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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

रूस-भारत द्विपक्षीय व्यापार

  • 20 Apr 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

रूस-भारत अंतर-सरकारी आयोग की बैठक, व्यापार असंतुलन, तेल, उर्वरक, हिंद-प्रशांत क्षेत्र

मेन्स के लिये:

रूस-भारत द्विपक्षीय व्यापार

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में रूस के उप प्रधानमंत्री ने भारत में 24वें रूस-भारत अंतर-सरकारी आयोग (IGC) की बैठक में भाग लिया।

  • रूस ने पश्चिमी निर्मित विनिर्माण उपकरणों को बदलने के लिये भारत से मशीनरी खरीदने में रुचि दिखाई है।

Russia

प्रमुख बिंदु

  • यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण डिलीवरी और भुगतान से संबंधित चुनौतियों का सामना करने हेतु दोनों देशों ने भारत-रूस के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा की है
  • दोनों देशों ने रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के लिये भारत की योजनाओं पर चर्चा की जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रूस की रणनीति का एक अनिवार्य अंग है।
  • उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार को और गति प्रदान करने हेतु द्विपक्षीय व्यापार प्रयासों एवं नए औद्योगिक बिंदुओं की पहचान करने के संबंध में चर्चा की।
    • वर्तमान में व्यापार संतुलन रूस के पक्ष में है, इसलिये दोनों पक्षों ने व्यापार संबंधों में अधिक संतुलन बनाने के तरीकों पर चर्चा की है।
  • दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार, आर्थिक और मानवीय सहयोग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की।
    • इन चर्चाओं में प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा से संबंधित पारस्परिक हित के कई क्षेत्रों को शामिल किया गया।

भारत-रूस व्यापार संबंधों की स्थिति: 

  • रूस के साथ भारत का कुल द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021-22 में 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर और वर्ष  2020-21 में 8.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • रूस पिछले वर्ष अपने 25वें स्थान से बढ़कर अब भारत का सातवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है।
    • अमेरिका, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक और इंडोनेशिया ऐसे छह देश थे जिन्होंने वर्ष 2022-23 के पहले पाँच महीनों के दौरान भारत के साथ व्यापार की उच्च मात्रा दर्ज की।

द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित चिंताएँ: 

  • व्यापार असंतुलन: 
    • रूस से भारत का आयात 17.23 बिलियन अमेरिका डॉलर था, जबकि मास्को को भारत का निर्यात केवल 992.73 मिलियन अमेरिका डॉलर का था, जिसके परिणामस्वरूप 2020-21 में 16,24 बिलियन अमेरिका डॉलर का नकारात्मक व्यापार संतुलन बना रहा। 
    • भारत के कुल व्यापार में रूस की हिस्सेदारी 2021-22 के 1.27% से बढ़कर 3.54% हो गई है।
    • जबकि वर्ष 1997-98 में भारत के कुल व्यापार में रूस का हिस्सा 2.1% था, यह पिछले 25 वर्षों से 2% से नीचे रहा।
  • व्यापार असंतुलन की स्थिति पैदा करने वाले कारक:
    • वर्ष 2022 में पहले से ही रूस से मुख्य रूप से तेल और उर्वरक आयात में अचानक वृद्धि द्विपक्षीय व्यापार में इस वृद्धि के पीछे मुख्य चालक है।
      • पेट्रोलियम तेल और अन्य ईंधन वस्तुओं का रूस से भारत के कुल आयात में 84% हिस्सेदारी है, जबकि उर्वरक दूसरे स्थान पर है।
    • इस वर्ष रूस से कुल आयात में उर्वरक और ईंधन की हिस्सेदारी 91% से अधिक रही।

भारत-रूस के बीच व्यापार असंतुलन को दूर करने के उपाय: 

  • रूस को भारतीय निर्यात: 
    • दोनों देश भारतीय आयात में वृद्धि करना चाहते हैं, विशेष रूप से मशीनरी क्षेत्र में, जहाँ भारत के पास उन्नत उत्पादन क्षमता है। 
  • रुपया-रूबल तंत्र: 
    • व्यापार संबंधों में आने वाली चुनौतियों में से एक भुगतान, रसद और प्रमाणन है। पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रभाव से द्विपक्षीय व्यापार को सुरक्षित रखने के लिये दोनों पक्ष रुपया-रूबल तंत्र का सहारा लेने के लिये बातचीत कर रहे हैं।
  • नए औद्योगिक बिंदु: 
    • दोनों नए औद्योगिक बिंदुओं की पहचान करना चाहते हैं जो व्यापार को अतिरिक्त प्रोत्साहन दे सकते हैं और एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर सकते हैं।

भारत-रूस संबंधों के विभिन्न पहलू: 

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 
    • शीत युद्ध के दौरान भारत और सोवियत संघ के बीच एक मज़बूत सामरिक, सैन्य, आर्थिक एवं राजनयिक संबंध थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस को भारत के साथ अपने घनिष्ठ संबंध विरासत में मिले, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक विशेष सामरिक संबंध साझा किया। 
    • हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में संबंधों में भारी गिरावट आई है, खासकर कोविड के बाद के परिदृश्य में। इसका एक सबसे बड़ा कारण रूस के चीन और पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसने भारत के लिये पिछले कुछ वर्षों में कई भू-राजनीतिक मुद्दों को जन्म दिया है।
  • राजनीतिक संबंध: 
    • दो अंतर-सरकारी आयोग- एक व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (IRIGC-TEC) और दूसरा सैन्य-तकनीकी सहयोग (IRIGC- MTC) को लेकर वार्षिक तौर पर मिलते हैं।
  • रक्षा और सुरक्षा संबंध: 
  • नाभिकीय ऊर्जा:
    • कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Kudankulam Nuclear Power Plant- KKNPP) का निर्माण रूस-भारत अंतर-सरकारी समझौते के तहत किया जा रहा है। 
    • भारत और रूस दोनों बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना की स्थापना में सहयोग कर रहे हैं। 

निष्कर्ष:

  • भारत और रूस के बीच व्यापार असंतुलन को बहु-आयामी रणनीति के माध्यम से कम किया जा सकता है जो विविधीकरण, निर्यात प्रोत्साहन, बेहतर व्यापार सौदे वार्ता, आर्थिक सहयोग के साथ विकास और संरचनात्मक कठिनाइयों को हल करने में मदद कर सकता है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. हाल ही में भारत ने निम्नलिखित में से किस देश के साथ 'नाभिकीय क्षेत्र में सहयोग क्षेत्रों के प्राथमिकीकरण और कार्यान्वयन हेतु कार्ययोजना' नामक सौदे पर हस्ताक्षर किये हैं? (2019)

(a) जापान
(b) रूस
(c) यूनाइटेड किंगडम
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर: (b)


प्रश्न. भारत-रूस रक्षा सौदों की तुलना में भारत-अमेरिका रक्षा समझौतों की क्या महत्ता है? हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थायित्त्व के संदर्भ में चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

स्रोत: द हिंदू

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