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RAPID FIRE करेंट अफेयर्स (17 दिसंबर, 2019)

  • 17 Dec 2019
  • 6 min read

नवाचार किसान मॉडल के लिये समझौता

सतत् कृषि और जलवायु अनुकूल कृषि प्रणाली के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बोर्ड (NABARD) ने एक्शन रिसर्च एवं विभिन्न तकनीकों को बेहतर बनाने एवं नवाचार किसान मॉडल के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। एक्‍शन रिसर्च का अर्थ है चुनौतियों के लिये समाधान ढूँढने हेतु किसानों की सक्रिय भागीदारी से शोध करना। नवाचार किसान मॉडलों को ICAR ने विकसित किया है, जिसमें जलवायु अनुकूल अभ्‍यास, मॉडल और वॉटरशेड प्‍लेटफॉर्म पर आधारित शोध के तहत सहभागिता के साथ उच्‍च तकनीक वाले कृषि अभ्‍यास आदि शामिल हैं। इस समझौते के तहत सतत कृषि, एकीकृत कृषि प्रणाली, कृषि-वानिकी, पौधरोपण, बागवानी, पशु विज्ञान, कृषि-इंजीनियरिंग, फसल कटाई के बाद की तकनीक आदि क्षेत्रों में स्‍थान विशेष को ध्‍यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी के हस्‍तांतरण में मदद मिलेगी।

ICAR देश का एक प्रमुख संगठन है जो कृषि, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। यह 113 संस्थानों के अपने विशाल नेटवर्क के ज़रिये राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान और विस्‍तार प्रणाली पर कार्य करता है। दूसरी ओर, NABARD एक प्रमुख संगठन है जो ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और अन्य गतिविधियों के लिये ऋण हेतु नीति बनाने, योजना तैयार करने और इसे संचालित करने का कार्य करता है।


नेपाल ने 72 साल पुराने त्रिपक्षीय समझौते की समीक्षा की मांग की

नेपाल के विदेश मंत्री ने 72 साल पुराने त्रिपक्षीय समझौते की समीक्षा की माँग की है। यह समझौता किसी विदेशी सेना में गोरखा युवाओं की भर्ती प्रक्रिया में नेपाल को कोई भूमिका निभाने की अनुमति नहीं देता। इस समझौते के कुछ प्रावधान अब अप्रासंगिक हो गए हैं। इसलिये नेपाल ने ब्रिटेन से इसकी समीक्षा करने और इसे द्विपक्षीय समझौता बनाने की बात कही है। नए समझौते में ब्रिटिश सेना के गोरखा जवानों की पेंशन समेत कई समस्याओं का समाधान भी होना चाहिये। नेपाल ने यह मांग ऐसे समय की है, जब ब्रिटिश सेना गोरखा बिग्रेड में पहली बार नेपाली महिलाओं की भर्ती करने की तैयारी में है। पिछले वर्ष यह बात सामने आई थी कि ब्रिटिश सेना के गोरखा ब्रिगेड में वर्ष 2020 तक महिलाओं को शामिल कर लिया जाएगा। इसके मुताबिक, इस भर्ती की चयन प्रक्रिया पुरुषों की चयन प्रक्रिया जैसी ही होगी। गौरतलब है कि करीब 200 वर्षों से गोरखा ब्रिगेड ब्रिटेन की सेना का हिस्‍सा बनी हुई है।

ब्रिटेन वर्ष 1815 से अपनी सेना में गोरखा जवानों की भर्ती कर रहा है। वर्ष 1947 में भारत में ब्रिटिश शासन खत्म होने के बाद नई दिल्ली, लंदन और काठमांडू के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत भारतीय सेना की चार गोरखा रेजिमेंट को ब्रिटिश सेना में स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्तमान में ब्रिटिश सेना में लगभग 3000 से अधिक गोरखा सैनिक हैं। वर्तमान में इन जवानों की तैनाती इराक, अफगानिस्तान और बाल्कन में है। इस रेजिमेंट का युद्ध घोष 'कायरता से बेहतर मर जाना' है। गोरखा सैनिकों की गिनती दुनिया के सबसे तेज़ और फुर्तीले जवानों में होती है। ब्रिटेन की महारानी की रक्षा में लगे इन सैनिकों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। वर्ष 2007-2008 में अफगानिस्तान में तैनात प्रिंस हैरी रॉयल गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन के साथ काम कर चुके हैं।


मनोज मुकुंद नरवणे

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Lt. Gen. Manoj Mukund Naravane) भारतीय थल सेना के नए चीफ होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे वर्तमान में थल सेना के उपप्रमुख के रूप में सेवारत हैं। वर्तमान आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। जनरल नरवणे श्रीलंका में भारतीय शांति सेना का भी हिस्सा रहे हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकरोधी कार्रवाइयों का लंबा अनुभव है। साथ ही जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन के प्रभावी रूप से कमान के लिये उन्हें सेना पदक (विशिष्ट) से सम्मानित किया गया है।

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