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जैव विविधता और पर्यावरण

2022 की गंभीर जलवायु आपदाएँ और COP27

  • 22 Nov 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जलवायु आपदाएँ, मलेरिया, दस्त, चक्रवात, सूखा, हीटवेव, वज्रपात, बाढ़, भूस्खलन

मेन्स के लिये:

जलवायु परिवर्तन और इसका प्रभाव, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण

चर्चा में क्यों?

विकासशील और कमज़ोर राष्ट्रों द्वारा COP27 में जलवायु वित्त की मांग जारी है, अतः इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है कि वैश्विक आपदा से वर्ष 2022 में जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

पिछले वैश्विक आपदाओं का प्रभाव:

  • पाकिस्तान में बाढ़:
    • पाकिस्तान में मार्च 2022 के महीने में सामान्य से 62% कम बारिश दर्ज की गई और मानसून से पहले अप्रैल माह सबसे गर्म रहा।
      • इन हीटवेव के कारण ग्लेशियर पिघल गए जिससे नदियाँ उफान पर आ गईं। पाकिस्तान की 22 करोड़ की आबादी में से 3.3 करोड़ लोगों के लिये बुनियादी ज़रूरतों तक पहुँच मुश्किल हो गई।
    • अत्यधिक वर्षा के कारण जून से सितंबर महीनों के दौरान विनाशकारी बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई।
      • यह बाढ़ देश के इतिहास में सबसे खराब आपदा थी।
      • इसमें 1,500 से अधिक लोग मारे गए, लाखों लोग विस्थापित हुए और त्वचा संक्रमण, मलेरिया एवं डायरिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हुई।
  • अमेरिका में हरिकेन इयान:
    • नासा के आँकड़ों से पता चला है कि मेंक्सिको की खाड़ी में समुद्र के गर्म जल ने सितंबर 2022 के अंत में अमेरिका में हरिकेन इयान को उत्पन्न किया, जिससे यह हाल के दिनों में वहाँ आने वाले सबसे मज़बूत तूफानों में से एक है।
      • इसके परिणामस्वरूप 101 लोगों की जान चली गई और 100 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से अधिक की मौद्रिक हानि हुई।
      • यह आपदा वर्ष की सबसे घातक जलवायु-प्रेरित आपदा थी।
    • इस घटना के कारण दक्षिण-पश्चिमी फ्लोरिडा में भीषण बाढ़, लगातार बारिश और तेज हवाएँ चलीं।
  • यूरोपीय सूखा:
    • जून और जुलाई, 2022 में यूरोप दो चरम हीट की घटनाओं के कारण प्रभावित हुआ, जिसने लगभग 16,000 लोगों की जान ले ली।
      • इस साल के सूखे की 500 वर्षों में सबसे गंभीर होने की संभावना है।
    • यूरोप की सबसे बड़ी नदियों- राइन, पो, लॉयर और डेन्यूब में जल स्तर कम हो गया है, और महाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में शुष्क स्थिति बनी हुई है।
  • स्पेन और पुर्तगाल:
    • वायुमंडलीय उच्च दबाव प्रणाली, जो सर्दियों और वसंत के मौसम में उत्तरी गोलार्द्ध में उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में शुष्क हवा का कारण बनती है, जिसे अज़ोरेस हाई कहा जाता है, में आर्द्र मौसम के प्रवाह को अवरुद्ध करने की क्षमता होती है।
    • इससे दक्षिण-पश्चिमी यूरोप में इबेरियन प्रायद्वीप और भूमध्य क्षेत्र में शुष्क स्थिति पैदा हो गई।
      • इसलिये स्पेन और पुर्तगाल को जंगल की आग के साथ 1,200 वर्षों में सबसे शुष्क मौसम का सामना करना पड़ा।
  • भारत में प्राकृतिक आपदाएँ:
    • भारत ने वर्ष 2022 में लगभग प्रत्येक दिन प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया।
    • भारत ने वर्ष के पहले नौ महीनों में "273 में से 241 दिनों में चरम मौसमी घटनाएँ" दर्ज कीं।
    • कुल मिलाकर इन आपदाओं ने "2,755 लोगों की जान ली, 8 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र को प्रभावित किया, 416,667 घरों को नष्ट कर दिया और लगभग 70,000 पशुओं को मार डाला।"

COP27 के प्रमुख परिणाम:

  • कमज़ोर देशों के लिये लॉस एंड डैमेज फंड:
    • संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP27 ने कमज़ोर देशों को लॉस एंड डैमेज वित्तपोषण प्रदान करने के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
  • प्रौद्योगिकी:
    • COP27 में विकासशील देशों में जलवायु प्रौद्योगिकी समाधानों को बढ़ावा देने के लिये एक नया पंचवर्षीय कार्यक्रम शुरू किया गया था।
  • शमन:
    • शमन महत्त्वाकाँक्षा और कार्यान्वयन को तत्काल बढ़ाने के उद्देश्य से एक शमन कार्यक्रम शुरू किया गया।
    • कार्यक्रम COP27 के तुरंत बाद शुरू होगा और वर्ष 2030 तक ज़ारी रहेगा, जिसमें प्रतिवर्ष कम-से-कम दो वैश्विक संवाद होंगे।
    • सरकारों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे वर्ष 2023 के अंत तक अपनी राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं में 2030 के लक्ष्यों पर फिर से विचार करें और उन्हें मज़बूत बनाएँ, साथ ही बेरोकटोक कोयला विद्युत को चरणबद्ध करने तथा अक्षम जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को समाप्त करने के प्रयासों में तेज़ी लाएँ।।
  • ग्लोबल स्टॉकटेक:
    • संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP27 में प्रतिनिधियों ने पेरिस समझौते के तहत महत्त्वाकाँक्षा बढ़ाने के लिये एक तंत्र पहले वैश्विक स्टॉकटेक की दूसरी तकनीकी वार्ता की।
    • अगले साल COP28 में स्टॉकटेक के समापन से पहले वर्ष 2023 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव 'जलवायु महत्त्वाकाँक्षा शिखर सम्मेलन' आयोजित करेंगे।
  • शर्म-अल-शेख अनुकूलन एजेंडा:
    • यह 2030 तक सबसे अधिक जलवायु संवेदनशील समुदायों में रहने वाले 4 अरब लोगों के लिये लचीलापन बढ़ाने हेतु 30 अनुकूलन परिणामों की रूपरेखा तैयार करता है।
  • जल अनुकूलन और लचीलापन पहल पर कार्रवाई (AWARe):
    • यह एक प्रमुख जलवायु परिवर्तन समस्या और संभावित समाधान दोनों के रूप में जल के महत्व को प्रतिबिंबित करने के लिये शुरू किया गया है।
  • अफ्रीकी कार्बन बाज़ार पहल (ACMI):
    • यह कार्बन क्रेडिट उत्पादन के विकास का समर्थन करने और अफ्रीका में नौकरियाँ पैदा करने के लिये शुरू किया गया था।
  • वैश्विक नवीकरणीय गठबंधन:
    • यह पहली बार एक त्वरित ऊर्जा संक्रमण सुनिश्चित करने के लिये ऊर्जा संक्रमण के लिये आवश्यक सभी तकनीकों को एक साथ लेकर आता है।
    • इस एलायंस का उद्देश्य लक्ष्यों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा को सतत् विकास और आर्थिक विकास के स्तंभ के रूप में स्थापित करना है।

स्रोत: द हिंदू

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