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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा

  • 03 Jun 2017
  • 4 min read

संदर्भ
प्राय: हर साल देश को बाढ़, भूकंप, भूस्खलन, चक्रवात जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ता है। इन आपदाओं के कारण देश को भारी जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है। प्रत्येक वर्ष देश के तटीय राज्यों खासकर ओडिशा, आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु को चक्रवात के कारण होने वाली भारी वर्षा के चलते भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए ओडिशा सरकार ने इस तरह से होने वाले नुकसान को कम करने के लिये देश में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी कार्य किया है। इसका लाभ न केवल देश को मिलेगा बल्कि प्रशांत क्षेत्र में अवस्थित 14 द्वीपीय राष्ट्रों को भी मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इन देशों को भी उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

ओडिशा द्वारा की गई आपदा प्रबंधन की तैयारियाँ

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने ओडिशा के साथ मिलकर इन 14 द्वीपीय देशों के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की है।
  • उल्लेखनीय है कि 1999 के सुपर-चक्रवात में ओडिशा में 10,000 से अधिक लोगों की जानें गई थीं। इसी के बाद से ओडिशा ने आपदा प्रबंधन तैयारियों के लिये इसमें लगातार मानव श्रम को जोड़ा है तथा आधारभूत संरचनाओं का विकास किया है।
  • ओडिशा सरकार ने चक्रवात जैसी समस्याओं से निपटने हेतु सूक्ष्म-स्तर की योजनाओं (micro planning) पर ज़्यादा ज़ोर दिया है न कि वृहद स्तरीय योजनाओं (macro planning) पर।
  • यहाँ ग्रामीण स्तर पर गर्भवती महिलाओं और दिव्यांग लोगों की सूची तैयार की जाती है ताकि आपात स्थितियों में इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर आसानी से पहुँचाया जा सके।
  • फिलहाल, ओडिशा सरकार स्थानीय समुदायों को आपदाओं से निपटने के लिये प्रशिक्षण दे रही है।
  • राज्य ग्रामीण स्तर पर 23,000 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर चुका है। इसके अलाव, शीघ्र ही आपदा प्रबंधन के लिये एक राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किया जाएगा, जो ज़मीनी स्तर के लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
  • ‘ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल’ (ODRAF) अन्य राज्यों में आपदाओं के दौरान बचाव गतिविधियों में सबसे आगे रहता है।
  • राज्य में लगभग 400 बहुउद्देशीय चक्रवात और बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण किया गया है और 400 अन्य शरण भवनों का निर्माण किया जा रहा है। 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) गृह मंत्रालय की एक एजेंसी है जिसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के प्रति समन्वित प्रतिक्रिया तथा क्षमता निर्माण करना है। इसकी स्थापना दिसंबर 2005 में भारत सरकार द्वारा “आपदा प्रबंधन अधिनियम”  के माध्यम से की गई थी। प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं।
  • आपदा प्रबंधन के लिये समग्र और वितरित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिये एन.डी.एम.ए. नीतियों व दिशा-निर्देशों को तैयार करने, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का विकास करने तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के साथ समन्वय से कार्य करता है ताकि आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सके।
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