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भारतीय अर्थव्यवस्था

आवासीय परिसंपत्ति मूल्य निगरानी सर्वेक्षण

  • 12 Jul 2019
  • 2 min read

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में RBI ने आवासीय परिसंपत्ति मूल्य निगरानी सर्वेक्षण (Residential Asset Price Monitoring Survey- RAPMS) जारी किया है।

प्रमुख बिंदु :

  • आवास वहनीयता की स्थिति पिछले चार वर्षों में खराब हुई है। गृह मूल्य आय अनुपात (House Price to Income- HPTI) मार्च 2015 के स्तर 56.1 से बढ़कर मार्च 2019 में 61.5 हो गया है।
  • RBI द्वारा यह सर्वेक्षण 13 शहरों में चुनिंदा बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (House Finance Company-HFC) के आधार पर किया जाता है।
  • मुंबई 74.4 HPTI अनुपात के साथ सबसे कम आवास वहनीयता वाला शहर रहा, वही भुवनेश्वर 54.3 HPTI अनुपात के साथ सबसे अधिक आवास वहनीय शहर रहा है।
  • ऋण-आय (Loan To Income-LTI) अनुपात भी आवास वहनीयता के खराब अनुपात की पुष्टि करता है। यह मार्च 2015 के स्तर 3 से बढ़कर मार्च 2019 में 3.4 हो गया, LTI का स्तर सबसे अधिक मुंबई में (4) और सबसे कम लखनऊ में (2.7) रहा है।
  • ऋण-मूल्य (Loan to Value- LTV) अनुपात भी बैंकों की बढ़ते जोखिम- सहिष्णुता (Risk-Tolerant) के कारण मार्च 2015 के स्तर 67.7% से बढ़कर मार्च 2019 में 69.6% हो गया है।

ऋण-मूल्य (Loan to Value- LTV) अनुपात ऋणदाता द्वारा परिसंपत्ति के मूल्य के प्रतिशत के रूप में प्रदान की जाने वाली ऋण राशि है।

  • EMI आय (EMI-to-Income-ETI) अनुपात पिछले 2 वर्षों में स्थिर रहा है। यह मार्च 2018 में 32.2 और मार्च 2019 में 38.4 के स्तर पर रहा, इसके अतिरिक्त मुंबई, पुणे और अहमदाबाद का ETI अनुपात क्रमशः 43.3, 40.7, 43.5 के रूप में अत्यधिक रहा है।

स्रोत: द हिंदू (बिज़नेस लाइन), इकोनॉमिक्स टाइम

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