामाजिक और आर्थिक अवसरों को अधिकतम करना शामिल है, जबकि किसी भी चुनौती को कम और सावधानीपूर्वक प्रबंधित करना - प्रभावित सभी समूहों के बीच प्रभावी सामाजिक संवाद और मौलिक श्रम सिद्धांतों तथा अधिकारों के लिये सम्मान भी शामिल है।

प्रकृति-आधारित समाधान (NBS):

  • पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना सामाजिक-पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिये प्रकृति के सतत् प्रबंधन और उपयोग को संदर्भित करता है, जो आपदा जोखिम में कमी, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान से लेकर खाद्य एवं जल सुरक्षा के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य तक सीमित है।
  • NBS लोगों और प्रकृति के बीच सद्भाव बनाता है, पारिस्थितिक विकास को सक्षम बनाता है और जलवायु परिवर्तन के लिये एक समग्र, जन-केंद्रित प्रतिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है।
    • इस प्रकार NBS सतत् विकास लक्ष्यों को रेखांकित करता है, क्योंकि यह महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, जैव विविधता और ताजे जल तक पहुँच, बेहतर आजीविका, स्वस्थ आहार और स्थायी खाद्य प्रणालियों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा (जैविक कृषि) का समर्थन करते हैं।
    • इसके अलावा NBS जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के समग्र वैश्विक प्रयासों का एक अनिवार्य घटक है।

Benefits-to-people

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP):

  • 05 जून, 1972 को स्थापित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) एक प्रमुख वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण है।
  • कार्य: इसका प्राथमिक कार्य वैश्विक पर्यावरण एजेंडा को निर्धारित करना, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर सतत् विकास को बढ़ावा देना और वैश्विक पर्यावरण संरक्षण के लिये एक आधिकारिक अधिवक्ता के रूप में कार्य करना है।
  • प्रमुख रिपोर्ट्स: उत्सर्जन गैप रिपोर्ट, वैश्विक पर्यावरण आउटलुक, फ्रंटियर्स, इन्वेस्ट इनटू हेल्थी प्लेनेट रिपोर्ट।
  • प्रमुख अभियान: ‘बीट पॉल्यूशन’, ‘UN75’, विश्व पर्यावरण दिवस, वाइल्ड फॉर लाइफ।
  • मुख्यालय: नैरोबी (केन्या)।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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