इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चिन्नार वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में दुर्लभ पक्षी प्रजाति

  • 20 Nov 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

केरल के चिन्नार वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में श्रीलंकन प्रॉगमाउथ (Srilankan Frogmouth) नामक एक दुर्लभ पक्षी देखा गया है जिसके बाद से यह पक्षी विज्ञानियों की रुचि का विषय बना हुआ है। पहली बार इसे पश्चिमी घाट के पूर्वी इलाके में देखा गया है।

श्रीलंकन प्रॉगमाउथ

  • यह पक्षी बाट्राकॉस्टोमस मॉनीलिजर प्रजाति (Batrachostomus Moniliger Species) से संबंधित है जिसे चिन्नार सेंक्चुरी में देखा गया है।
  • इसका आवास सामान्यत: पश्चिमी घाट के जंगलों के पश्चिमी भाग तक ही सीमित रहता है।
  • यह यूरोप एवं शीतोष्ण एशिया में प्रजनन करने वाले सायंकालीन और रात्रिचर (Nocturnal) पक्षी, नाइटजार (Nightjar) का संबंधी माना जाता है।
  • इसका पंसदीदा आवास वैसे शुष्क एवं खुले क्षेत्र होते हैं जहाँ कुछ मात्रा में छोटे वृक्ष या झाड़ियाँ पाई जाती हैं।
  • श्रीलंकन प्रॉगमाउथ सामान्यतया दिन के समय छोटे वृक्ष की शाखाओं पर आराम करते हैं। इनकी शांतिपूर्ण उपस्थिति के कारण इन पर गौर करना मुश्किल हो जाता है।
  • नाइटजार पक्षी की तरह यह पक्षी भी कीड़ों को खाता है एवं मुख्यत: रात के समय ही शिकार की तलाश करता है।
  • इस पक्षी की मुख्य विशेषता यह है कि अप्रैल-मई के मेटिंग सीज़न के बाद यह एक साल में एक ही अंडा देता है।
  • इसका घोंसला मॉस, लाइकेन और मुलायम पौधों की पत्तियों तथा पेड़ की छाल की मदद से तैयार होता है।
  • जन्म के कुछ समय बाद नर पक्षी घोंसले को तोड़कर नवजात पक्षी के साथ उड़ जाता है।
  • पक्षी विज्ञानियों के अनुसार, श्रीलंका में इस पक्षी का अनूठा आवास पाया जाता है और साथ ही यह मत भी है कि ये थट्टेकड बर्ड सेंक्चुरी में भी पाए जाते हैं।

थट्टेकड बर्ड सेंक्चुरी, केरल

  1. ‘सलीम अली बर्ड सेंक्चूरी’ को ही थट्टेकड बर्ड सेंक्चुरी के नाम से भी जाना जाता है।
  2. यह पेरियार नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित ऐर्नाकुलम ज़िले के कोठामंगलम तालुक में अवस्थित है।
  3. ‘बर्डमैन ऑफ इंडिया’ डॉ. सलीम अली की अनुशांसाओं के आधार पर 1983 में इस सेंक्चुरी को अधिसूचित किया गया था।
  4. काफी समय से इसकी उपस्थिति दर्ज नहीं किये जाने के कारण इस प्रजाति को राज्य से विलुप्त माना जाने लगा था। परंतु 1976 में थट्टेकड में इसे पुन: देखा गया था।
  5. केरल में थट्टेकड बर्ड सेंक्चुरी के अतिरिक्त नेलियामपैथी, चिम्मिनी, परंम्बकुलम, थेनमाला एवं वायनाड में भी इसे देखे जाने की रिपोर्ट पहले आ चुकी है।
  6. यह पक्षी कर्नाटक, गोवा एवं महाराष्ट्र में भी पाया जाता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2