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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 जुलाई, 2020

  • 09 Jul 2020
  • 6 min read

रयुतु दिनोत्सवम (किसान दिवस)

08 जुलाई, 2020 को आंध्रप्रदेश राज्य में रयुतु दिनोत्सवम (Rythu Dinotsavam) अथवा किसान दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिवस का आयोजन मुख्य रूप से आंध्रप्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी (YS Rajasekhara Reddy) की जयंती के उपलक्ष में किया जाता है। राज्य में इस दिवस का आयोजन सर्वप्रथम वर्ष 2019 में किया गया था, जब राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य में प्रत्येक वर्ष 08 जुलाई को रयुतु दिनोत्सवम अथवा किसान दिवस के रूप में मनाने को लेकर एक सरकारी आदेश जारी किया था। वाईएस राजशेखर रेड्डी का जन्म 08 जुलाई, 1949 को हुआ था और वे आंध्रप्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक इस पद पर रहकर अपनी सेवाएँ दी थीं। वाईएस राजशेखर रेड्डी अपने राजनैतिक कैरियर के दौरान कुल चार बार संसद सदस्य और कुल पाँच बार विधायक चुने गए। वाईएस राजशेखर रेड्डी को मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल में किये गए विभिन्न सुधारों के लिये जाना जाता है, उन्होंने आंध्रप्रदेश के कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र पर काफी परिवर्तनकारी प्रभाव डाला। आंध्रप्रदेश, भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित तकरीबन 49.67 मिलियन आबादी (वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर) वाला राज्य है। आंध्रप्रदेश का कुल क्षेत्रफल 1,60,205 वर्ग किमी है और राज्य में कुल 13 ज़िले हैं। ध्यातव्य है कि आंध्रप्रदेश भारत में भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य था। 

हवा के माध्यम से भी संभव है COVID-19 का प्रसार: WHO

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हवा के माध्यम से कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रसार की बात को स्वीकार किया है, इस संबंध में वैज्ञानिकों के एक वैश्विक समूह ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आग्रह किया कि वह इस दिशा में जल्द-से-जल्द वैश्विक समुदाय को अपडेट करे।  इससे पूर्व WHO ने कहा था कि कोरोना वायरस (COVID-19) जो कि श्वसन रोग का कारण बनता है, मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुँह से निकलने वाली छोटी बूंदों (Small Droplets) के माध्यम से फैलता है जो कि अधिक समय तक हवा में नहीं रहते हैं और जल्द ही ज़मीन पर गिर जाते हैं। गौरतलब है कि चीन में कोरोना वायरस (COVID-19) का पहला मामला आने के बाद से अब तक 7 महीने से भी अधिक समय बीत चुका है, किंतु अभी भी इस वायरस के संबंध में ज़्यादा जानकारी एकत्रित नहीं की जा सकी है और दुनिया भर के तमाम वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि यह वायरस किस प्रकार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और किस प्रकार इसे रोका जा सकता है। ध्यातव्य है कि हवा के माध्यम से प्रसारित होने कारण यह वायरस स्वास्थ्य कर्मियों के लिये और भी खतरनाक हो गया है, विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को उचित उपकरणों जैसे- व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) आदि के बिना कार्य नहीं करना चाहिये।

सफलतापूर्वक पूरा हुआ ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’

COVID-19 महामारी के दौरान भारतीय नागरिकों को विदेश से वापस लाने के प्रयासों के तहत 5 मई, 2020 को शुरू किया गया ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ (Operation Samudra Setu) का समापन हो गया है, ध्यातव्य है कि इस ऑपरेशन के तहत अब तक समुद्री मार्ग से कुल 3,992 भारतीय नागरिकों को वापस भारत लाया गया है। इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना के INS जलाश्व, INS ऐरावत, INS शार्दुल तथा INS मगर ने हिस्सा लिया था, भारतीय नौसेना का यह ऑपरेशन लगभग 55 दिन तक चला और इस दौरान समुद्र में 23,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तय की गई। उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना इससे पूर्व वर्ष 2006 में ऑपरेशन सुकून (Operation Sukoon) और वर्ष 2015 में आपरेशन राहत (Operation Rahat) के तहत भी इस प्रकार के निकासी अभियान चला चुकी है। ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ मुख्य रूप से भारतीय नौसेना द्वारा COVID-19 महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने हेतु शुरू किया गया था। भारतीय नौसेना के अनुसार, इस पूरे ऑपरेशन के दौरान वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना सेना के लिये सबसे बड़ी चुनौती थी और इसे मद्देनज़र रखते हुए आवश्यक चिकित्सा/सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किये गए थे।

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