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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 जनवरी, 2020

  • 23 Jan 2020
  • 4 min read

विज्ञान समागम

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र में 21 जनवरी, 2020 को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा दो महीनों तक चलने वाले ‘ विज्ञान समागम’ की शुरुआत की गई। इस प्रदर्शनी के माध्यम से छात्र एवं जनसामान्य विश्व भर में हो रहे बड़े अनुसंधानों तथा विज्ञान परियोजनाओं से अवगत हो सकेंगे। विज्ञान समागम का प्राथमिक लक्ष्य युवाओं को ब्रह्मांड के रहस्यों और क्रमिक विकास के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना है। इसके अलावा उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में कॅरियर बनाने हेतु प्रेरित कर सके ताकि वे राष्ट्र की बौद्धिक पूंजी एवं वृद्धि में योगदान दे सकें।

ह्यूमनॉइड रोबोट ‘व्योममित्र’

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) ने ‘व्योममित्र’ नामक ह्यूमनॉइड रोबोट का प्रदर्शन किया है। इस रोबोट की मुख्य विशेषता यह है कि यह इंसानों की तरह बात कर सकती है। ध्यातव्य है कि गगनयान की उड़ान से पूर्व परीक्षण के तौर पर ह्यूमनॉइड रोबोट ‘व्योममित्र’ को आकाश में भेजा जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि अंतरिक्ष में तापमान और ह्रदय संबंधी परिवर्तन मानव शरीर को किस प्रकार प्रभावित करेंगे? इसरो ने मिशन गगनयान के लिये दिसंबर, 2021 तक की समय सीमा निर्धारित की है। इस मिशन के लिये अंतरिक्ष यात्रियों का चयन हो चुका है और उन्हें शुरूआती प्रशिक्षण भारत में एवं एडवांस प्रशिक्षण रूस में दिया जाएगा।

सुभाष चंद्र बोस जयंती

भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के महान नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 123वीं जयंती है। 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में जन्मे सुभाष चंद्र बोस ने ‘आज़ाद हिंद फौज’ नाम से पहले भारतीय सशस्त्र बल की स्थापना की थी। उन्होंने वर्ष 1920 में इंग्लैंड में ब्रिटिश सरकार की प्रतिष्ठित ICS यानी इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा पास की थी। हालाँकि कुछ दिनों बाद ही 23 अप्रैल, 1921 में उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष को देखते हुए इस्तीफा दे दिया। जिसके पश्चात् वे स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल हुए और वर्ष 1938 तथा 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। सुभाष चंद्र बोस की 18 अगस्‍त, 1945 को विमान हादसे में रहस्‍यमयी ढंग से मौत हो गई थी। नेताजी की मौत आज भी लोगों के लिये पहेली बनी हुई है।

जयपुर साहित्‍योत्‍सव

23 जनवरी, 2020 से जयपुर साहित्‍योत्‍सव की शुरुआत हो गई है। इस पाँच दिवसीय उत्सव में 200 से अधिक सत्रों का आयोजन किया जाएगा, इसमें 20 देशों से 500 प्रवक्ता हिस्सा लेंगे। इस उत्सव में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, बुकर पुरस्कार विजेता होवार्ड जैकबसन और एलिज़ाबेथ गिल्बर्ट जैसे प्रसिद्ध लोग भी प्रतिभाग करेंगे। उत्सव के दौरान जलवायु, संविधान, काव्य तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

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