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भारतीय अर्थव्यवस्था

खुदरा महँगाई दर में हुई वृद्धि तथा औद्योगिक उत्पादन हुआ धीमा

  • 13 Jul 2018
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा ज़ारी आँकड़ों के अनुसार, खाद्य कीमतों में कमी के बावजूद खुदरा महँगाई दर जून माह में पाँच माह के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, जबकि मई माह में औद्योगिक उत्पादन घटकर सात माह के निम्नतम स्तर पर  पहुँच गया।

खुदरा महँगाई दर 

  • जून में खुदरा महँगाई दर बढ़कर 5 प्रतिशत हो गई जो कि मई में 4.87 प्रतिशत थी। पिछले साल इसी अवधि (जून, 2017) के दौरान खुदरा महँगाई दर 1.47 प्रतिशत थी।
  • इससे पहले जनवरी 2018 में खुदरा महँगाई की उच्च दर (5.07 प्रतिशत) थी।
  • केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जून में खाद्य मुद्रास्फीति 2.91 प्रतिशत थी, जो कि मई में 3.1 प्रतिशत थी।
  • ईंधन और ऊर्जा' श्रेणी की सीपीआई दर जून में 7.14 प्रतिशत रही, जो कि मई में 5.8 प्रतिशत थी।

औद्योगिक वृद्धि दर

  • देश का औद्योगिक उत्पादन मई में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गया, जबकि अप्रैल की तुलना में इसमें गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन 4.9 प्रतिशत था।
  • औद्योगिकी समूह 'कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों के विनिर्माण' में सबसे अधिक 27.0 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज़ की गई। इसके बाद 'मोटर वाहन, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स' के विनिर्माण में 21.1 प्रतिशत और 'फर्नीचर निर्माण' में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • CSO द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के रूप में मापी गई फैक्ट्री उत्पादन की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रही जो कि पूर्व में अनुमानित 4.9 प्रतिशत की दर से कम थी।  
  • औद्योगिक उत्पादन का पिछला निम्नतम स्तर 1.8 प्रतिशत था जो कि अक्तूबर, 2017 में दर्ज किया गया था।
  • वहीं दूसरी तरफ, औद्योगिक समूह 'अन्य विनिर्माण' में सबसे अधिक नकारात्मक वृद्धि दर (-)31.9 प्रतिशत दर्ज की गई। इसके बाद 'तंबाकू उत्पादों के निर्माण' में (-)15.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई और 'पहनने वाले परिधान' में (-)12.8 प्रतिशत की कमी हुई।
  • इस वित्त वर्ष के अप्रैल-मई के दौरान, IIP में 4.4% की वृद्धि दर्ज की गई जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 3.1%  थी।
  • विनिर्माण क्षेत्र में (जो संपूर्ण सूचकांक का 77.63% है)  मई में 2.8% की वृद्धि हुई, जो पिछले साल इसी अवधि में 2.6% थी।
  • खनन क्षेत्र के उत्पादन में मई में 5.7% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले साल मई में 0.3% थी।
  • FMCG उपयोगकर्त्ता आधारित क्षेत्र ने सबसे खराब प्रदर्शन किया  जिसका उत्पादन वार्षिक रूप से 9.7% की वृद्धि के मुकाबले 2.6% घट गया था।
  • उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार, मई 2017 की तुलना में मई 2018 में वृद्धि दर प्राथमिक वस्तुओं में 5.7%, पूंजीगत वस्तुओं में 7.6%, मध्यवर्ती वस्तुओं में 0.9% और बुनियादी ढाँचे/निर्माण वस्तुओं में 4.9% है।
  • उद्योगों के संदर्भ में  विनिर्माण क्षेत्र में 23 उद्योग समूहों में से 13 ने पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में मई 2018 के दौरान सकारात्मक वृद्धि देखी है।

केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (CSO)

  • विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के सांख्यिकीय गतिविधियों के मध्य समन्वयन एवं सांख्यिकीय मानकों के संवर्द्धन हेतु मई 1951 में ‘केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय’ (CSO) की स्थापना की गई थी। 
  • यह कार्यालय देश में सांख्यिकीय गतिविधियों का समन्वयन तथा सांख्यिकीय मानकों का विकास करता है। 
  • यह राष्ट्रीय खातों को तैयार करने, औद्योगिक आँकडों को संकलित एवं प्रकाशित करने के साथ-साथ आर्थिक जनगणना एवं सर्वेक्षण का कार्य भी आयोजित करता है। 
  • यह देश में सतत् विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) की सांख्यिकीय निगरानी के लिये भी उत्तरदायी है।
  • ‘सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय’ (Ministry of Statistics and Programme Implementation - MoSPI) इसका नोडल मंत्रालय है।
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