इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

जेल संबंधी मामलों की जाँच के लिये एक पैनल का गठन

  • 09 Aug 2018
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय (SC) द्वारा यह निर्णय लिया गया कि जेलों में होने वाली अत्यधिक भीड़ और इससे निपटने के उपायों सहित अन्य समस्याओं की जाँच के लिये सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जेल सुधार समिति में भारत सरकार के दो या तीन अधिकारी भी होंगे, जो देश भर की जेलों में बंद महिला कैदियों की समस्याओं सहित अन्य मामलों की जाँच करेंगे।
  • न्यायमूर्ति एम.बी. लोकुर, एस.अब्दुल नज़ीर और दीपक गुप्ता की एक खंडपीठ ने रोष प्रकट किया कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत भारी राशि एकत्र की है लेकिन उस धन का उचित उपयोग नहीं किया जा रहा है। 
  • उच्चतम न्यायालय ने 5 अगस्त को अपनी नाराजगी व्यक्त की थी कि कई राज्यों ने अभी तक उन आगंतुक बोर्डों को नियुक्त नहीं किया है जो नियमित रूप से जेलों का निरीक्षण करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे नियमों के अनुसार चल रहे हैं। 
  • सर्वोच्च न्यायालय देश भर के 1,382 जेलों में प्रचलित अमानवीय स्थितियों से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहा है। 
  • न्यायालय ने इससे पहले देश भर की अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली जेलों के मामले में भी कड़ी आपत्ति दर्ज़ कराई थी और कहा था कि कैदियों के पास भी मानवाधिकार है और उन्हें "जानवरों" की तरह जेल में नहीं रखा जा सकता है। 
  • इससे पहले भारत भर में जेलों में अप्राकृतिक मौत और जेल सुधारों पर कई दिशा-निर्देश पारित किये गए हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow