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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 19 मार्च, 2018

  • 19 Mar 2018
  • 11 min read

नवाचार एवं उद्यमशीलता पर्व (Festival of Innovation and Entrepreneurship-FINE)

प्रमुख बिंदु 

  • 19 मार्च को राष्ट्रपति भवन में नवाचार एवं उद्यमशीलता पर्व (FINE) का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन किया जाएगा और सोसाइटी फॉर रिसर्च एंड इनिशिएटिव्स फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीस एंड इंस्टीट्यूशंस (SRISTI) द्वारा गठित गांधीवादी युवा प्रौद्योगिकीय नवाचार पुरस्कार भी प्रदान किये जाएंगे।
  • FINE नवाचारों को स्वीकृति देने, सम्मानित करने, प्रदर्शित करने तथा नवोन्मेषकों के लिये एक सहायक प्रणाली को बढ़ावा देने से संबंधित एक पहल है जिसका आयोजन 19 से 23 मार्च, 2018 तक राष्ट्रपति भवन में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा राष्ट्रीय नवोन्मेषण फाउंडेशन, इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है।
  • FINE नवोन्मेषकों के लिये संभावित हितधारकों के साथ संपर्क स्थापित करने का एक मंच मुहैया कराएगा जिसका सहयोग नवोन्मेषकों को उनके विचारों को व्यापक सामाजिक कल्याण के लिये कार्यान्वित की जाने वाली परियोजनाओं में परिणत करने में सहायक हो सकता है।
  • FINE में एक ‘इन-रेसीडेंस‘ कार्यक्रम भी शामिल है जिसके एक हिस्से के रूप में 10 नवोन्मेषण विद्वानों का एक समूह प्रेसीडेंट एस्टेट में रहेगा और उन्हें संरक्षण एवं मुख्य हितधारकों के साथ विचारों को साझा करने का एक अवसर उपलब्ध होगा।

SRISTI-सृष्टि

  • सृष्टि (हिंदी में अर्थ है सृजन) की स्थापना 1993 में ज़मीनी स्तर पर सृजनात्मकता की पहचान, सम्मान और पुरस्कार देने की हनी बी नेटवर्क (Honey Bee Network) की गतिविधियों को समर्थन देने के लिये की गई थी।
  • हनी बी निष्पक्ष, प्रामाणिक और जवाबदेह संभाषण दर्शन का प्रतीक है। यह लोगों-को-लोगों से सीखने के लिये प्रोत्साहित करता है।
  • सृष्टि ज्ञान से समृद्ध, लेकिन आर्थिक रूप से गरीब लोगों को उनकी समकालीन रचनात्मकता और उनके परंपरागत ज्ञान में मूल्य जोड़कर सशक्त बनाने के लिये समर्पित है
  • सृष्टि के कार्य हैं : व्यवस्थित दस्तावेज़ीकरण, ज़मीनी हरित नवप्रवर्तनों का प्रसार और उनका मूल्यवर्द्धन, मूल स्थान पर या इसके बाहर स्थानीय जैव विविधता और जुड़े ज्ञान प्रणालियों के संरक्षण में मदद करने के अलावा बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण और जोखिम पूंजी समर्थन का प्रावधान करना।

राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम (Street Light National Programme)

बिहार के आरा ज़िले में SLNP के तहत केवल तीन सप्ताह के रिकॉर्ड समय में 4,611 स्मार्ट LED लगाई गई हैं। आरा नगर निगम की इससे प्रतिवर्ष 27 लाख किलोवाट ऊर्जा तथा सात वर्षों के दौरान 13.6 करोड़ रुपए की बचत करने की उम्मीद है।

प्रमुख बिंदु 

  • SLNP देश में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिये सरकार की एक पहल है जिसकी शुरुआत 5 जनवरी, 2015 को प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी।
  • इसका उद्देश्य मार्च 2019 तक 1.34 करोड़ तथा समग्र रूप से 3.5 करोड़ पारंपरिक स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा कुशल LED लाइट लगाना है।
  • SLNP को ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (EESL) द्वारा लागू किया जा रहा है, जो ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है।
  • इस कार्यक्रम से 900 करोड़ यूनिट बिज़ली और स्थानीय निकायों के लगभग 5500 करोड़ रुपए की प्रतिवर्ष बचत होगी।
  • इसके तहत अभी तक 28 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 49 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई जा चुकी हैं।  

LED बल्ब के लाभ 

  • ये साधारण बल्ब की तुलना में 50 गुना अधिक समय तक चलते है।
  • CFL की तुलना में 8 से 10 गुना अधिक टिकाऊ होते है।
  • कम बिजली की खपत में अधिक रोशनी देते हैं। इसीलिये इनसे बिजली और पैसे दोनों की बचत होती है।
  • इनमें मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिये कोई हानिकारक पदार्थ नहीं होता है।
  • शीघ्रता से चालू और बंद होते हैं। अत: बार–बार ON-OFF से इनके जीवनकाल पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
  • कम वोल्टेज पर भी बेहतर तरीके से काम करते हैं।

आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर भारत-जापान की संयुक्त कार्यशाला

विश्व के दो सर्वाधिक आपदा संभावित देश भारत और जापान द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction-DRR) पर पहली कार्यशाला का आयोजन 19 मार्च से किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • इस कार्यशाला का आयोजन संयुक्त रूप से भारत और जापान की सरकारों के गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है।
  • यह कार्यशाला 2017 में भारत-जापान के बीच हस्ताक्षर किये गए सहयोग समझौते का परिणाम है जिसका उद्देश्य DRR में सहयोग के क्षेत्रों पर एक विशिष्ट द्विपक्षीय कार्य योजना का विकास करना है।
  • 19 मार्च से शुरू होने वाली इस दो दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञ आपदा जोखिम कम करने (DRR), खासकर भूकंपों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
  • जापान प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर के तट पर स्थित है और भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील देश है।
  • विनाशकारी भूकंपों के इसके लंबे इतिहास को देखते हुए, जापान में समुदायिक जागरूकता का स्तर बेहद उच्च है।
  • इसका प्रौद्योगिकीय ज्ञान, विशेष रूप से, भूकंप जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में दुनिया के सर्वाधिक उन्नत देशों में से एक है।
  • भारत में तेज़ी से शहरीकरण हो रहा है और अवसंरचना क्षेत्र में व्यापक निवेश तय है। चूँकि भारत के भू-भाग का लगभग 59% मध्यम से बेहद तीव्र आवेग वाले भूकंपों के प्रति संवेदनशील है, यह न केवल किसी भूकंप की स्थिति में मानव जीवन को बचाएगा बल्कि आर्थिक रूप से भी यह लाभदायक है।
  • यह कार्यशाला ऐसे खोज करने का अवसर भी प्रस्तुत करेगी कि किस प्रकार जापान अपनी अवसंरचना को वर्तमान एवं भविष्य के आपदा जोखिमों से निपटने के अनुकूल बनाए रखने में निवेश करता है।

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2018

  • संयुक्त राष्ट्र की संस्‍था सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्‍यूशंस नेटवर्क (SDSN) द्वारा हाल ही में जारी वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत को 156 देशों की सूची में 133वें स्थान पर रखा गया है। 2017 की रिपोर्ट में भारत 122 वें स्थान पर था।
  • यह इस सीरीज़ की छठी रिपोर्ट है। 2012 में ऐसी पहली रिपोर्ट जारी की गई थी।

प्रमुख बिंदु

रिपोर्ट में देशों की रैंकिंग निम्नलिखित 6 कारकों पर आधारित है-

  • प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 
  • स्वस्थ जीवनकाल 
  • सामाजिक सुरक्षा
  • आपसी विश्वास (सरकार और निजी कारोबार में भ्रष्टाचार को लेकर आम धारणा)  
  • सामाजिक स्वंतत्रता (अपनी जिंदगी के फैसले लेने में लोग कितना स्वतंत्र महसूस करते हैं)
  • उदारता (हाल में दिये गए चंदे)

भारत की अन्य देशों से तुलना

  • इस बार की सूची में भारत की रैंकिंग में 11 स्थान की गिरावट हुई है। भारत के पड़ोसी देश और अन्य सार्क देश इस मामलें में अच्छी स्थिति में हैं।
  • भारत के पड़ोसी देशों में 75वें स्थान के साथ पाकिस्‍तान सर्वाधिक प्रसन्न देश है।
  • इस सूची में चीन को 86वाँ स्‍थान दिया गया है और भूटान तथा नेपाल को क्रमश: 97वाँ और 101वाँ स्थान दिया गया है।
  • रोहिंग्या-बौद्ध नृजातीय संघर्ष से जूझ रहे म्‍याँमार को इस सूची में 130वें स्‍थान पर तथा बांग्‍लादेश और श्रीलंका को क्रमश: 115वें और 116वें स्थान पर रखा गया है।
  • अफगानिस्तान ही वह एकमात्र देश है जिसका स्थान भारत से नीचे (145वाँ) है।

वैश्विक परिदृश्य

  • फिनलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड और स्विट्जरलैंड विश्व के सर्वाधिक प्रसन्न देश हैं, जबकि बुरुंडी, मध्य अफ्रीका, दक्षिणी सूडान, तंजानिया, यमन इस सूची में सबसे निचले पायदान पर अवस्थित देश है।
  • भारत के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों की रैंकिंग में भी कमी देखने को मिली है। इस सूची में अमेरिका और ब्रिटेन क्रमश: 18वें और 19वें स्थान पर हैं।
  • अमेरिका 2017 में 14वें स्थान पर था। अमेरिका में तनाव और अवसाद, मोटापा, मादक पदार्थों के उपयोग जैसी समस्याएँ तेजी से बढ़ी हैं। अमेरिका में लोग अमीर तो होते जा रहे है किंतु खुशहाली कम होती जा रही है।
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