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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (17 June)

  • 17 Jun 2019
  • 8 min read
  • निवेशकों की सहूलियत और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार नया श्रम विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें 44 पुराने श्रम कानूनों को वेतन, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक सुरक्षा एवं कल्याण और औद्योगिक संबंध, इन चार श्रेणियों के कानूनों में मिलाकर संहिता का रूप दिया जाएगा। 1. कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, कर्मचारी राज्य बीमा निगम अधिनियम, मातृत्व लाभ अधिनियम, भवन और अन्य निर्माण अधिनियम के साथ-साथ कर्मचारी मुआवज़ा अधिनियम जैसे सामाजिक सुरक्षा सबंधी कानूनों को मिलाकर एक सामाजिक सुरक्षा संहिता बनाई जाएगी। 2. फैक्ट्रीज़ एक्ट, माइंस एक्ट, डॉक वर्कर्स (सेफ्टी, हेल्थ एंड वेलफेयर) एक्ट जैसे कुछ औद्योगिक सुरक्षा और कल्याण कानूनों को मिलाकर एक नया कानून बनाया जाएगा। 3. न्यूनतम मज़दूरी कानून, मज़दूरी भुगतान अधिनियम, बोनस भुगतान कानून, समान पारितोषिक अधिनियम और कुछ अन्य संबंधित कानूनों को मिलाया जाएगा। 4. औद्योगिक विवाद कानून, 1947 एवं ट्रेड यूनियंस एक्ट, 1926 और इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयमेंट (स्टैंडिंग ऑर्डर) एक्ट, 1946 को लेबर कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशंस में समाहित किया जाएगा।
  • इंटरनेट ट्रेंड्स पर मैरी मीकर रिपोर्ट 2019 के मुताबिक भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूज़र बन गया है। वैश्विक स्तर पर भारत सभी इंटरनेट यूज़र्स की मामले में 12% का योगदान देता है। इस रिपोर्ट में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी रिलायंस जियो को अमेरिका से बाहर सबसे ज़्यादा नवोन्मेषी इंटरनेट कंपनी बताया गया है, जो 30.7 करोड़ मोबाइल ग्राहकों के साथ रिलायंस जियो ई-कॉमर्स के लिये ऑफलाइन पहुँच का विस्तार कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कि 3.9 अरब इंटरनेट यूज़र्स दुनिया की आधी से अधिक आबादी है और चीन के पास वैश्विक स्तर पर सभी इंटरनेट यूज़र्स का सबसे बड़ा आधार 21% है। अमेरिका में वैश्विक इंटरनेट यूज़र्स का 8% आधार है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक इंटरनेट यूज़र्स की वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी है। 2018 में यह वृद्धि 6% थी, जो उससे पिछले वर्ष 7% थी, इस प्रकार से इसमें 1% की कमी आई है।
  • 12 जून को कंबोडिया के सीएम रीप (Siem Reap) में तीन दिवसीय 16वाँ एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन 2019 शुरू हुआ। इस वर्ष इसकी थीम मीडिया के डिजिटलीकरण पर रखी गई। इस शिखर सम्मेलन में 42 देशों के 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन कंबोडिया के सूचना मंत्रालय ने एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान के साथ मिलकर किया। ज्ञातव्य है कि एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण कार्यक्रमों में से एक है तथा इसमें मीडिया की गुणवत्ता को बेहतर बनाने तथा चुनौतियों का सामना करने पर चर्चा की जाती है। गौरतलब है कि 15वें एशिया मीडिया शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में 10 से 12 मई 2018 तक भारतीय जनसंचार संस्थान और ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कन्सलटेंट इंडिया लिमिटेड ने मिलकर किया था।
  • ब्रिटेन की सरकार ने एक मसौदा कानून पेश किया है जिसमें समग्र कार्बन उत्सर्जन को वर्ष 2050 तक घटाकर शून्य करने का लक्ष्य बनाया गया है। ऐसा कदम उठाने वाला ब्रिटेन विश्व की पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है। पूरे देश में कार्बन उत्सर्जन समाप्त करने के लिये ब्रिटेन को ठोस कदम उठाने की ज़रूरत पड़ेगी। वैसे ब्रिटेन में 2008 में पारित जलवायु परिवर्तन कानून के तहत इस दौरान कार्बन उत्सर्जन में 80 प्रतिशत तक की कटौती की जानी है। ब्रिटेन की जलवायु परिवर्तन समिति के अनुसार, समय-सीमा में यह लक्ष्य हासिल करने के लिये नई नीतियाँ बनानी होंगी, जिसमें वर्ष 2035 तक सभी नई कारों और वैन को इलेक्ट्रिक मोड पर लाना और कम कार्बन उत्सर्जन वाला बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ाना शामिल होगा।
  • रॉयल बोटैनिकल गार्डन, केव और स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि पिछले 250 वर्षों में पौधों की 500 से अधिक प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं। यह आँकड़ा विलुप्त हो चुके पौधों की वर्तमान सूची से चार गुना अधिक है। इस अध्ययन में यह बताया गया है कि इस अवधि में पौधों की कितनी प्रजातियाँ कहाँ विलुप्त हुई हैं। विलुप्त हुए पौधों की प्रमुख प्रजातियों में बैंडेड ट्रिनिटी, चिली संडलवुड और सेंट हेलेना ओलिव आदि शामिल हैं। इन प्रजातियों के विलुप्त होने की एक बड़ी वज़ह मानवीय हस्तक्षेप को माना गया है। कई देशों में जंगलों को काटकर भूमि का इस्तेमाल कृषि कार्यों के लिये किया जाने लगा है। इसके अलावा ऐसे भी कुछ पौधे हैं, जो औषधियों और भोजन के रूप में अधिक इस्तेमाल होने की वज़ह से विलुप्त हो गए हैं।
  • 16 जून को पारिवारिक प्रेषण का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Family Remittances) मनाया गया। इस दिवस को प्रवासी श्रमिकों द्वारा अपने परिवारों को और उनके माध्यम से अपने मूल देशों के सतत विकास के लिये किए गए महत्त्वपूर्ण वित्तीय योगदान की सराहना करने के लिये मनाया जाता है। आपको बता दें कि 16 जून को IFD की गवर्निंग काउंसिल द्वारा वर्ष 2015 में पारिवारिक प्रेषण के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया गया था। यह दिन दुनियाभर में अपने लगभग 800 मिलियन परिवार के सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाने लिये 200 मिलियन से अधिक प्रवासियों के योगदान को मान्यता देता है। इस दिवस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य उन प्रभावों के बारे में जागरूकता लाना है जो इन योगदानों से लाखों परिवारों, समुदायों, देशों और क्षेत्रों पर भी पड़ता है।
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